राजेंद्र राठौर
पूरे देश से पधारे अतिथियों एवं समाज जनों ने की सहभागिता
मध्य प्रदेश के पश्चिमी क्षेत्र में बसे आदिवासी अंचल झाबुआ नगर में जैन धर्म केअनुयायियों द्वारा पिछले 400 दिनों से निरंतर चल रही तप आराधना का रविवारअक्षय तृतीया के शुभ दिवस पर कोहजारों की संख्या में आये समाज जनों की गरिमामय उपस्थिति में हर्ष एवं उल्लास के माहौल में तप पूर्णाहुति का त्री दिवसीय महोत्सव का सफल आयोजन संम्पन्न हुआ
उक्त जानकारी देते हुए श्री संघ के मिडिया प्रभारी रिंकू रुनवाल ने बताया की महोत्सव के तृतीय एवं अंतिम दिन आचार्य श्री हेमेंद्र सुरीश्वर जी के शिष्य रत्न एवं आचार्य श्री ऋषभ चंद्र सुरीश्वर जी मसा के आज्ञानुवती मधुर प्रवचन कार श्री चंद्रयश विजय जी एवं सेवा भावी जिनभद्र विजय जी म. सा का पावन सानिध्य प्रारम्भ हुआ
संतश्री ने अपने सरगर्भित उदबोधन में सभी तपस्या करने वाले आराधकों की अनुमोदना करते हुए उनका भावी जीवन तपमय जपमय धर्ममय एवं मंगलमय हो ऐसा आशीर्वाद प्रदान किया
झाबुआ नगर में 25 से अधिक आराधकों द्वारा यह सामूहिक तपस्या की गई थी जिसमें एक दिन पूर्ण उपवास तथा एक दिन केवल दो समय भोजन 400दिन तक निरंतर किया गया था जो जैन धर्म की सबसे दीर्ध एवं कठिन
तपस्या मानी जाती है
इस आयोजन में पुरे भारत वर्ष के जैन समाज की प्रमुख ट्रस्ट श्री मोहन खेड़ा तीर्थ, श्री नाकोड़ा महा तीर्थ, श्री राजेंद्र जैन भवन पालिताना के साथ हैदरबाद, बेगलोरू, चेन्नई, मुबंई, सूरत,राजगढ़ अहमदाबाद, शिकागो इंदौर, उज्जैन जावरा मंदसौर भोपाल आदि शहरों कीप्रमुख हस्तीयों ने उपस्थित होकर तपस्वीयों की सुख साता पूछते हुए उनका बहुमान,सम्मान किया एवं उनके तप की अनुमोदना की तथा उनके तप आराधना पूर्ण होने पर उन्हें आत्मीय बधाई दी
मुनिश्री की पावन निश्रा में सभी तपस्वीयो ने इक्षु रस से पारणा करने से पूर्व अपने तप की पूर्णहुति की विधी संम्पन्न की पश्चात तपस्वीयो को आयोजन के प्रमुख लाभार्थी अनोखी लाल, मनोहर, रविंद्र , तनमय जी, प्रतीक विरम मोदी परिवार के साथ सभी तपस्वीयों के परिवार जनों एवं इष्ट मित्रों ने भी तपस्वीयों को गन्ने का रस पिलाकर उनके तप की पूर्णाहुति कर उन्हें पारणा करवाया

तीन दिवसीय पारणा महोत्सव में प्रथम दिन पूज्य मुनिराज चंद्रयश विजयजी मसा एवं जिनभद्र विजय जी म सा का स्थानीय गोड़ीजी पार्श्वनाथ मंदिर से नगर में भव्य मंगल प्रवेश हुआ, प्रवेश के पश्चात पूज्य मुनि श्री ने वर्षीतप के तपस्वीयों को तप उच्चारने की विधी पूर्ण कराई रात्री में लाभार्थी मोदी परिवार द्वारा संगीत मयी चोवीसी का आयोजन हुआ जिसमें बड़ी संख्या में नगर एवं बहार से पधारी महिलाओं ने उत्साह पूर्वक भाग लिया
महोत्सव के द्वितीय दिवस पर सर्व प्रथम सभी वर्षीतप के तपस्वीयों ने गाजे बाजे के साथ नगर के मुख्य मार्ग से धूमते हुए श्री बावन जिनालय में प्रवेश दादा आदिनाथ के दर्शन वंदन कर शासन माताजी की पूजा कर उनके समक्ष अपने तप को निर्विधन सम्पन्न करवाने में माताजी की असीम कृपा के लिए अपनी कृतज्ञता व्यक्त की पश्चात पूज्य मुनि श्री सानिध्य में महोत्सव का सबसे महत्वपूर्ण एवं आकर्षक कार्यक्रम तपस्वी के वधामना का प्रारम्भ हुआ जिसमें लाभार्थी मोदी परिवार के सदस्यों द्वारा सभी तपस्वीयो के चरण का पक्षालन कर अक्षत, मोती, एवं पुष्प से वधया गया, साथ ही सभी तपस्वीयो के परिवार जनों एवं समाज जनों ने भी बहुत ही उमंग एवं उल्लास के नृत्य करते हुए तपस्वी का बहुमान सम्मान किया, इस अवसर पर पूज्य मुनि भगवतों का भी बहुत उत्साहपूर्वक वधावना उपस्थित जनों द्वारा किया गया, दोपहर तीन बजे तपस्वीयो की भव्य शोभायात्रा नगर में निकली जिसमें भगवान के रजत रथ के साथ पूज्य मुनिभगवंत भी पैदल चल रहे थे, वर्षीतप के सभी तपस्वी आकर्षक रथ में विराजमान थे शोभा यात्रा में हजारों की संख्या में समाज एवं नगर के पुरुष एवं महिलाएं उपस्थित थी,रात्री में तपस्वीयों के परिवार द्वारा भी बहुत ही शानदार प्रभु भक्ति एवं तप अनुमोदना का आयोजन हुआ
पारणा महोत्सव के समापन के अवसर पर संघ के अध्यक्ष मनोहर भंडारी के साथ श्री संघ के पदाधिकारियों ने आयोजन के लाभार्थी परिवार के सभी वरिष्ठ सदस्यों का बहुमान कर अभिनन्दन पत्र भेंट किया, मोदी परिवार ने भी सभी तपस्वीयों का बहुमान के साथ अभिनन्दन पत्र प्रदान किये साथ ही चांदी की पूजन करने की प्लेट एवं कटोरी प्रभावना के रूप में सभी तपस्वीयों को ससम्मान भेंट की, तथा आयोजन के प्रमुख सहयोगी अशोक राठौर, सुरेंद्र कांठी, श्रीमती जीवनबाला पोरवाल सहित कई सेवा प्रदान करने वालों का भी सम्मान किया
त्री दिवसीय महोत्सवके सम्पूर्ण कार्यक्रमों का संचालन विघ्नहराट्रस्ट के अध्यक्ष एवं श्री संघ के उपाध्यक्ष यशवंत भंडारी “यश “ने कियाआभार महोत्सव के लाभार्थी मनोहर मोदी ने माना।