Mahant Rajendra Puri ने शुरू की राष्ट्रहित की कामना से पंच धूणी कठोर अग्नि तपस्या
बुद्ध पूर्णिमा के दिन वीरवार को जग ज्योति दरबार में मंत्रोच्चारण के साथ भीषण गर्मी के बीच Mahant Rajendra Puri ने राष्ट्रहित की कामना से पंच धूणी कठोर अग्नि तपस्या शुरू की। इस मौके पर हजारों की संख्या में श्रद्धालु आस्था एवं भक्ति भाव के साथ पहुंचे। Mahant Rajendra Puri ने अपने गुरु का आशीर्वाद लेने के उपरांत भजन संकीर्तन के बीच कठोर अग्नि तपस्या प्रारंभ की। महंत राजेंद्र पुरी ने बताया कि वे हर वर्ष जनकल्याण एवं राष्ट्रहित के लिए आग के ढेरों बीच कठोर तप करते हैं।
इस बार यह तपस्या प्रभु कृपा से अखंड अग्नि तपस्या है। उन्होंने बताया कि उनके परिवार की चौथी पीढ़ी इस कड़े तप को कर रही है। कठोर अग्नि तपस्या में दर्शनों के लिए दूर दूर से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए जग ज्योति दरबार में भंडारे की भी व्यवस्था की गई है। उन्होंने कहा कि ऐसी कामना है कि सभी लोगों को सुख समृद्धि एवं विकास मिले। महंत राजेंद्र पुरी ने तपस्या के दौरान ही श्रद्धालुओं से कहा कि मंदिर, मस्जिद व गुरुद्वारों में जाने से पहले अपने माता पिता की पूजा अवश्य करें साथ ही आशीर्वाद लें।
उन्होंने कहा कि कुछ लोग सवाल करते हैं कि भगवान कहां है तो उनका जवाब होता है कि तपस्या करने से ही भगवान का अहसास होता है। भगवान तो अपने चाहने वालों को इस तपती आग में भी ठंडी हवाओं का अहसास करवाते हैं। Mahant Rajendra Puri ने कहा कि वे अपने तप में भगवान से कामना करते हैं कि सभी पर भगवान की कृपा हो। उन्होंने कहा कि जग ज्योति दरबार में जो भी कार्य किए जा रहे हैं। राष्ट्रहित में किए जा रहे हैं। दूसरों की भलाई में बहुत आनंद आता है।
कुरुक्षेत्र, (अश्विनी वालिया )
Facebook:@Aanchalikkhabre
Twitter:@Aanchalikkhabre
इसे भी पढ़े-Haryana News: Lok Sabha elections 2024 को लेकर प्रशासन अलर्ट