आतंकवाद के आका पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में डालने के लिए भारत के पास एक ऐसा सबूत हाथ लगा है। जिसके बाद शाहबाज शरीफ और आसिम मुनीर की बेचैनी बढ़ने लगी है।
FATF Pakistan Grey List: भारत में एक कवाहत सदियों से चली आ रही है। ” बकरे की मां कब तक खैर मनाएगी, एक ना एक दिन तो हलाल होना ही पड़ेगा” ये बात बिल्कुल पाकिस्तान पर सटीक बैठती है। क्योंकि पाकिस्तान के दिन लदने शुरू हो गए हैं। भारत ने पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मंच पर घेरने के लिए ऐसा प्लान तैयार किया है। जिससे पाकिस्तान चाहकर कर भी नहीं निकल पाएगा। भारत ने पाकिस्तान को FATF ( Financial Action Task force) की ग्रे लिस्ट में लाने के लिए बंदोबस्त कर लिया है। पाकिस्तान अब दाने – दाने को मोहताज होगा। पाकिस्तान आर्थिक रूप से तो कमजोर होगा ही साथ ही आतंकियों पर भी बड़ी कार्रवाई होगी। जो भी भी FATF की ग्रे लिस्ट में आता है। उसे कड़ी वित्तीय निगरानी से गुजरना पड़ता है। इस दौरान यह देखा जायेगा कि वो मुल्क पैसों का प्रयोग मनी लांड्रिंग और आतंकवाद पर तो नहीं खर्च कर रहा है।
इन कारणों से भारत जता रहा आपत्ति
भारत शुरू से ही पाकिस्तान को एक आतंकवादी देश मानता है। इसके सबूत भारत ने पहले भी वैश्विक मंच पर रखे हैं। और दुनिया को भी पता है कि आतंक के कारखाने पाकिस्तान में ही चलते हैं। लेकिन अब भारत पाकिस्तान को बेनकाब करने के लिए नया प्लान तैयार कर लिया है। भारत अब विश्व बैंक की आगामी फंडिंग का विरोध करेगा। भारत अब वो सभी सबूत FATF ( Financial Action Task force) के सामने रखेगा। जिससे साबित होता है कि पाकिस्तान मनी लांड्रिंग और आतंकवाद के लिए फंडिंग करता है। साथ ही भारत कुछ ऐसे डोजियर भी सौंपेगा। जिससे पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में डाला जाए। भारत का मानना है कि पाकिस्तान अपनी जमीन पर संचालित आतंकवादी गतिविधियों पर कार्रवाई करने में विफल रहा है। वो आईएमएफ से मिले पैसों का इस्तेमाल आतंक पर खर्च करता है। पाकिस्तान अपने रक्षा बजट में इजाफा कर खरीदे गए हथियारों को आतंकी संगठन को भेजता है। जिससे भारत में आतंक मचाया जा सके। ऑपरेशन सिंदूर के समय 10 मई को विश्व बैंक संगठन यानी IMF (international Monetary fund) ने पाकिस्तान को एक बिलियन डॉलर का कर्ज दिया। था। जिस पर भारत ने आपत्ति जताई थी। यह अलग बात है कि आईएमएफ ने पाकिस्तान पर 11 शर्ते थोपी थी।
पहले भी जा चुका है ग्रे लिस्ट में पाकिस्तान
अगले महीने जून में होने वाली FATF की वार्षिक बैठक में भारत ने पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में डालने के लिए खाका तैयार कर लिया है। भारत ने सबूत और डोजियर इकठ्ठा कर लिए हैं। वो उन्हे FATF के सामने रखेगा। जिसके बाद पाकिस्तान का ग्रे लिस्ट में आना तय है। यह कोई पहला मौका नहीं है। जब पाकिस्तान ग्रे लिस्ट में जाएगा। इससे पहले भी वो FATF ( Financial Action Task force) की ग्रे लिस्ट में जा चुका है। साल 2008 में मुंबई आतंकी हमले के लिप्त पाकिस्तान को पहली बार ग्रे लिस्ट में डाला गया था। इसके बाद 2009 में हटा दिया गया। लेकिन आतंकी घटनाओं में कमी नहीं होने की वजह से पाकिस्तान को फिर से 2012 में में ग्रे लिस्ट में डाला गया। और 2015 तक उसे बढ़ा दिया गया। जिसे बाद में हटा दिया गया। इसके बाद साल 2018 में पाकिस्तान फिर ग्रे लिस्ट में आ गया। जिसे 2022 में बाहर कर दिया गया। तब से लेकर पाकिस्तान ने कई आतंकी घटनाओं को अंजाम दिया है। लेकिन उसे ग्रे लिस्ट में नही डाला गया।
क्या है FATF ? यह कब स्थापित हुआ था? क्या होती है प्रक्रिया ?
FATF ( फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स) एक गैर सरकारी संस्थान है। जो दो तरह की लिस्ट जारी करता है। पहली ग्रे लिस्ट और दूसरी ब्लैक लिस्ट, FATF को साल 1989 में स्थापित किया गया था। यह संस्था दुनियाभर में मनी लांड्रिंग, हथियारों और आतंकवाद को रोकने के लिए नियम बनाता है। फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स यह निगरानी करता है कि सभी देश इन नियमों का पालन कर रहें है कि नहीं। जो देश लापरवाही करते हैं। उन्हे ग्रे लिस्ट में डाला जाता है। वहीं बहुत गंभीर मामलों पर FATF उस देश को ब्लैक लिस्ट भी कर देता है। इससे बाहर निकलने के लिए ग्रे लिस्ट में शामिल देश FATF ( Financial Action Task force) के दिशा निर्देशों का पालन करता है तो उसे बाहर कर दिया जाता है। ग्रे लिस्ट में शामिल देश को आर्थिक रूप से बहुत नुकसान उठाना पड़ता है। उसको मिलने वाली सभी तरह की फंडिंग रोक दी जाती है। दुनियाभर की कंपनियां और निवेशक उस देश में पैसा लगाने से बचते है। साथ ही ग्रे लिस्ट में शामिल देश को लोन लेने में भी दिक्कत होती है।
कैसे शामिल होगा FATF में पाकिस्तान
पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में डालने के लिए भारत की विदेशनीति का रोल बहुत अहम हो जाता है। पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में डालने के लिए भारत को फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) के अन्य सदस्यों के सपोर्ट की जरुरत होगी। फिलहाल FATF में सिर्फ 40 सदस्य हैं। इनमें से ज्यादातर देशों ने 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमलें की निंदा की थी। बता दें कि पाकिस्तान FATF( Financial Action Task force) का सदस्य नहीं हैं। पाकिस्तान APG यानी एशिया पैसेफिक ग्रुप ऑन मनी लांड्रिंग का सदस्य है। जबकि भारत APG और FATF दोनों का सदस्य है।
कौन से देश हैं FATF के ग्रे और ब्लैक लिस्ट में शामिल
दुनिया का कोई भी देश ग्रे और ब्लैक लिस्ट में शामिल नहीं होना चाहता। लेकिन FATF के नियमों का उल्लंघन करने पर उन्हें शामिल किया जाता है। ग्रे लिस्ट में शामिल देश नेपाल, केन्या, हैती, लेबनान, अंगोला, अल्जीरिया, बुल्गेरिया, बुर्किना फासो, कैमरून, कोटे डी आइवर, क्रोएशिया, कांगो, लाओ, पीपुल्स डेमोक्रेटिक रिपब्लिक, माली, मोनाको, मोजम्बिया, नामीबिया, नाइजीरिया,दक्षिण अफ्रीका, दक्षिण सूडान,सीरिया, तंजानिया,वियतनाम, यमन और वेनेजुएला शामिल है। वहीं FATF की ब्लैक लिस्ट में ईरान, म्यांमार, डेमोक्रेटिक पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ कोरिया जैसे देश शामिल हैं।
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