Bangladesh Army : भारत ने बांग्लादेश को सबक सिखाने के लिए नया दांव चल दिया है। मोदी सरकार के एक्शन के बाद बांग्लादेश की आर्मी ने अलर्ट जारी किया है।
Bangladesh Army Emergency Meeting: भारत के पड़ोसी मुल्क बांग्लादेश में सियासी हलचल तेज हो गई है। माना जा रहा है बांग्लादेश में कुछ बड़ा उलेटफर होने जा रहा है। युनुस खान सरकार के सेना प्रमुख जनरल वाकर उज जमान ने मंगलवार को इमरजेंसी मीटिंग बुलाई है। ये मीटिंग सुबह 9.30 बजे बुलाई गई। जहां उन्होंने सेना से जुड़े अधिकारियों को संबोधित किया। बांग्लादेशी सेना प्रमुख की इस मीटिंग को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बहुत बारीकी से देखा जा रहा है। उनके संबोधन को भारत बहुत नजदीक से देख रहा है। सेना प्रमुख के संबोधन की खास वजह अमेरिका की दखल के रूप में देखा जा रहा है। क्योंकि सोमवार को बांग्लादेश और अमेरिका के बीच हाई लेवल मीटिंग हुई थी। जिसमें बांग्लादेश में अमेरिका के तीन राजनायकों ने सेना प्रमुख जनरल वाकर उज जमान से मुलाकात की थी। बांग्लादेश और अमेरिका की इस मुलाकात की असली वजह सामने नहीं आई है। लेकिन माना जा रहा है कि अमेरिका म्यांमार को लेकर कुछ बड़ा कर सकता है।
सेना प्रमुख जनरल वाकर – उज – जमान का रूस दौरा
पिछले कुछ महीनों से बांग्लादेश एक राजनीतिक उथल पुथल के दौर से गुजर रहा है। पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के देश छोड़ने के बाद बांग्लादेश में सेना का हस्तक्षेप बढ़ गया है। बांग्लादेश में युनुस सरकार भी सेना के इशारों पर काम कर रही है। लेकिन अब सेना प्रमुख जनरल वाकर उज जमान को अपनी गद्दी का डर सताने लगा है। उन्हे सेना के अंदर ही तख्तापलट का डर सता रहा है। ऐसे समय में सेना प्रमुख का रूस दौरा काफी अहम माना जा रहा है। बता दें कि बांग्लादेश के सेना प्रमुख जनरल वाकर उज जमान ने पिछले महीने 7 अप्रैल को रूस का दौरा किया था। जहां उन्होंने रूसी उप रक्षा मंत्री जनरल फोमिन, सेना प्रमुख जनरल ओलेग साल्युकोव और रक्षा मंत्री फर्मों रोस्टेक से मुलाकात की थी। साथ ही रोसाटोम के प्रतिनिधिमंडल से भी भेंट की थी।
रूस ने वाकर- उज- जमान के दौरे को लेकर क्या कहा
आपको बता दें कि बांग्लादेश सेना प्रमुख जनरल वाकर उज जमान की यात्रा ऐसे समय पर हुई थी। जब अमेरिकी अफसर लगातार बांग्लादेश का दौरा कर रहे हैं। क्योंकि अमेरिका की दिलचस्पी म्यांमार को लेकर बढ़ती जा रही है। उधर सेना प्रमुख के रूस दौरे के बाद रूसी रक्षा मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा है कि बांग्लादेश और रूस के बीच आगामी रक्षा क्षेत्र में सहयोग को लेकर चर्चा हुई है। साथ ही एक – दूसरे की सेनाओं को मजबूत करने पर भी चर्चा हुई। सेना प्रमुख के दौरे के बाद रूसी जहाज बांग्लादेश पहुंचे। यह पहली बार है कि रूसी जहाज बांग्लादेश गए हैं। वहीं बांग्लादेश के प्रधानमंत्री युनुस ने चीन की यात्रा की है। इसके बाद उन्होंने पाकिस्तानी अधिकारियों की मेजबानी भी की है।
क्या पटरी पर लौटेंगे भारत – बांग्लादेश के रिश्ते
यह बात दुनिया जानती है कि बांग्लादेश के अंदर नई सरकार को स्थापित करने के पीछे अमेरिका का हाथ था। 5 अगस्त 2024 को पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के बांग्लादेश छोड़ने के बाद मोहम्मद यूनुस की नई सरकार चल रही है। लेकिन नई सरकार बनने के बाद चीन और पाकिस्तान ने बांग्लादेश को जकड़ लिया है। बांग्लादेश में ग्रह युद्ध भी हुआ। जिसमें हिंदू समाज पर अत्याचार हुआ। उनके घरों को निशाना बनाया गया। जिंदा जलाने से लेकर उनके साथ बलात्कार जैसी वारदातों को अंजाम दिया गया। धार्मिक स्थल तोड़े गए। लेकिन नई सरकार सिर्फ तमाशा देखती रही। जिसके बाद भारत और बांग्लादेश के रिश्ते बिगड़ते चले गए। लेकिन बांग्लादेशी सेना प्रमुख जनरल वाकर उज जमान के रूस दौरे से उम्मीद की किरण दिखने लगी है। माना जा रहा है कि भारत और बांग्लादेश के रिश्ते फिर से पटरी पर आ सकते है। वैसे रूस ,भारत और बांग्लादेश का रिश्ता खास रहा है। साल 1971 में जब भारत की तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने पाकिस्तान को तोड़कर बांग्लादेश बनाया तो रूस ने भारत का युद्ध में साथ दिया था। क्योंकि अमेरिका सीधे पाकिस्तान को समर्थन दे रहा था। बता दें कि रूस अभी बांग्लादेश के रूपपुर में परमाणु ऊर्जा संयंत्र का निर्माण कर रहा है। यह अब तक का सबसे महंगा प्रोजेक्ट है। इस प्रोजेक्ट में कुछ भारतीय घटक भी शामिल है। और तीनों देश मिलकर काम कर सकते है। इसके जरिए भारत फिर से बांग्लादेश में पैर जमा सकता है। दोनों देशों के गिले शिकवे को रूस ही मिटा सकता है
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