सार्वभौमिक राष्ट्रीय टीकाकरण और वेक्टर बोर्न डिसीज एण्ड देयर इम्पेक्ट ऑन डिस्ट्रिक्ट झाबुआ विषय पर व्याख्यानमाला का आयोजन-आंचलिक ख़बरें-राजेंद्र राठौर

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झाबुआ , शहीद चंद्रशेखर आजाद, शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय झाबुआ के प्राणीशास्त्र विभाग में विश्व बैंक परियोजना के द्वारा गुणवत्ता उन्नयन गतिविधियों के अंतर्गत व्याख्यानमाला का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एवं मुख्य वक्ता डॉ. राहुल गणावा, जिला टीकाकरण अधिकारी और डी.एस. सिसोदिया, जिला मलेरिया अधिकारी झाबुआ थे। कार्यक्रम के विशेष अतिथि प्रशासनिक अधिकारी डॉ. रविंद्र सिंह, डॉ. अंजना सोलंकी, डॉ. संजु गांधी और डॉ. वी.एस. मेड़ा थे। कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलन अतिथियों के द्वारा किया गया। सरस्वती वंदना व स्वागत गीत एम.एससी. के विद्यार्थियों द्वारा प्रस्तुत की गई। अतिथियों का स्वागत उद्बोधन अध्यक्षता प्राचार्य डॉ. जे.सी सिन्हा द्वारा की गई।

अतिथि उद्बोधन में डॉ. जे.सी सिन्हा ने डॉ. राहुल गणावा एवं डी.एस. सिसोदिया द्वारा जिले में किए जा रहे सराहनीय कार्यों के लिए उनकी प्रशंसा करते हुवे विद्यार्थियों से कहा कि इसी कॉलेज में पढ़ने वाले विद्यार्थियों के द्वारा लगातार जिले की उन्नति के लिए निरंतर कार्य किया जा रहे है। मुख्य अतिथि व मुख्य वक्ता डॉ. राहुल गणावा ने सार्वभौमिक राष्ट्रीय टीकाकरण के अंतर्गत ओपीवी, बीसीजी, मीजल्स, पेन्टावेलेन्ट, कोविड वैक्सीन की संपूर्ण जानकारी विद्यार्थियों से साझा की।WhatsApp Image 2023 01 24 at 6.21.44 PM 1

उन्होने बताया कि कोरोना काल में स्वास्थ्य सेवाएं निरंतर हितग्राहियों को लगातार मिलती रही हैं और भारतवर्ष में और मध्यप्रदेश जिले में झाबुआ जिला प्रथम और द्वितीय डोज में 100प्रतिशत टीकाकरण कर चुका है और बूस्टर डोज लगाने का कार्य लगातार किया जा रहा है। कोविड टीकाकरण मे जिला झाबुआ ने ट्राईबल जिला जिसमे कई चुनौतिया के रही बावजूद ट्राईबल जिलो मे प्रदेश मे प्रथम डोज व द्वितीय डोज लगाने में पहला स्थान व सम्पूर्ण मध्यप्रदेश मे तीसरे स्थान पर रहे है। नियमित टीकाकरण मे सम्पूर्ण प्रदेश मे पूर्ण टीकाकरण मे पहले स्थान पर रहा है।

एनएफएचएस 5 में सम्पूर्ण देश मे सबसे अधिक जम्प 64 प्रतिशत एक कैलेंडर ईयर मे 25प्रतिशत से 90प्रतिशत पूर्ण टीकाकरण मे उपलब्धि प्राप्त की गई। साथ ही उन्होंने विद्यार्थियों को से अनुरोध किया कि गर्भवती माताओं एवं जीरो से लेकर के 16 वर्ष तक के बच्चों में विभिन्न तरह की बीमारियों से बचाने के लिए टीकाकरण की जानकारी दे।
यूविन पोर्टल पर गर्भवती माताओं और नवजात बच्चों के अपडेशन की जानकारी भी विद्यार्थियों को दी गई। इस पोर्टल के माध्यम से जन्म लेने वाले बच्चे को अपने 16 वर्ष तक की आयु के संपूर्ण टीकाकरण की जानकारी उपलब्ध हो सकेगी। हाल ही में रेखा दिनेश के बेटे की पोर्टल पर अपडेशन भारत देश में सबसे पहले झाबुआ जिले के द्वारा ही किया गया है।
यह झाबुआ जिले के लिए एक बहुत बड़ी उपलब्धि है।

डी.एस. सिसोदिया द्वारा वेक्टर बोर्न डिसीजिस मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया, जेपनीस एनसिफेलाइटीस, लिम्फेटीक, फाईलेरीयसिस, काला आजार के बारे में विस्तृत जानकारी विद्यार्थियों को दी गई कि किस तरह से मादा एनाफिलीज, ऐडीस और क्यूलेक्स मच्छरों के द्वारा विभिन्न तरह की बीमारियां मानव में होती है और इनका सही उपचार नहीं किया गया तो यह मनुष्य के जीवन के लिए घातक हो सकती हैं।

झाबुआ जिले में 2015 के बाद से मलेरिया, चिकनगुनिया, डेंगू के रोगियों की संख्या निरंतर कम हो रही है इसके लिए मलेरिया विभाग सतत कार्य कर रहा है। जिले में फायलेरियेसिस का अभी तक कोई भी केस रजिस्टर्ड नहीं किया गया है। सिसोदिया ने विद्यार्थियों से अनुरोध किया कि वह अपने घरों में लंबे समय तक बर्तनों में या अन्य साधनों में पानी को एकत्रित करके ना रखें उनका निरंतर उपचार करते रहें और मच्छरों द्वारा होने वाली बीमारियों से स्वयं को अपने आसपास निवास करने वाले लोगों को सुरक्षित रखा जा सकता है, बचाव ही सुरक्षा है। ग्रामवासियों में बीमारियों को लेकर के सही जानकारी ना होने से वे समय पर अपना इलाज नहीं कर पाते हैं इसलिए विद्यार्थियों को जागरूक होना चाहिए ताकि वे बीमारियों से संबंधित सही जानकारी अपने ग्राम में निवास करने वाले निवासियों को दे सकें।

व्याख्यानमाला में महाविद्यालय के वरिष्ठ प्राध्यापक डॉ.आर. एस. अजनार, सुश्री बस्सौ पनेरिया, डॉ. गोपाल भूरिया, डॉ. अंजना ठाकुर, डॉ. एस.के. सिकरवार, डॉ. लवीना चैहान, डॉ. राजू बघेल, डॉ. जेमाल डामोर, डॉ. एल.एस. ब्राह्मणे, डॉ. मुकामसिंह चैहान,डॉ. श्रेया सिन्हा, डॉ. संदीप चरपोटा, प्रो. रितेश तंवर, प्रो. बी.एस. सिंगार, प्रो. प्रवेश जाटव, डॉ.रोहित सिंह, डॉ. रामगोपाल सिंह, और एम.एस.सी. प्राणीशास्त्र पूर्वार्ध और उत्तरार्ध के विद्यार्थी उपस्थित रहे। कार्यक्रम का आयोजन प्राणीकी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. रीना गणावा, डॉ. रीता गणावा, डॉ. रंजना रावत, डॉ. मनीषा सिसोदिया के मार्गदर्शन में किया गया।

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