Mahakumbh 2025 : महाकुंभ में भीषण आग | लगातार आग की घटनाएं | प्रशासन की बड़ी लापरवाही?

News Desk
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प्रयागराज के महाकुंभ नगर के सेक्टर 18 में शुक्रवार सुबह लगभग 10:30 बजे भीषण आग लग गई। सूचना मिलते ही दमकल विभाग की कई गाड़ियां और अधिकारी घटनास्थल पर पहुंचे और आग बुझाने के प्रयास में जुट गए। यह आग सेक्टर 18 में बने इस्कॉन शिविर में लगी थी, जहां प्रारंभिक जांच में किचन से आग लगने की बात सामने आई। बताया जा रहा है कि आग की तीव्रता बढ़ने का कारण वहां रखे गैस सिलेंडरों का फटना था। हालांकि, आधिकारिक रूप से आग लगने के कारणों की पुष्टि अभी नहीं की गई है।

घटनास्थल पर राहत और बचाव कार्य

आग लगने के तुरंत बाद पूरे क्षेत्र में अफरा-तफरी मच गई। दमकल कर्मियों ने बिना देर किए राहत कार्य शुरू किया और आग पर नियंत्रण पाने का प्रयास किया। प्रयागराज के मुख्य अग्निशमन अधिकारी (CFO) ने दावा किया है कि इस घटना में किसी भी व्यक्ति को कोई नुकसान नहीं हुआ है। आग पर पूर्ण रूप से काबू पा लिया गया है, लेकिन इसका कारण जानने के लिए आगे की जांच जारी है।

यह पहली बार नहीं है जब महाकुंभ में इस तरह की घटना सामने आई है। इससे पहले 30 जनवरी को महाकुंभ से सटे छतनाग गांव के किनारे स्थित ‘जस्ट ए शिविर’ में भीषण आग लग गई थी, जिसमें 15 लग्जरी कॉटेज जलकर राख हो गए थे। प्रारंभिक जांच में शॉर्ट सर्किट को इस आग का कारण बताया गया था। दमकल विभाग ने इस आग को भी जल्द ही काबू में कर लिया था, लेकिन करोड़ों की संपत्ति जलकर नष्ट हो गई थी। सौभाग्य से, घटना के समय कॉटेज में कोई मौजूद नहीं था, जिससे जनहानि होने से बचाव हो गया।

19 जनवरी की घटना

19 जनवरी को भी महाकुंभ मेला क्षेत्र के सेक्टर-19 में स्थित गीता प्रेस गोरखपुर के शिविर में आग लग गई थी। आग इतनी तेजी से फैली कि देखते ही देखते बांस-फूस के बने कई कॉटेज जलकर राख हो गए थे। इस दौरान कॉटेज में रखे एलपीजी सिलेंडर भी धमाके के साथ फट गए थे, जिससे आग की लपटें और भी भयावह हो गईं। इस घटना में भी कोई हताहत नहीं हुआ था, लेकिन लाखों रुपये की क्षति हुई थी।Screenshot 2025 02 07 160010

महाकुंभ जैसे बड़े धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजन में लगातार हो रही आग की घटनाओं ने प्रशासन के सुरक्षा इंतजामों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। हर बार आग लगने के कारण अलग-अलग बताए जा रहे हैं, लेकिन आग लगने की बारंबारता चिंताजनक है। महाकुंभ में लाखों श्रद्धालु हर दिन आते हैं, और अगर आग की घटनाओं पर समय रहते नियंत्रण नहीं पाया गया, तो किसी दिन यह एक बड़ी त्रासदी में बदल सकती है।

विशेषज्ञों का मानना है कि महाकुंभ क्षेत्र में टेंट, लकड़ी, बांस, और फूस से बने अस्थायी ढांचे आग लगने की घटनाओं को बढ़ाने का सबसे बड़ा कारण हैं। इसके अलावा, शिविरों में बिजली की अस्थायी व्यवस्था, खुले में रखे सिलेंडर, और उचित अग्निशमन उपकरणों की कमी भी आग फैलने की प्रमुख वजहें हैं।

शॉर्ट सर्किट: अस्थायी शिविरों में लगाए गए विद्युत कनेक्शन में खराबी के कारण शॉर्ट सर्किट से आग लगने की संभावना बनी रहती है।

गैस सिलेंडर का अनुचित उपयोग: अधिकतर शिविरों में बड़े पैमाने पर खाना बनाया जाता है, जिससे गैस सिलेंडरों का अधिक उपयोग होता है। उचित सुरक्षा उपायों की कमी के कारण सिलेंडर फटने की घटनाएं हो सकती हैं।

तेज हवाएं और सूखी सामग्री: प्रयागराज में फरवरी के महीने में तेज हवाएं चलती हैं, और शिविरों में लकड़ी और कपड़े जैसी ज्वलनशील सामग्री के कारण आग तेजी से फैल सकती है।

लापरवाही: कई बार सुरक्षा मानकों की अनदेखी या लापरवाही भी आग लगने का कारण बनती है।

महाकुंभ जैसे विशाल आयोजन में प्रशासन की भूमिका अत्यधिक महत्वपूर्ण होती है। बढ़ती आग की घटनाओं को देखते हुए प्रशासन को निम्नलिखित कदम उठाने की आवश्यकता है:

अग्निशमन उपकरणों की उपलब्धता: प्रत्येक शिविर में आग बुझाने वाले यंत्रों की पर्याप्त व्यवस्था होनी चाहिए।

गैस सिलेंडरों की जांच: प्रत्येक कैंप में उपयोग किए जा रहे गैस सिलेंडरों की नियमित जांच होनी चाहिए, ताकि किसी भी प्रकार की लीकेज न हो।

बिजली आपूर्ति की सुरक्षा: अस्थायी बिजली व्यवस्था की नियमित निगरानी होनी चाहिए, जिससे शॉर्ट सर्किट जैसी घटनाओं से बचा जा सके।

दमकल टीम की तैनाती: पूरे महाकुंभ क्षेत्र में दमकल विभाग की टीम को हर समय तैनात रखा जाना चाहिए, ताकि किसी भी आपातकालीन स्थिति में तुरंत कार्रवाई की जा सके।

जनजागरूकता अभियान: श्रद्धालुओं और शिविर संचालकों को अग्नि सुरक्षा के प्रति जागरूक किया जाना चाहिए।

महाकुंभ में लगातार हो रही आग की घटनाएँ निश्चित रूप से चिंता का विषय हैं। यह प्रशासन, शिविर संचालकों और श्रद्धालुओं की सामूहिक जिम्मेदारी बनती है कि वे सभी आवश्यक सुरक्षा उपायों का पालन करें। आग लगने की घटनाओं से होने वाले आर्थिक और संभावित जान-माल के नुकसान को रोकने के लिए त्वरित और प्रभावी कदम उठाने की जरूरत है। महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालु इस धार्मिक आयोजन का हिस्सा बनने के लिए लाखों की संख्या में आते हैं, और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करना सर्वोपरि होना चाहिए।

आशा है कि प्रशासन इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाएगा और भविष्य में महाकुंभ क्षेत्र में आग जैसी आपदाएँ न होंगी।

 

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