बिल्हौर उत्तर प्रदेश में मकनपुर की ताजियादारी हिंदू मुस्लिम एकता की बनी प्रतीक

Aanchalik Khabre
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मोअज्जम हुसैन जाफरी

दरअसल हुसैन अलैहिस्सलाम सलाम की याद में जगह जगह ताजिए निकाले जाते हैं और उनके साथ लोगों का जुलूस निकलता इसी प्रकार मकनपुर में भी ताजियादारी पूरे जोश के साथ मनाया जाता है जिसमें हिंदू लोग भी काफी संख्या में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते है. यहां पर हिंदू लोग आलू पूरी का भंडारा करते हैं जिसमें हजारों की तादाद में लोग प्रसाद के रूप में खाना खाते हैं यहां किसी प्रकार का भेदभाव नहीं किया जाता हिंदू और मुस्लिम दोनों समुदाय के लोग बड़ी ही शानो शौकत के साथ ताजियादारी मनाते हैं। ओमप्रकाश शर्मा जैसे लोगों का कहना कि हम काफी वर्षों से यह हुसैन की याद में भंडारा करते हैं और हम हुसैन की आस्था से जुड़े हैं आस्था के खातिर हम लाखों रुपए का खर्च एक ही दिन में भंडारे में कर दिया करते हैं। मिली जानकारी के अनुसार समाज के लोगों की तमाम मन्नते पूरी होती हैं और आगे लोग मन्नत मानने के लिए दूर-दूर से मकनपुर ताजियादारी में शामिल होते हैं मकनपुर उत्तर प्रदेश जिला कानपुर की वह जगह है जहां हजरत सैयद बदी उद्दीन जिंदा शाह मदार की दरगाह है इस दरगाह पर भी वर्ष में दो मेले हुआ करती हैं जिसमें काफी तादाद में लोग अपनी मन्नत मुरादे मांगने और दरगाह पर हाजिरी देने के लिए बड़ी बड़ी दूर से आते हैं काफी तादाद में हिंदू लोग इस दरगाह पर चादर चढ़ाने वह अपने मन्नत ओं के अनुसार अपने बच्चों का मुंडन आदि कराते हैं

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