Manipur is burning चुप्पी तोड़ कारवाई करे केंद्र सरकार

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By News Desk
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Manipur is burning

Manipur की पहाड़ियों में तनाव तब बढ़ गया जब 4 मई का एक वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आया, जिसमें एक समुदाय के पुरुष विरोधी पक्ष की दो महिलाओं को नग्न अवस्था में घुमाते दिख रहे हैं। मणिपुर के थौबल जिले में महिलाओं को नग्न घुमाने और फिर उनके साथ सामूहिक बलात्कार करने के भयानक दृश्य वायरल होने के बाद, पुलिस ने महिलाओं के साथ अमानवीय कृत्य करने वाले दो व्यक्तियों में से एक सहित 4 लोगों को गिरफ्तार किया। हालाँकि, राजनीतिक दल इस कार्रवाई से संतुष्ट नहीं हैं, उनका कहना है कि मणिपुर पुलिस ने वीडियो वायरल होने के बाद ही कार्रवाई की। विपक्षी दलों ने राज्य के सीएम एन बीरेन सिंह को इस्तीफा देने की बात कही है.

पूरा देश है शर्मसार

Manipur में वीभत्स व अमानवीय कृत्य की वीडियो ने पूरे देश को शर्मिंदा कर दिया है. भारत जैसे देश में ऐसे कृत्य हमारी संस्कृति व देश की आत्मा पर हमला है. देश में घटित अन्य मामलों की तरह इस मामले को भी राजनीतिक सूरत देने का प्रयास किया जा रहा है. सत्ता पक्ष मूक बना हुआ है. राज्य सरकार कार्यवाई व जाँच का झुनझुना बना रही है. और पिछले तीन महीने से मणिपुर लगातार हिंसा से झुलस रहा है. बताते चले कि Manipur की घटना को लेकर मीडिया चैनल में भी कोई बहस या खबर प्राथमिक रूप से प्रसारित नहीं की जा रही है.

 

लेकिन जब सोशल मीडिया में Manipur का अमानवीय कृत्य वाला वीडियो सामने आया तो मणिपुर के मामले पर मीडिया ने थोड़ा ध्यान दिया. इस वीडियो को देख कर किसी का भी दिल पसीज जाएगा और कोई भी व्यक्ति मणिपुर की सरकार व केंद्र सरकार पर प्रश्नचिन्ह जरूर लगाएगा. लेकिन मणिपुर के मामले में न केवल राज्य बल्कि केंद्र सरकार भी अपंग दिख रही है.

पीड़िता ने सुनाई आप बीती

वहशी भीड़ का शिकार हुई पीड़िता ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि “जब मैंने विरोध किया, तो वहशी दरिंदो ने मुझसे कहा: ‘यदि तुम अपने कपड़े नहीं उतरेगी , तो हम तुम्हें मार डालेंगे’, फिर जब उसने “खुद को बचाने” के लिए उनकी बात मानी, तो पुरुषों ने कथित तौर पर उसे थप्पड़ और मुक्का मारा।

पीड़िता ने आगे कहा कि वे लोग उसे सड़क के पास एक धान के खेत में खींच ले गए और उसे वहां “लेटने” के लिए कहा। डर कर “मैंने वैसा ही किया जैसा उन्होंने मुझसे कहा था, और तीन लोगों ने मुझे घेर लिया उनमें से एक ने दूसरे से कहा, ‘चलो उसका बलात्कार करते हैं।”
पीड़िता के ये शब्द किसी का भी दिल झकझोर सकते हैं. लेकिन देश में इतनी बड़ी शर्मनाक वारदात होने के बावजूद भी सरकारी तंत्र मूक बना हुआ है. हालाँकि इस बीच, पुलिस ने मुख्य संदिग्ध हेरादास (32) को थौबल जिले से गिरफ्तार कर लिया है। वहीं सीएम बीरेन सिंह ने आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का वादा किया है.

महिला आयोग ने घटना को कहा अक्षम्य

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मिजोरम राज्य महिला आयोग (एमएससीडब्ल्यू) ने शुक्रवार को मणिपुर की घटना को “अक्षम्य” करार दिया। एमएससीडब्ल्यू अध्यक्ष लल्लावमचुंगी ने कहा, राष्ट्रीय महिला आयोग और उसके केंद्र समकक्ष को पत्र लिखकर इस भीषण अपराध के अपराधियों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई करने का आग्रह किया। उन्होंने संवाददाताओं से कहा, “आयोग उस वीडियो को लेकर बेहद चिंतित है जिसमें मणिपुर में दो निर्वस्त्र महिलाओं को उनके पीछे सैकड़ों पुरुषों के साथ चलने के लिए मजबूर किया जा रहा है। यह कृत्य अक्षम्य है।” वहीं DCW प्रमुख स्वाति मालीवाल ने घटना को बताया ‘शर्मनाक’. मणिपुर वायरल वीडियो मामले पर डीसीडब्ल्यू प्रमुख स्वाति मालीवाल ने कहा, ”मणिपुर में दो लड़कियों के साथ जो कुछ भी हुआ वह शर्मनाक है. उन्होंने कहा मैं परसों मणिपुर जाउंगी और वहां महिलाओं के खिलाफ यौन उत्पीड़न की स्थिति की समीक्षा करुँगी और पता लगाउंगी कि क्या कदम उठाए गए.

प्रधानमंत्री ने घटना को बताया शर्मनाक पर क्या वे खुद शर्मिंदा हैं ?

70 से अधिक दिनों से, मणिपुर और बाहर के लोग प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी से राज्य में जातीय संघर्ष पर अपनी चुप्पी तोड़ने का आग्रह कर रहे हैं, जिसमें लगभग 150 लोगों की जान चली गई है और हजारों लोग विस्थापित हो गए हैं और अपनी आजीविका से कट गए हैं। . हालाँकि, जब मोदी ने अंततः गुरुवार सुबह इस मुद्दे पर बात की, तो उनकी टिप्पणियों से उन लोगों को शांत होने की संभावना नहीं है जो उनके हस्तक्षेप की मांग कर रहे थे।

बताते चलें कि मोदी ने विशेष रूप से उस दर्दनाक वीडियो का जिक्र किया जो एक दिन पहले सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था – जिसमें 4 मई को कांगपोकपी में दो कुकी महिलाओं को नग्न परेड करते हुए दिखाया गया था। घटना पर एफआईआर में कहा गया है कि उनमें से एक गिरोह था जिसने युवतियों का बलात्कार किया. प्रधान मंत्री ने दावा किया कि उन्होंने जो वीडियो में देखा उससे वह व्यथित और क्रोधित थे, साथ ही उन्होंने कहा कि “सभी राज्यों” को माताओं और बहनों” की रक्षा के लिए जो कुछ भी कर सकते हैं वह करना चाहिए। इस दौरान उन्होंने गैर भाजपा शाषित राज्यों को महिलाओं की सुरक्षा के लिए कोसा भी लेकिन मणिपुर के बारे में ज्यादा बात नहीं की

जिस चौंकाने वाली घटना के बारे में मोदी ने बात की जिसमे दो कुकी महिलाओं को नग्न घुमाया गया और उनमें से एक के साथ 4 मई को सामूहिक बलात्कार किया गया। यह सभी राष्ट्रीय सुर्खियों में रही और 19 जुलाई को राजनीतिक ध्यान आकर्षित किया। रिपोर्ट में कहा गया है कि केंद्र सरकार इस वीडियो को प्लेटफॉर्म पर प्रसारित करने के लिए ट्विटर के खिलाफ कार्रवाई करने की योजना बना रही है – भले ही वीडियो ने लोगों का ध्यान खींचा हो इसलिए कार्रवाई की जा रही है और खुद मोदी को इस पर टिप्पणी करनी पड़ी।

बलात्कार का एकमात्र मामला नहीं Manipur में 

भले ही मोदी Manipur में केवल यौन हिंसा के बारे में बोलने को तैयार थे और कुछ नहीं, उन्होंने उन रिपोर्टों को नजरअंदाज कर दिया है कि ऐसे कई मामले दर्ज किए गए हैं। द प्रिंट के मुताबिक, कुकी महिलाओं के साथ बलात्कार के कम से कम छह मामले पाए गए हैं, जिनमें एक 18 साल की लड़की भी शामिल है। इनमें से कुछ मामलों में एफआईआर दर्ज की गई है. मोदी ने अमेरिका और मिस्र की अपनी हालिया यात्रा से लौटने के तुरंत बाद Manipur की स्थिति पर एक उच्च स्तरीय बैठक बुलाई

बैठक में वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री अमित शाह, निर्मला सीतारमण और हरदीप सिंह पुरी शामिल हुए। हालाँकि, उसके बाद, आगे के रोडमैप या योजना क्या है, इस पर कोई घोषणा नहीं की गई है। मोदी ने इस पर कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया कि केंद्र सरकार ने स्थिति से निपटने के लिए और क्या योजना बनाई है। हास्यपद और निंदनीय है कि प्रधानमंत्री के पास दुनिया घूमने का समय है लेकिन मणिपुर जहाँ बीजेपी की सरकार है और ये राज्य लगातार हिंसा की चपेट में हैं, वहाँ जाने और पीड़ितों से मिलने का समय प्रधानमंत्री के पास नहीं है.

Manipur मामले में मूक बधिर रहने वाली सरकार ने ट्विटर पर दिखाया गुस्सा

Manipur 3 महीने से जल रहा है, औरतों/लड़कियों के साथ बलात्कार हो रहा है, सैकड़ो लोगो की हत्या हो गई, इतना कुछ होने के बाद भी केंद्र सरकार शिथिल पड़ी रही लेकिन जब बीजेपी शाषित राज्य मणिपुर से हैवानियत का वीडियो ट्विटर पर वायरल हुआ तो सरकार तुरंत एक्टिव हो गई और बजाय मणिपुर हिंसा के सम्बन्ध के आवश्यक कार्यवाई करने के, केंद्र सरकार ने उल्टा ट्विटर को फटकार लगाई. जबकि यदि ट्विटर में ये वीडियो वायरल नहीं होता तो न केवल सरकार बल्कि मीडिया के कान में जूं भी नहीं रेंगती और न हो प्रधानमंत्री को मणिपुर के विषय में कुछ बोलने को विवश होना पड़ता.

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार Manipur में दो महिलाओं को पुरुषों के एक समूह द्वारा नग्न घुमाए जाने का भयावह वीडियो पर सबसे पहले ट्विटर पर जारी हुआ, जो बुधवार को वायरल हो गया, जिससे आक्रोश और निंदा की लहर दौड़ गई। इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने कथित तौर पर सोशल मीडिया प्लेटफार्मों को नए आईटी नियमों के अनुपालन पर चेतावनी दी है. सरकार ने चेतावनी दी है कि “क़ानून और व्यवस्था में समस्याएँ पैदा करने वाले” वीडियो के प्रसार की कानून के तहत अनुमति नहीं है। सूत्रों ने कहा कि गैर-अनुपालन के लिए ट्विटर के खिलाफ कार्रवाई शुरू करने का एक आदेश कल रात जारी किया गया था, जिसमें कहा गया था कि आईटी मंत्रालय यह सुनिश्चित करने के लिए सभी प्लेटफार्मों पर काम कर रहा है कि वीडियो आगे प्रसारित न हो।

कांग्रेस ने प्रधानमंत्री को घेरा

कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने शुक्रवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी Manipur के लोगों से एकजुट होने की अपील क्यों नहीं कर सकते? पवन खेड़ा ने पूछा, “अगर पीएम मोदी वोट मांगने के लिए मणिपुर जा सकते हैं तो वह वहां जाकर लोगों से एकजुट होने की अपील क्यों नहीं कर सकते? अब, इस देश को केवल राष्ट्रपति से उम्मीद है, जिन्हें राज्य सरकार को बर्खास्त कर देना चाहिए।”

बीजेपी का ‘बेटी बचाओ’ नारा ‘बेटी जलाओ’ में बदल गया – ममता बनर्जी

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने Manipur में जारी हिंसा, बिलकिस बानो के दोषियों की जल्द रिहाई और डब्ल्यूएफआई प्रमुख बृज भूषण शरण सिंह को जमानत दिए जाने को लेकर शुक्रवार को भाजपा की आलोचना की है। कोलकाता में तृणमूल कांग्रेस की ‘शहीद दिवस’ रैली में बोलते हुए ममता बनर्जी ने कहा कि बीजेपी का ‘बेटी बचाओ’ नारा ‘बेटी जलाओ’ में बदल गया है। उन्होंने कहा, “आपने (भाजपा) ‘बेटी बचाओ’ का नारा दिया था। अब आपका नारा कहां है? आज मणिपुर जल रहा है, पूरा देश जल रहा है.. हमारी महिलाओं के सम्मान को धूमिल किया जा रहा है।

चुप्पी तोड़ हो कड़ी कार्यवाई करे बीजेपी सरकार 

Manipur की हिंसा, अमानवीय कृत्य व राज्य की बीजेपी सरकार का नाकाम साबित होना चिंता व शर्म की बात है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को तत्काल ही मणिपुर के मुद्दे पर जरुरी कार्यवाई करनी चाहिए. साथ ही उन्हें खुद Manipur जाकर पीड़ितों से मिलना चाहिए. यदि प्रधानमंत्री व केंद्र सरकार मणिपुर की हिंसा को शांत करने में अपंग साबित हो रही है तो राष्ट्रपति को अपने अधिकारों का उपयोग कर मणिपुर राज्य में शांति बहाल करने का प्रयास करना चाहिए. और आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाई होनी चाहिए.

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