अश्विनी श्रीवास्तव
– स्वच्छता के नाम पर सरकारी धन का बंदरबांट
चित्रकूट। जिला के कर्वी विकासखंड के ग्राम पंचायत अकबरपुर में स्वच्छता अभियान की खुलेआम धज्जियां उड़ रही है उत्तर प्रदेश के सूबे की सरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सपनों को साकार करने में स्वच्छता अभियान के तहत जहां लाखों रुपए की राशि ग्राम पंचायत में खर्च कर रही है ताकि गांव साफ स्वच्छ और सुंदर बने रहे गांव में गंदगी से फैलने वाली महामारी से ग्रामीण सुरक्षित रहें लेकिन स्वच्छता के नाम पर सिर्फ कागजों पर ही खरीदी की जा रही है और निर्माण कार्य भी किए जा रहे हैं जबकि जमीनी हकीकत कुछ और बयां कर रही है मामला है अकबरपुर ग्राम पंचायत के टिटिहरा संपर्क मार्ग के समीप का जहां नाली का गंदा पानी ग्रामीणों के घर के अंदर घुस रहा है जो ग्रामीणों के लिए मुसीबत बन गया है ग्रामीणों का कहना है कि नाली बनाने के लिए कई बार ग्राम प्रधान व ग्राम सचिव से ग्रामीणों ने मांग की लेकिन इनकी किसी ने नहीं सुनी बताया जा रहा है कि चुनावी रंजिश को लेकर ग्राम प्रधान के द्वारा संबंधित जगह में किसी तरह के कोई कार्य नहीं कराए जा रहे है क्योंकि इनके द्वारा ग्राम प्रधान का चुनाव के समय में समर्थन नहीं किया गया और अब ग्रामीणों को मूलभूत सुविधाएं नहीं मिल रही है चुनाव का खामियाजा ग्रामीणों को भुगतना पड़ रहा है ग्रामीणों का कहना है कि नाली की सफाई ना होने की वजह से नाली का गंदा पानी लोगों के घर में घुस रहा है.
गंदे पानी के बीच लोगों को अपना जीवन गुजारना पड़ रहा है गंदा पानी का भराव होने की वजह से लगातार मच्छर भी जन्म ले रहे हैं जिससे बच्चे बुजुर्ग सब बीमार पड़ रहे हैं लेकिन ग्रामीणों की कोई सुनने वाला नहीं है ग्रामीणों का कहना है कि सचिव के द्वारा भी ग्राम पंचायत में जितने भी कार्य कराए गए हैं उनपर जमकर अनियमितताएं की गई है सरकारी धन का बंदरबांट करने के लिए क्रेशर की डस्ट से निर्माण कार्य कराया गया है। और सरकारी धन का बंदरबांट कर लिया गया है इसकी जानकारी जिले के उच्च अधिकारियों को भी है लेकिन किसी ने आज तक जांच नही की। यही वजह यह है कि समय से सभी अधिकारियों का कमीशन पहुंच रहा है इस वजह से ग्राम पंचायतों में जमकर घटिया सामग्री का उपयोग कर कार्य किए जा रहे हैं लेकिन ग्राम पंचायतों में आज तक जांच नहीं हो सकी वहीं ग्रामीणों का कहना है कि जरूरतमंद क्षेत्रों में आज तक कोई कार्य नहीं कराए गए जिससे ग्रामीणों को शासन की ओर से मिलने वाली सारी सुविधाएं मिल सके वही अब ग्रामीणों ने जिला अधिकारी से उच्च स्तरीय जांच कर ग्राम पंचायत में कराए गए कार्यों के साथ-साथ स्वच्छता अभियान के नाम पर शासकीय धनराशि का जो बंदरबांट किया गया है उसकी भी जांच कराने की मांग की है।