CJI Oath Ceremony Live 2025: जस्टिस भूषण राम कृष्ण गवई होंगे देश के 52 वें मुख्य न्यायाधीश, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दिलाई शपथ

Anchal Sharma
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CJI Oath Ceremony Live 2025: जस्टिस भूषण राम कृष्ण गवई होंगे देश के 52 वें मुख्य न्यायाधीश, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दिलाई शपथ

सुप्रीम कोर्ट के 52 वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में बीआर गवई ने शपथ ली। मुख्य न्यायाधीश को शपथ देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दिलाई। बता दें कि जस्टिस बीआर गवई देश के पहले बौद्ध CJI हैं। और दलित समुदाय से आने वाले दूसरे मुख्य न्यायाधीश हैं।

 Justice Bhushan Ramkrishna Gavai takes oath as the 52nd Chief Justice of India during a ceremony, at Rashtrapati Bhavan in New Delhi, on May 14, 2025. Justice Bhushan Ramkrishna Gavai takes oath as the 52nd Chief Justice of India during a ceremony, at Rashtrapati Bhavan in New Delhi, on May 14, 2025. Justice Bhushan Ramkrishna Gavai takes oath as the 52nd Chief Justice of India during a ceremony, at Rashtrapati Bhavan in New Delhi, on May 14, 2025.CJI Oath Ceremony Live 2025: जस्टिस भूषण राम कृष्ण गवई होंगे देश के 52 वें मुख्य न्यायाधीश, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने दिलाई शपथ

CJI Oath Ceremony 2025: जस्टिस गवई बने देश के 52वें मुख्य न्यायाधीश, राष्ट्रपति ने दिलाई शपथ

Chief Justice BR Gavai Oath Ceremony: देश और सुप्रीम कोर्ट को नया न्यायाधीश मिल गया है। देश के वर्तमान मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना का कार्यकाल 13 मई को समाप्त हो गया था। जिसके बाद जस्टिस बीआर गवई को सुप्रीम कोर्ट का मुख्य न्यायाधीश चुना गया। जस्टिस बीआर गवई ( भूषण रामकृष्ण गवई) ने आज चीफ जस्टिस ( chief Justice of supreme court) के रूप में शपथ ली। उन्हे शपथ देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ( president ) दिलाई। शपथ के बाद देश के नए मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई ने अहम पद पर बैठने से पहले अपनी मां के पैर छूकर आशीर्वाद लिया। उनकी मां कमलताई गवई वहीं मौजूद थी। आपको बता दें कि जस्टिस बीआर गवई देश के पहले बौद्ध न्यायाधीश है। और वे दूसरे दलित समुदाय से आने वाले सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश हैं।

जस्टिस बीआर गवई की मां ने जताया आभार

सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ लेने वाले जस्टिस बीआर गवई की मां ने शपथ समारोह के बाद मीडिया से बात करते हुए कहा कि मेरा बेटा अपने पद के साथ न्याय पूरा करेगा। बेटे की कड़ी मेहनत और दृढ़ सकल्प के मूल आधार को सफलता का सूत्र बताया। उन्होंने आगे कहा कि बेटे ने गरीबों और जरूरतमंदों की मदद करके इसे अर्जित किया है। एक मां के रूप में मै चाहती हूं कि मेरा बेटा अपने पिता के पद चिन्हों पर चलके समाज की सेवा करे और उनका सम्मान वा हक दिलाए। मेरे लिए आज बहुत खुशी का पल है। मेरा बेटा जस्टिस बीआर गवई) छोटी ही उम्र में बहुत कठिन परिस्थितियों और समस्याओं की पार करने के बाद आज इस ऊंचाई पर पहुंचा है। मुझे बेटे पर गर्व है। बता दें कि मूल रूप से महाराष्ट्र के अमरावती जिला निवासी जस्टिस बीआर गवई के पिता दिवंगत आर एस गवई, सिक्किम , केरल और बिहार के पूर्व राज्यपाल रह चुके हैं। उससे पहले वो रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया के नेता भी रह चुके हैं।

नए जस्टिस बीआर गवई के मुख्य फैसले

देश और सुप्रीम कोर्ट के नए जस्टिस बीआर गवई अपने कड़े और बड़े फैसले से चौंकाते रहे हैं। ममनाने तरीके से बोल्डोजर सिस्टम पर उन्होंने कहा था कि मनमाने ढंग से बुलडोजर की कार्रवाई गलत है। आश्रय के अधिकार पर जोर देते हुए निंदा की थी। इसे प्राकृतिक न्याय और कानून के शासन के सिद्धांतो के खिलाफ बताया था। जस्टिस बीआर गवई ने यह भी कहा था कि कार्यपालिका, जज, जूरी,और जल्लाद की भूमिका नहीं निभा सकती। अगर जस्टिस बीआर गवई के पूर्व के मुख्य फैसलों की बात करें तो बुलडोजर सिस्टम, जस्टिस के खिलाफ तोड़फोड़, आर्टिकल 370 को निरस्त करने को बरकरार रखना, डीमोनेटाइजेशन को बरकरार रखना, अनुसूचित जाति में उप वर्गीकरण को बरकरार रखना जैसे बड़े फैसले शामिल हैं। साल 2022 में उनकी पीठ ने 30 साल पुराने केस राजीव गांधी हत्याकांड Rajiv Gandhi Murder case के 6 दोषियों को रिहा करने का आदेश दिया। यह कहते हुए कि राज्यपाल ने तमिलनाडु सरकार की सिफारिश पर कार्रवाई नही की थी।

जस्टिस बीआर गवई का 6 महीने का होगा कार्यकाल

आपको बता दें कि जस्टिस बीआर गवई की नियुक्ति वर्तमान मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना के जगह हो रही है। क्योंकि जस्टिस संजीव खन्ना का कार्यकाल 13 मई से समाप्त हो गया था। सुप्रीम कोर्ट के नए मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ लेने वाले जस्टिस बीआर गवई का कार्यकाल सिर्फ 6 महीने का ही होगा। जस्टिस भूषण रामकृष्ण गवई 14 मई 2025 से 23 नवंबर 2025 तक चीफ जस्टिस की भूमिका में रहेंगे। बीआर गवई नागपुर यूनिवर्सिटी से बीए एलएलबी की डिग्री लेने के बाद 1985 में वकालत शुरू की। साल 2003 में बीआर गवई को बॉम्बे हाईकोर्ट का अतरिक्त न्यायाधीश बनाया गया। फिर दो साल बाद 2005 में उन्हे स्थाई न्यायाधीश नियुक्त किया गया। इसके बाद साल 2019 में उन्हें सुप्रीम कोर्ट का न्यायाधीश बनाया गया। अब वे इसी सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश होंगे।

मुख्य न्यायाधीश को कितनी मिलती है सैलरी

देश के मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई को हर महीने 2.80 लाख रूपए सैलरी दी जाएगी। जबकि इनकी पेंशन प्रतिवर्ष 16.80 लाख , 20 लाख ग्रेच्युटी और महंगाई भत्ता दिया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को वेतन के अलावा 45000 हजार रुपए हर महीने सत्कार भत्ता दिया जाएगा। साथ ही एक साथ 10 लाख रूपए फर्निशिंग अलाउंस भी दिया जाएगा। दिल्ली में उच्च स्तर का बंगला, सरकारी गाड़ी, ड्राइवर, फुल सुरक्षा, नौकर , माली, क्लर्क, यात्रा भत्ता, फोन भत्ता और हर महीने 200 लीटर ईधन की सुविधा दी जाएगी।

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