सतना जननी सुरक्षा और प्रसूति सहायता योजना का लाभ हितग्राहियों को नहीं मिल पा रहा था। लोग शिकायतें सीएम हेल्पलाइन में दर्ज करा रहे थे, लेकिन योजनाओं का लाभ मिल रहा था। शिकायतें भी निराकृत नहीं हो रही थीं। इस मामले में सतना प्रदेश की सूची के बॉटम में था।
संचालनालय स्वास्थ्य सेवा ने लापरवाही पर नाराजगी जताई और सीएमएचओ डॉ एल के तिवारी को सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए। सीएमएचओ डॉ तिवारी ने प्रत्येक सप्ताह विकासखंडवार जननी
53 फीसदी शिकायतों का निराकरण जननी सुरक्षा और प्रसूति सहायता की कुल 203 शिकायतों का निराकरण किया गया। इसमें 134 शिकायतों का संतुष्टि के बाद निराकृत की गई। वहीं 68
शिकायतों का स्पेशल क्लोज और आंशिक बंद की गई। जननी सुरक्षा और प्रसूति सहायता की शिकायतों के निराकरण में सतना बॉटस से नौवें स्थान पर आ गया है।
सीएमएचओ ने लापरवाही को गंभीरता से लेते हुए मैहर, नागौद, अमरपाटन और मझगवां के बीएमओ, बीपीएम, बीसीएम, डाटा एंट्री ऑपरेटर और संबंधित शाखा के प्रभारी का वेतन रोक दिया। अन्य जिम्मेदारों को शिकायतें निराकृत नहीं करने पर अवैतनिक करने की चेतावनी दी। नतीजन शिकायतें निराकृत हुई और पात्र हितग्राहियों को लोगों को योजना का लाभ मिला।
श्रमिक सेवा प्रसूति सहायता योजना की समीक्षा शुरू की। स्वास्थ्य अधिकारियों को हिदायत दी गई सुरक्षा योजना और मुख्यमंत्री लेकिन इससे काम नहीं चला। तब वेतन रोक दिया।
सीएमएचओ ने सख्त रुख अपनाया। दो चेतावनी के बाद लापरवाही करने बालों पर कार्रवाई की जाएगी