डीएलएसए ने द्वारका जिला न्यायालय परिसर में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया

Aanchalik Khabre
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प्रेस विज्ञप्ति

गरीब और वंचित लोगों को न्याय दिलाने और मामलों को निपटाने के लिए सौहार्दपूर्ण समाधान के माध्यम से न्यायालयों में या पूर्व-मुकदमेबाजी के स्तर पर, दक्षिण वेस्ट डीएलएसए नालसा और डीएसएलएसए के तत्वावधान में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया. यह आयोजन प्रवीण कुमार एलडी, प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश एवं अध्यक्ष, दक्षिण पश्चिम के मार्गदर्शन में किया गया.

राष्ट्रीय लोक अदालत विवादों/मामलों को अंतिम रूप से और विवादित पक्षों की संतुष्टि के साथ तय करने के लिए एक महत्वपूर्ण आयोजन है. हाल के दिनों में, राष्ट्रीय लोक अदालत ने न्यायपालिका के साथ ऐसे सभी मामलों को निपटाने के लिए एक शक्तिशाली हथियार के रूप में काम किया है जो वास्तव में न्यायालय के ध्यान और समय की मांग नहीं करते हैं.

इस राष्ट्रीय लोक अदालत में धारा 138, एन.आई. अधिनियम, अपराधी कंपाउंडेबल केस, सिविल केस, बैंक रिकवरी मामले और लेबर के तहत केस विवाद, कंपाउंडेबल ट्रैफिक चालान सेट लिया गया.
राष्ट्रीय लोक अदालत ने उन वादकारियों को अत्यधिक लाभान्वित किया जो अपने मामलों को सस्ते और सौहार्दपूर्ण तरीके से निपटाने के इच्छुक थे. साथ ही उन वादियों को जो अपने कंपाउंडेबल ट्रैफिक चालान के निपटान का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे, जो 31 जनवरी, 2023 तक की अवधि के लिए वर्चुअल और दिल्ली ट्रैफिक पुलिस पोर्टल पर लंबित थे, ऐसे मामलों के वादियों को भी लाभ प्राप्त हुआ.

ट्रैफिक कोर्ट में होने वाली भीड़ भाड़ से बचने के लिए दिल्ली ट्रैफिक पुलिस पोर्टल की वेबसाइट पर प्रदान किए गए वेब लिंक से चालान पर्ची को डाउनलोड करने, प्रिंट आउट लेने के लिए और वादियों को उनके चालान पर्ची के निर्माण के दौरान कोर्ट कॉम्प्लेक्स, कोर्ट नंबर, साथ ही टाइम स्लॉट चुनने की सुविधा प्रदान की गई.

दक्षिण पश्चिम डीएलएसए की सचिव सुश्री अनुराधा जिंदल ने व्यक्तिगत रूप से वादियों के साथ बातचीत की और उन्हें लोक अदालत के लाभों के बारे में बताया और मामलों और यातायात चालानों के निपटान के दौरान सुचारू और निर्बाध प्रक्रिया सुनिश्चित की।
द्वारका न्यायालय परिसर में 36 लोक अदालत पीठों का गठन किया गया था, जिसमें कुल 27,092 मामले जिनमें पूर्व-मुकद्मेबाजी और लंबित मामले शामिल हैं, ऐसे मामलों का निपटारा किया गया, जो द्वारका जिला न्यायालय में लंबित थे, जिनकी निपटान / जुर्माना राशि लगभग 58,68,39,405/- रुपये थी.- (अनुराधा जिंदल) सचिव, एसडब्ल्यू-डीएलएसए

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