MP News: भाजपा की पूर्व सासंद Mrs. Jyoti Bewa स्वर्गीय प्रेम धुर्वे को पांच साल से मिल रही पेंशन की रबड़ी बैतूल, चाल – चरित्र – चेहरा की दुहाई देने वाली भाजपा के प्रधानमंत्री से लेकर लोकसभा अध्यक्ष एवं लोकसभा सचिवालय से एक आरटीआई के माध्यम से पुछा गया एक सवाल केन्द्र एवं राज्य की भाजपा सरकार को कटघरे में ला खड़ा किया है।
आरटीआई एक्टविस्ट, पत्रकार एवं बैतूल जिला नवयुवक पंवार जागृति मंच के संस्थापक रामकिशोर दयाराम पंवार रोंढ़ावाला ने पीएमओ से लेकर लोकसभा सचिवालय सें आरटीआई के महत जानकारी मांगी है कि बैतूल – हरदा संसदीय क्षेत्र क्रमांक 29 से सासंद रही Mrs. Jyoti Bewa स्वर्गीय प्रेम धुर्वे निवासी गुदगांव तहसील भैसदेही जिला बैतूल का 5 फरवरी 2019 को मध्यप्रदेश शासन अनुसूचित जन जाति विभाग एवं राज्य स्तरीय छानबीन समिति की सचिव आयुक्त श्रीमती दीपाली रस्तोगी द्वारा ग्राम गुदगांव जनपद एवं अनुविभाग भैसदेही के एसडीएम कार्यालय द्वारा जारी किया गया जाति प्रमाण् पत्र को निरस्त कर दिया गया है।
जिसकी सूचना जिला कलेक्टर बैतूल को दी गई लेकिन दिनांक 5 फरवरी 2019 के बाद से न तो विभाग यह बता रहा है कि जाति प्रमाण पत्र निरस्त करने के बाद उस पर क्या कार्रवाई हुई या नहीं। कार्रवाई की जानकारी न तो जिला कलेक्टर ने पीएमओ से लोकसभा सचिवालय को दी गई जिसके कारण 05 फरवरी 2019 से श्रीमति ज्योति धुर्वे को लगातार पेंशन एवं अन्य सुविधाये प्राप्त हो रही है।
Mrs. Jyoti Bewa की याचिका पर मध्यप्रदेश शासन को जवाब देना चाहिए
श्रीमती ज्योति धुर्वे की याचिका पर मध्यप्रदेश शासन को 23 अप्रेल 2019 तक जवाब देना चाहिए था लेकिन बीते लगभग पांच साल से मध्यप्रदेश सरकार इस मामले में अपना रूख स्पष्ट नहीं कर सकी है। शासन न तो न्यायालय को न आम जनमानस को यह जानकारी नहीं दे पाई है कि ज्योति धुर्वे को वह वर्तमान में किस जाति का मानती है…?
ज्योति धुर्वे को पिता के आधार या पति के आधार पर आदिवासी माना गया है यह सरकार बता नहीं सकी है जिसके कारण सरकारी लापरवाही एवं शासन की लालफीताशाही का नतीजा यह है कि एक अपात्र महिला आरक्षण का लाभ लेकर सासंद का चुनाव एक बार नहीं दो बार लड़ी और वर्तमान में अपने दोनो संसदीय कार्यकाल की पेंशन एवं अन्य सुविधाओ का लाभ ले रही है।
पत्रकार एवं आरटीआई एक्टीविस्ट रामकिशोर दयाराम पंवार रोंढ़ावाला का ऐसा मानना है कि राज्य सरकार के अपात्र एवं फर्जी आदिवासी महिला जिसका जाति प्रमाण पत्र उसकी पिता की जाति के अनुसार पिछड़ी जाति का बनना था लेकिन उसे पति की जाति का आधार मान कर आदिवासी का जारी किया गया जो जांच एवं छानबीन समिति के निर्णय के अनुसार फर्जी पाया गया।
Mrs. Jyoti Bewa के फर्जीवाड़े मेें कांग्रेस भी बराबर की भागीदार है
कांग्रेस ने पूरे मामले की जांच एवं दोषी को सजा देने का वादा किया था लेकिन 13 महीने सत्ता में रहने के बाद भी कांग्रेस Mrs. Jyoti Bewa के मामले में कोई कार्रवाई नहीं कर सकी जो इस बात का प्रमाण है कि ज्योति धुर्वे के फर्जीवाड़े मेें कांग्रेस भी बराबर की भागीदार है। आरटीआई एक्टीविस्ट रामकिशोर पंवार ने बीते पांच वर्षो से Mrs. Jyoti Bewa स्वर्गीय प्रेम धुर्वे को दी जाने वाली पेंशन एवं अन्य सुविधाओ के लाभ को अनुचित बताते हुए इस पर तत्काल रोक लगाने एवं फर्जी जाति प्रमाण पत्र के मामले में कार्रवाई की मांग की है।
श्री पंवार ने पीएमओ से लेकर लोकसभा सचिवालय से सवाल किया है कि वह यह बताए कि बीते पांच साल की पूर्व सासंद को उसका जाति प्रमाण पत्र निरस्त होने के बाद उस पर कार्रवाई करने के बजाय उसे पेंशन का भुगतान किस मद किया जा रहा है …? साथ ही Mrs. Jyoti Bewa का जाति प्रमाण पत्र निरस्त किए जाने के बाद पेंशन की रबड़ी लाभ क्या भाजपा अपने पाप को छुपाने के लिए दे रही है क्योकि श्रीमती ज्योति धुर्वे का जाति प्रमाण पत्र भैसदेही एसडीएम ने भाजपा के पूर्व सासंद एवं भाजपा के नेताओ के दबाव में आवेदन दिनांक के पूर्व ही पिता की जगह पति की जाति का जारी करवा दिया। देश में यह पहला मौका है जब किसी आरक्षित वर्ग के पुरूष की पत्नि को उसके पिता की जाति के बजाय पति की जाति का प्रमाण पत्र जारी कर लाभ पहुंचा गया है।
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