ज्योतिष और तांत्रिकों के चक्कर में भावी विधायक

Aanchalik khabre
By Aanchalik khabre
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ज्योतिष और तांत्रिकों के चक्कर
ज्योतिष और तांत्रिकों के चक्कर

चुनाव अपनी नैया पार लगाने के लिए भावी विधायक अंधविश्वास के चलते ज्योतिष और तांत्रिकों के दरबार में नजर आ रहे

झुंझुनू। चुनावी जंग में अपनी नैया पार लगाने के लिए भावी विधायक अंधविश्वास के चलते ज्योतिष और तांत्रिकों के दरबार में नजर आ रहै है। कभी से सेवा का माध्यम माने जाने वाली राजनीति अब व्यवसाय बनती जा रही है।

वहीं भावी विधायक भी ज्योतिष तांत्रिकों के बताएं अनुसार टोटकों में विश्वास करने लगे हैं। राजस्थान में आगामी 25 नवंबर को होने जा रहे विधानसभा चुनाव में अपना भाग्य आजमा रहे भाजपा कांग्रेस सहित अन्य पार्टियों एवं बागी भी राशि रत्न की अंगूठी उंगलियों में शुभ वार एवं समय ज्योतिष तांत्रिकों के बताएं अनुसार धारण कर रहे हैं। झुंझुनू जिले की सात विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ रहे महिला और पुरुष उम्मीदवार भी टोटकों को तरजीह दे रहे हैं।

ज्योतिष और तांत्रिक के चलते हाथ में 11 मौली तिलक में गिनकर लगाते हैं 7 चावल

झुंझुनू जिले की एक विधानसभा सीट से चुनाव लड़ रहे उम्मीदवारों में एक उम्मीदवार ऐसा भी जिसके माथे पर कुमकुम का तिलक के साथ 7 चावल कभी भी देखे जा सकते हैं और हाथों पर 11 मौली बंधी हुई नजर आती है।

प्रत्याशी के विधानसभा क्षेत्र में लोग हार जीत के कयास कम और ज्योतिष के बताएं टोटकों की ज्यादा चर्चा बनी हुई है। लोगों का मानना है कि उक्त प्रत्याशी जोधपुर के किसी बड़े ज्योतिषी की सलाह पर ऐसा कर रहे हैं।

वहीं क्षेत्र के मतदाताओं का कहना यह भी है कि जब ज्योतिष और तांत्रिक ही विधायक बना सकते हैं तो फिर मतदाताओं के मनुहार और वोटों की क्यों मांग।झुंझुनू जिले की विधानसभा सीटों में एक प्रत्याशी ऐसा भी है जो पहले कभी अपने हाथों की उंगलियों में अंगूठी या छल्ला भी नहीं पहनते थे। चुनावी दंगल में फतह हासिल करने के लिए अब वह भी ज्योतिष के मशविरा के अनुसार आजकल हाथ की उंगलियों में एक नहीं दो – दो राशि रत्न की अंगूठियां पहनने लगे हैं।

कलावा और चावल से सकारात्मक ऊर्जा

चुनावी बेड़ा पार करने के लिए जहां भावी विधायक अंधविश्वास में डूबे हुए हैं वहीं असल में हिन्दू धर्म शास्त्रों में कलावा और मौली का विशेष महत्व है जब भी कोई पूजा पाठ होती है घर में पण्डित जी हर सदस्य को मौली बांधते हैं कलाई में वहीं तिलक के बाद चावल लगाने के पीछे वैज्ञानिक कारण माना जाता है। तिलक लगाने से दिमाग में शान्ति एवं शीतलता बनी रहती है और चावल लगाने का कारण शुद्धता और पवित्रता के रूप में होता है।कलावा बांधने से जीवन में आने वाले सारे कष्ट दूर होते हैं वहीं सकारात्मकता बनी रहती है।

 

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