राजेंद्र राठौर
भव्य समारोह में झाबुआ मे महा गिरजाघर का हुआ अनावरण, पॉप फ्रांसिस के प्रतिनिधि के रूप में वेटिकन के राजदूत आर्च बिशप लियोपोल्डो जीरैली ने झाबुआ पहुंचकर, 25 मार्च सुबह भव्य समारोह में महा गिरजाघर का अनावरण किया। आर्च बिशप लियोपोल्डो जीरेली शनिवार प्रातः साढ़े 10 कैथोलिक मिशन स्कूल प्रांगण में पहुंचे, यहां उनका आदिवासी संस्कृति ढोल मांदल और नृत्य के साथ स्वागत किया गया। छोटे-छोटे बच्चों द्वारा स्वागत नृत्य करते हुए, आर्चबिशप को महा गिरजा घर के मुख्य द्वार पर ले जाया गया. यहां महिलाओं द्वारा उनकी आरती उतारकर तिलक लगाया गया। यहां सर्वप्रथम शिलालेख का अनावरण किया, उसके बाद महा गिरजाघर का निर्माण करने वाले ठेकेदार मेडा द्वारा बिशप को अपने हाथों से महा गिरजाघर की चाबी सौंपी गई, उसके पश्चात बिशप ने गिरजाघर का ताला खोलकर अनावरण किया। विधि विधान से पूजा कर गिरजाघर को शुद्ध जल से पवित्र किया गया।
आर्चबिशप लियोपोल्डो और अन्य बाहर से पधारे हुए फादर का, आदिवासी संस्कृति के प्रतीक साफा और आदिवासी जैकेट पहनाकर, और प्रशस्ति पत्र देकर सम्मान किया गया। हजारों की संख्या में धर्मावलंबी उपस्थित थे। आर्चबिशप लियोपोल्डो ने अपने उद्बोधन में कहा मैं यहां आकर आप सभी के प्यार मैं सम्मोहित हो गया। इस माह गिरजाघर को बनाने में पैसे के अलावा आप सबका सहयोग सराहनीय है, इतना विशाल और भव्य गिरजाघर आप सब को समर्पित है। मैं आज साफा और जैकेट पहन कर अपने आपको आदिवासी महसूस कर रहा हूं, आपके प्यार और विश्वास के लिए मैं आपका आभारी हूं। महा गिरजाघर की कलाकृति को देख कर मैं बहुत खुश हूं। गिरजा घर को बनाने वाले ठेकेदार मेडा को साफा और जैकेट पहना कर प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया।