Mahashivratri Sangam Snan | महाशिवरात्रि पर संगम में उमड़ा आस्था का महासागर, करोड़ों श्रद्धालुओं ने लगाई पुण्य की डुबकी

News Desk
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महाशिवरात्रि पर संगम में उमड़ा आस्था का महासागर, करोड़ों श्रद्धालुओं ने लगाई पुण्य की डुबकी
हर-हर महादेव के जयघोष से गूंजा महाकुंभ क्षेत्र, शिवभक्तों का उमड़ा जनसैलाब
हर-हर महादेव के जयघोष से गूंजा महाकुंभ क्षेत्र, शिवभक्तों की उमड़ी ऐतिहासिक भीड़
संगम पर भक्तों का महासंगम, सुबह 8 बजे तक 60 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने किया स्नान

प्रयागराज, 26 फरवरी: महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर संगम नगरी में आस्था और श्रद्धा का अद्भुत संगम देखने को मिला। महाकुंभ के अंतिम स्नान पर्व पर त्रिवेणी तट पर भोर से ही करोड़ों श्रद्धालु पुण्य की डुबकी लगाने पहुंचने लगे। जैसे ही सूर्य की पहली किरण गंगा जल पर पड़ी, वैसे ही हर-हर महादेव के जयघोष से पूरा मेला क्षेत्र गूंज उठा।

शिवभक्तों का उत्साह देखते ही बन रहा था। देर रात से ही संगम तट पर श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ा। महाशिवरात्रि के महास्नान के लिए संगम की रेत पर लोगों का तांता लगा रहा। सुबह 8 बजे तक ही 60 लाख से ज्यादा श्रद्धालु पवित्र डुबकी लगा चुके थे, और यह संख्या लगातार बढ़ती गई।

शिवभक्ति की गूंज, त्रिवेणी में लगी आस्था की कतारें

महाशिवरात्रि के इस दिव्य अवसर पर त्रिवेणी संगम में डुबकी लगाने की महिमा अनंत मानी जाती है। मान्यता है कि इस दिन यहां स्नान करने से जन्म-जन्मांतर के पाप कट जाते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है। इसी विश्वास के साथ हर उम्र के श्रद्धालु, बच्चे, युवा, बुजुर्ग और महिलाएं बड़ी संख्या में पहुंचे।

कोई भगवान शिव का जलाभिषेक कर रहा था
कोई मंत्रोच्चारण करते हुए ध्यान में मग्न था
तो कोई श्रद्धालु गंगा जल से अपने इष्ट की आराधना कर रहा थाMahakumbh Mela 1735459769892 1735885813693

शिवभक्ति के इस महासंगम में हर तरफ बस “बम-बम भोले”, “हर-हर गंगे” और “जय श्रीराम” के गगनभेदी उद्घोष सुनाई दे रहे थे।

अद्भुत और ऐतिहासिक क्षण को कैद करने की उत्सुकता

इस ऐतिहासिक महास्नान को श्रद्धालु अपने मोबाइल और कैमरों में कैद करने को लेकर भी बेहद उत्साहित नजर आए।

संगम की पवित्र लहरों में स्नान करते हुए लोगों ने ढेरों सेल्फी ली
कई भक्त अपने परिजनों से वीडियो कॉल पर जुड़कर इस शुभ घड़ी का साक्षी बना रहे थे
विदेशी पर्यटक भी इस अद्भुत दृश्य को अपने कैमरों में कैद करते नजर आए

इस दृश्य ने यह साबित कर दिया कि महाकुंभ केवल एक धार्मिक अनुष्ठान ही नहीं, बल्कि एक वैश्विक आध्यात्मिक अनुभव बन चुका है।

देश-विदेश से उमड़ी भक्तों की भीड़, नागा संन्यासियों की रही विशेष उपस्थिति

महाशिवरात्रि के महास्नान पर साधु-संतों और नागा संन्यासियों की भी विशेष उपस्थिति देखने को मिली।

13 अखाड़ों के महामंडलेश्वर और संतों ने शाही अंदाज में स्नान किया
नागा संन्यासियों ने त्रिशूल और डमरू के साथ अपने परंपरागत अंदाज में डुबकी लगाई
विदेशी श्रद्धालुओं के लिए यह नजारा अद्भुत और अविस्मरणीय बन गया

संतों और नागाओं के स्नान के दौरान संगम तट पर भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी और पूरा इलाका आध्यात्मिक ऊर्जा से सराबोर हो गया।

सीएम योगी के निर्देश पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम, प्रशासन रहा अलर्ट

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विशेष निर्देश पर महाकुंभ क्षेत्र में सुरक्षा के बेहद पुख्ता इंतजाम किए गए।

पूरे क्षेत्र में 5000 से अधिक सीसीटीवी कैमरे लगाए गए
150 से अधिक वॉच टावरों से निगरानी रखी गई
15,000 से अधिक पुलिस बल और अर्धसैनिक बल तैनात किए गए
स्नान घाटों और प्रवेश द्वारों पर ड्रोन कैमरों से नजर रखी गई
महिलाओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए विशेष महिला पुलिस बल तैनात किया गया

डीआईजी और एसएसपी ने खुद संभाली व्यवस्थाओं की कमान

डीआईजी वैभव कृष्ण और एसएसपी राजेश द्विवेदी ने स्वयं ग्राउंड पर उतरकर व्यवस्थाओं की निगरानी की।cm yogi mahakumbh 1734973720

एसएसपी राजेश द्विवेदी ने बताया,
“मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर हर श्रद्धालु की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है। किसी को कोई असुविधा न हो, इसके लिए विशेष ध्यान दिया गया है।”

सुरक्षा के अलावा यातायात और मेडिकल सुविधाओं का भी विशेष ध्यान रखा गया ताकि श्रद्धालु निर्बाध रूप से स्नान और पूजा-अर्चना कर सकें।

दान-पुण्य और भंडारों की लगी कतारें

महाशिवरात्रि के महास्नान के बाद श्रद्धालु दान-पुण्य करने और भंडारों में प्रसाद ग्रहण करने में भी जुटे रहे।

जगह-जगह विशाल भंडारे लगे, जहां हजारों लोगों ने प्रसाद ग्रहण किया
संतों ने भिक्षुओं और गरीबों को भोजन कराकर पुण्य लाभ अर्जित किया
कई श्रद्धालु गंगा किनारे बैठकर भजन-कीर्तन में लीन हो गए

महाशिवरात्रि के स्नान का महत्व, क्यों होती है इतनी भीड़?

महाशिवरात्रि को लेकर हिंदू धर्म में विशेष मान्यता है।

इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था
जो व्यक्ति इस दिन गंगा स्नान कर व्रत रखता है, उसे मोक्ष प्राप्त होता है
भगवान शिव स्वयं इस दिन अपने भक्तों पर विशेष कृपा बरसाते हैं

यही कारण है कि हर साल महाशिवरात्रि के स्नान के लिए देशभर से लाखों श्रद्धालु प्रयागराज आते हैं और संगम में आस्था की डुबकी लगाते हैं।

महाशिवरात्रि पर आस्था की लहर, अगले महाकुंभ की प्रतीक्षा शुरू

महाशिवरात्रि के स्नान के साथ ही महाकुंभ अपने अंतिम पड़ाव पर पहुंच गया है।

श्रद्धालु जहां एक तरफ पुण्य लाभ लेकर घर लौट रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ अगले महाकुंभ की प्रतीक्षा भी शुरू हो गई है।

इस दिव्य आयोजन ने एक बार फिर सिद्ध कर दिया कि सनातन संस्कृति की जड़ें कितनी गहरी और अटूट हैं। यह केवल धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि एक विश्व स्तरीय आध्यात्मिक महासंगम बन चुका है।

महाकुंभ का समापन, लेकिन आस्था का प्रवाह अनंत

महाशिवरात्रि के इस पावन स्नान ने महाकुंभ 2025 के इस भव्य आयोजन को ऐतिहासिक और अविस्मरणीय बना दिया।

अब जब श्रद्धालु अपने घरों की ओर लौटेंगे, तो उनके मन में गंगा की शीतल लहरों की स्मृतियां और भगवान शिव का आशीर्वाद सदैव बना रहेगा।

महाकुंभ समाप्त हो सकता है, लेकिन आस्था का प्रवाह कभी समाप्त नहीं होता। यही सनातन परंपरा की सच्ची शक्ति है।

हर हर महादेव!

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