राजेंद्र राठौर
‘‘आदान विक्रेता उन्नत कृषिगत प्रौद्योगिकी के गुढ़ रहस्यो को महीनता से समझकर किसान समुदाय की आजिविका उन्नयन में सहभागी बने ’’
‘‘ जिले के 75 कृषि आदान विक्रेताओ को मिला कृषि डिप्लोमा प्रमाण-पत्र’’
झाबुआ जिले के कृषि डिप्लोमाधारी आदान विक्रेता बनेगें कृषिगत क्षेत्र के विषेष सलाहकार
कृषि आदान व्यवसायी अब विषेषज्ञ की भूमिका में – जिले के उर्वरक और कीटनाशी विक्रेताओ को कृषि पाठ्यक्रम का डिप्लोमा
झाबुआ , मानवसभ्यता के विकास के साथ ही खेती किसानी में नित नई विधाओं को अपनाने का सुदीर्घ इतिहास रहा है। वैज्ञानिक अनुसंधानो से कृषिगत क्षेत्र में विकसित नित नई उन्नत तकनीक अपनाने मे भी किसान समुदाय कभी पिछे नही रहा। मेहनतकष किसान समुदाय के दिन रात परिश्रम और उन्नत कृषिगत तकनीक के सुयोग से देश के कृषिगत क्षेत्र में उपलब्धियों और विकास के नये आयाम गढे़ है। किन्तु बदलते हुऐ वैष्विक परिवेष के मद्देनजर यह आवष्यक है कि कृषिगत क्षेत्र की टिकाउ उन्नति और उत्तरोत्तर आर्थिक विकास के लिये नवीन तकनीक के प्रचार-प्रसार में व्यवसायी समुदाय की सक्रिय भागीदारी भी सुनिष्चित की जावे। कृषि आदान व्यवसाय के क्षेत्र में दषको से जुडे व्यापारी समुदाय को नवीन और उन्नत वैज्ञानिक कृषि तकनीक और समझ से सुपरिचित करवाने के लिये भारत सरकार द्वारा प्रारंभ डिप्लोमा पाठ्यक्रम एक महत्वपूर्ण अवसर प्रदान करता है। डिप्लोमा पाठ्यक्रम के माध्यम से जिले के आदान विक्रेता बंधु उन्नत कृषिगत प्रोद्योगिकी के गुढ़ रहस्यो को महीनता से समझकर किसान समुदाय की आजिविका उन्नयन में कन्धे से कन्धा मिलाकर अपना योगदान दे सकेगे। कीटनाशको और उर्वरक विक्रय के साथ-साथ उनके न्यायोचित ढ़ंग से उपयोग के बारे में भी किसानो को बेहतर ढ़ंग से जानकारी देने में डिप्लोमा पाठ्यक्रम आदान व्यवसायीयों के लिये मददगार साबित होगा। उक्त उद्गार व्यक्त करते हुऐ मुख्य अतिथी के रूप में झाबुआ रतलाम सांसदीय क्षेत्र के सांसद गुमान सिंह डामोर ने जिले के 75 आदान विक्रताओ को डिप्लोमा प्रमाण-पत्र वितरीत करते हुऐ बधाई शुभकामनाऐं प्रेषित की।
भारत सरकार की कृषि विस्तार क्षेत्र की देश की शीर्षस्थ संस्था मेनेज हैदराबाद द्वारा देष में कृषि आदान विक्रेताओ के लिये बहुआयामी डिप्लोमा पाठ्यक्रम संचालित किया जाता है। वर्ष 2020-21 में प्रारंभ झाबुआ जिले में डिप्लोमा पाठ्यक्रम की तृतीय और चतुर्थ बैच के अभ्यर्थीयों द्वारा डिप्लोमा पाठ्यक्रम परीक्षा सफलतापूर्वक उर्त्तीण करने के फलस्वरूप उनकी पत्रोपाधी प्रमाण-पत्र वितरण का कार्यक्रम क्षेत्रीय सांसद के मुख्य आतिथ्य में कृषि विज्ञान केन्द्र में आयोजित किया गया। कार्यक्रम में जिले के विभिन्न विकासखण्डो के 75 प्रतिभागीयों को उनके डिप्लोमा प्रमाण-पत्र वितरीत किये गये। लगभग 2 वर्ष से अधिक अवधी तक संचालित रहे डिप्लोमा पाठ्यक्रम के लिये जिले के कृषि आदान व्यवसायीयो द्वारा अनवरत कक्षाओ में भागीदारी करते हुऐ ज्ञानार्जन के फलस्वरूप डिप्लोमा प्रमाण-पत्र प्राप्त होने से पाठ्यक्रम की दोनो बैच के प्रतिभागीयो में हर्ष और उल्लास देखा गया। कृषि डिप्लोमा पाठ्यक्रम में पहली बार दो महिलाओ ने भी भागिदारी करते हुऐ डिप्लोमा प्राप्त किया। कल्याणपुरा की श्रीमती मंजुबाला जैन और रानापुर की श्रीमती प्रिति संदेष सेठिया ने पूरी लगन और मेहनत से पढाई करते हुऐ डिप्लोमा पाठ्यक्रम की परीक्षा सफलतापूर्वक उर्त्तीण करते हुऐ प्रमाण-पत्र प्राप्त किया। डिप्लोमा पाठ्यक्रम बैच की ओर से प्रतिनिधित्व उद्बोधन राजेन्द्र जैन थांदला, होजेफा बुरहान भाई पिटोल द्वारा दिया गया। राजेन्द्र जैन ने डिप्लोमा पाठ्यक्रम के दौरान अभ्यर्थीयो द्वारा अर्जित ज्ञान से संतोष व्यक्त करते हुऐ कहां की विगत दो वर्षो के दौरान उन्नत कृषिगत तकनीक के सिद्धांतो और नये आयामों की समझ विकसीत होने से व्यवसायी बंधुओ में उर्जा का नया संचार हुआ है। पाठ्यक्रम की परीक्षा में उत्कृष्ट प्रदर्षन करते हुऐ सर्वोच्च अंक हासिल करने के फलस्वरूप राजेन्द्र जैन, मंयक जैन को कास्य प्रमाण-पत्र, नितेष जैन एवं संदीप मेरतवाल को रजत प्रमाण-पत्र तथा नयन पडीयार एवं होजेफा बुरहान भाई द्वारा स्वर्ण प्रमाण-पत्र से अंलकृत किया गया। जिले में डिप्लोमा पाठ्यक्रम की नोडल ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट एवं परियोजना संचालक आत्मा गौरीषंकर त्रिवेदी द्वारा पाठ्यक्रम के उद्देष्यपूर्ण संचालन में अभ्यर्थीयों की सक्रिय सहभागिता के लिये व्यवसायीयों की भूरी-भूरी प्रषंसा करते हुऐ अतिथियों के करकमलो से प्रमाण-पत्र वितरण सम्पन्न कराया।
कार्यक्रम के दौरान स्वागत उद्बोधन देते हुऐ जिले के उप संचालक कृषि श्री नगीनसिंह रावत द्वारा पाठ्यक्रम की महत्ता और उपयोगिता के संबध में सारगर्भित प्रकाष डाला। कृषि विज्ञान केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक और प्रमुख डॉ. आई.एस.तोमर द्वारा अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में खेती किसानी में वैज्ञानिक अनुसंधानो और नवीनतम उन्नत तकनीक की उपयोगिता को रेखांकित करते हुऐ डिप्लोमा अभ्यर्थीयों को प्रेरणादायी उद्बोधन से अभिसंचित किया। डॉ. तोमर ने आसन्न वैष्विक परिवेष में कृषि में नवीन तकनीक के प्रचार-प्रसार की संभावनाओ और विधाआें से सदैव सुसज्जीत रहने पर जोर दिया। कार्यक्रम के दौरान डॉ. जगदीश मोर्य, डॉ. चन्दन कुमार, डॉ. आर.के त्रिपाठी वैज्ञानिक कृषि विज्ञान केन्द्र द्वारा व्याख्यान दिये गये। कार्यक्रम का संचालन तकनीकी अधिकारी गोपाल मुलेवा और आभार प्रदर्षन मालसिंह धार्वे उप परियोजना संचालक आत्मा द्वारा किया गया। कार्यक्रम के दौरान आत्मा परियोजना के ब्रजेष गोठवाल, मनुएल भाबोर, श्रीमती भानुप्रिया बावनीया द्वारा अपनी सक्रिय सुत्रधारिता से कार्यक्रम का सफलतापूर्वक आयोजन पूर्ण किया। पाठ्यक्रम के नोडल अधिकारी के रूप में संतोष सिंह मोर्य, एस.एस.रावत द्वारा सहभागिता की गई।