दिल्ली में भाजपा सरकार यमुना नदी की सफाई को लेकर पूरी तरह एक्शन मोड में आ गई है। मंत्री परवेश वर्मा ने खुद सफाई अभियान का निरीक्षण किया और दावा किया कि जल्द ही यमुना चमचम चमकने लगेगी। उनका कहना है कि बीते दस दिनों में 1300 मीट्रिक टन कचरा निकाला जा चुका है, और इस ऐतिहासिक सफाई अभियान पर खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पीएमओ की सीधी नजर है। क्या वाकई दिल्ली की जनता को साफ यमुना देखने का सपना पूरा होने वाला है? आइए जानते हैं इस पूरी रिपोर्ट में।
यमुना की सफाई पर दिल्ली सरकार का एक्शन प्लान
दिल्ली की भाजपा सरकार ने ऐलान किया है कि यमुना की सफाई अब उनकी सर्वोच्च प्राथमिकताओं में शामिल है। लंबे समय से दिल्ली की गंदगी और प्रदूषण का शिकार रही यमुना को नया जीवन देने की कवायद तेज हो गई है। मंत्री परवेश वर्मा ने खुद सिग्नेचर ब्रिज से आईटीओ छठ घाट और ओखला बैराज तक सफाई अभियान का निरीक्षण किया और साफ शब्दों में कहा कि अब यमुना की सफाई को लेकर कोई समझौता नहीं होगा।
परवेश वर्मा ने दावा किया कि बीते 10 दिनों में 1300 मीट्रिक टन कचरा यमुना से निकाला जा चुका है। इसके अलावा, नदी में फेरी चलाने की योजना भी बनाई जा रही है, जिसके लिए जल्द ही एमओयू (मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग) साइन किया जाएगा।
केजरीवाल को कभी यमुना की चिंता नहीं थी – परवेश वर्मा का बड़ा हमला
भाजपा मंत्री परवेश वर्मा ने इस मौके पर आम आदमी पार्टी और पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा,
अरविंद केजरीवाल को कभी यमुना की चिंता नहीं थी, वह सिर्फ राजनीति करते थे। उनका पूरा ध्यान पंजाब में अपनी सरकार बचाने और अब राज्यसभा जाने के तरीके खोजने में लगा हुआ है।
परवेश वर्मा ने यह भी आरोप लगाया कि आप सरकार के कार्यकाल में यमुना की हालत लगातार बिगड़ती रही और किसी ने इसे साफ करने की ठानने की हिम्मत तक नहीं दिखाई।
यमुना की सफाई के लिए पैसा और पैशन दोनों – भाजपा सरकार का वादा
भाजपा सरकार के इस मिशन को लेकर मंत्री परवेश वर्मा ने कहा कि हमारे पास पैसा भी है और पैशन भी। उन्होंने भरोसा दिलाया कि इस बार केवल घोषणाएं नहीं होंगी, बल्कि जमीन पर ठोस काम किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार दिन-रात इस प्रोजेक्ट पर काम कर रही है। देर रात तक मीटिंग्स चल रही हैं और विशेषज्ञों से राय-मशविरा किया जा रहा है। सरकार ने योजना बनाई है कि यमुना में बिना ट्रीटमेंट किए एक भी बूंद गंदा पानी नहीं डाला जाएगा। इसके लिए अत्याधुनिक ट्रीटमेंट प्लांट लगाए जाएंगे।
नदी में केमिकल और इंडस्ट्रियल कचरे पर जल्द लगेगी रोक
यमुना की सबसे बड़ी समस्या उसमें गिरने वाला केमिकल और इंडस्ट्रियल वेस्ट है। कई फैक्ट्रियां और उद्योग बिना ट्रीटमेंट किए जहरीला पानी नदी में छोड़ते हैं, जिससे जल प्रदूषण खतरनाक स्तर तक बढ़ गया है।
मंत्री परवेश वर्मा ने कहा कि इस पर सख्त कार्रवाई होगी। उन्होंने घोषणा की कि जल्द ही नए नियम लागू किए जाएंगे, जिसके तहत बिना ट्रीटमेंट किए कोई भी इंडस्ट्रियल कचरा यमुना में नहीं गिराया जाएगा। इसके लिए नए ट्रीटमेंट प्लांट लगाए जाएंगे और दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
डीडीए बनाएगा यमुना रिवर फ्रंट – क्या सच में बदलेगी नदी की सूरत?
दिल्ली विकास प्राधिकरण ने भी यमुना की सफाई और सौंदर्यीकरण को लेकर बड़ी योजना बनाई है। परवेश वर्मा ने जानकारी दी कि डीडीए यमुना रिवर फ्रंट बनाएगा, जिससे दिल्ली की यह ऐतिहासिक नदी एक बार फिर अपने पुराने स्वरूप में लौटेगी।
उन्होंने कहा, हमारा सबसे बड़ा संकल्प यमुना को साफ करना है। दिल्ली के लोगों को इसकी सही हालत दिखाना और इसे पवित्र बनाना है। 2020 में आई बाढ़ के बाद हमें एहसास हुआ कि अगर समय रहते यमुना को साफ नहीं किया गया, तो हालात और बिगड़ सकते हैं। लेकिन हम दिल्ली के नागरिकों को भरोसा दिलाते हैं कि ऐसा दोबारा नहीं होगा।
यमुना को फिर से पवित्र बनाना है – भाजपा सरकार का संकल्प
मंत्री परवेश वर्मा ने यह भी कहा कि भाजपा और दिल्ली सरकार का सबसे बड़ा संकल्प यही है कि यमुना को फिर से पवित्र बनाना है। उन्होंने कहा कि यमुना सिर्फ एक नदी नहीं, बल्कि हमारी संस्कृति और आस्था का प्रतीक है।
उन्होंने दिल्लीवासियों से अपील की कि वे इस मिशन का हिस्सा बनें और यमुना को स्वच्छ रखने में सरकार का साथ दें।
दो साल में पूरी होगी सफाई – क्या दिल्ली को मिलेगा साफ यमुना का तोहफा?
परवेश वर्मा ने कहा कि सरकार की योजना है कि अगले दो वर्षों के भीतर यमुना की सफाई का काम पूरा कर लिया जाएगा। यह एक बड़ी चुनौती है, लेकिन सरकार इसके लिए पूरी तरह से तैयार है।
उन्होंने कहा कि जल्द ही बड़े पैमाने पर मशीनें लगाई जाएंगी, नए ट्रीटमेंट प्लांट बनाए जाएंगे और यमुना किनारे बसे अनधिकृत कॉलोनियों को हटाकर नदी को सही दिशा में बहने का मार्ग दिया जाएगा।
क्या यह सिर्फ चुनावी स्टंट है? जनता की राय
दिल्ली में जब भी कोई बड़ा प्रोजेक्ट शुरू होता है, तो लोगों के मन में यह सवाल उठता है कि क्या यह सिर्फ चुनावी स्टंट है या सच में कुछ बदलेगा?
यमुना की सफाई को लेकर भी जनता के बीच मिली-जुली प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है।
कुछ लोगों का कहना है कि यदि सरकार सच में यमुना को साफ करने में सफल होती है, तो यह दिल्लीवासियों के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि होगी। वहीं, कुछ लोग इसे सिर्फ राजनीतिक बयानबाजी मान रहे हैं और उनका कहना है कि ऐसी घोषणाएं पहले भी की जा चुकी हैं, लेकिन हालात जस के तस बने रहे।
क्या मोदी सरकार के दखल से बदलेगी तस्वीर?
यमुना की सफाई पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पीएमओ की सीधी नजर है। परवेश वर्मा ने कहा कि पीएम मोदी इस प्रोजेक्ट को लेकर बेहद गंभीर हैं और इसे प्राथमिकता दे रहे हैं।
यदि केंद्र सरकार इस सफाई अभियान को पूरी ताकत से लागू करती है, तो यमुना को दोबारा साफ देखने का सपना सच हो सकता है।
क्या दिल्ली को मिल पाएगी स्वच्छ यमुना?
यमुना की सफाई दिल्ली के लिए एक बहुत जरूरी कदम है। भाजपा सरकार ने इसके लिए बड़े वादे किए हैं और दावा किया है कि जल्द ही नदी चमकने लगेगी।
हालांकि, असली सवाल यही है – क्या ये वादे हकीकत में बदलेंगे या फिर यह भी सिर्फ चुनावी एजेंडा बनकर रह जाएगा?
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि अगले दो वर्षों में यमुना की सफाई का यह मिशन कितना सफल होता है। क्या दिल्ली को सच में एक नीली, स्वच्छ और सुंदर यमुना देखने को मिलेगी या यह सिर्फ कागजों पर ही सीमित रहेगा?
दिल्ली की जनता की नजरें इस पर टिकी हैं।