America Iran Conflict: परमाणु कार्यक्रम को लेकर ईरान ने दी ट्रंप को नसीहत, इजरायल ने उठाया ये बड़ा कदम

Anchal Sharma
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America Iran Conflict: परमाणु कार्यक्रम को लेकर ईरान ने दी ट्रंप को नसीहत, इजरायल ने उठाया ये बड़ा कदम

America Iran Conflict: ईरान के परमाणु कार्यक्रम को लेकर डोनाल्ड ट्रंप को नसीहत दी है। कि वो हमारे मामले से दूर रहे। ट्रंप के साथ बातचीत में हमें कोई दिलचस्पी नहीं है।

America Iran Conflict: परमाणु कार्यक्रम को लेकर ईरान ने दी ट्रंप को नसीहत, इजरायल ने उठाया ये बड़ा कदम

America -Iran Tension: ईरान के परमाणु कार्यक्रम के बढ़ते तनाव को लेकर मिडिल ईस्ट में हलचल तेज हो गई। अमेरिका से लेकर साउदी अरब और इजराइल परमाणु समझौते को लेकर ईरान पर हमलावर है। अमेरिका ने ईरान से कहा है कि वो परमाणु कार्यक्रम को लेकर बातचीत करे। वहीं इजराइल का बयान आया कि डोनाल्ड ट्रंप खुद ईरान जाकर प्रमाणु हथियारों का इंस्पेक्शन करेंगे। दूसरी तरफ साउदी अरब ने ईरान को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर ईरान अमेरिका से परमाणु समझौता नहीं करता तो इजराइली सेना ईरान के परमाणु ठिकानों पर हमला करेगी। इन सबके बीच ईरानी सर्वोच्च नेता अयातुल्लाह खुमैनी ने अमेरिका साउदी अरब और इजराइल को दो टूक नसीहत दी है कि वो ईरान को धमकी ना दें। ईरान को अपना दायरा पता है। उसे क्या करना है।

मिडिल ईस्ट में लामबंद हुआ ईरान

पश्चिम एशिया में खुद की बादशाहत बनाएं रखने के लिए डोनाल्ड ट्रंप किसी भी हद तक जा सकते हैं। अमेरिका को डर सता रहा है कि अगर ईरान का परमाणु कार्यक्रम सफल हो गया तो मिडिल ईस्ट में इजराइल की पकड़ कमजोर हो जाएगी। क्योंकि फिर ईरान खुद इजराइल और साउदी अरब जैसे देशों को प्रमाणु हथियारों की धमकी देगा। इसलिए अमेरिका की मंशा है कि वो किसी भी कीमत पर ईरान को परमाणु कार्यक्रम समझौते को लेकर राजी करे। इसलिए अमेरिका ने साउदी अरब को तेहरान भेजा है।

साउदी अरब के रक्षा मंत्री प्रिंस खालिद बिन सलमान ने ईरान की राजधानी तेहरान पहुंचकर ईरानी नेताओ को चेतावनी देते हुए कहा कि आज ईरान ने परमाणु कार्यक्रम पर ईरान से समझौता नहीं किया तो इजराइल कभी भी प्रमाणु ठिकानों पर हमला कर सकता है। अगर समझौते पर ईरान सहमति देता है तो अमेरिका ईरान पर लगे आर्थिक प्रतिबंध को कम कर देगा। बता दें कि ईरान और अमेरिका के बीच अभी तक पांच दौर की बातचीत ही चुकी है। लेकिन कोई नतीजा नहीं निकल सका है।

ईरान ने अमेरिका को दी चुनौती

परमाणु कार्यक्रम को लेकर ईरान और अमेरिका के बीच तनाव इस कदर बढ़ गया है। कि आने वाले समय में दुनिया एक और जंग का नजारा देखेगी। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पहले ही कह चुके है कि अगर ईरान समझौते को राजी नहीं होता तो हम परमाणु ठिकानों को नष्ट करने में बिल्कुल देरी नही करेंगे। वहीं ईरान ने अमेरिका के बयान पर कहा कि अगर अमेरिका ईरान के साथ कूटनीति समाधान चाहता है तो उसे प्रतिबंधों और धमकी की भाषा छोड़नी होगी। किसी के साथ बातचीत करने के लिए ये भाषा उचित नहीं है।

इस तरह की धमकियों से ईरान डरने वाला नहीं है। हमनें पहले भी कहा है की हम यूरेनियम का अधिक भंडार नहीं कर रहे हैं। सिर्फ व्यापारिक नजरिए से ही यूरेनियन की अधिकता बढ़ा रहे हैं। तेहरान ने बातचीत के लिए कभी इंकार नहीं किया। बशर्ते अमेरिका को उचित शर्ते रखनी होगी।

परमाणु कार्यक्रम पर क्या बोले ट्रंप

डोनाल्ड ट्रंप ने जब पहली बार अमेरिका की सत्ता संभाली थी। तो उन्होंने बराक ओबामा के कार्यकाल में ईरान के साथ हुए परमाणु ऊर्जा समझौते से खुद को अलग कर लिया था। जिसके बाद ईरान की बौखलाहट देखने को मिली थी। तभी से डोनाल्ड ट्रंप ने तय कर लिया था कि ईरान को परमाणु हथियार नही बनाने देंगे। उस समय अमेरिका ने ईरान पर कई तरह के आर्थिक प्रतिबंध भी लगाए थे। इसके बाद भी ईरान मानने को तैयार नहीं है।

डोनाल्ड ट्रंप ने व्हाइट हाउस में अपने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि ईरान के साथ परमाणु समझौता इतना सख्त हो कि हम अपने निरक्षकों के साथ अन्दर जा सके। जो चाहे ले सके, जो चाहे उड़ा सके। हम अगर किसी लैब की नष्ट करें तो कोई ना हो। और किसी की जान भी ना जाए। ट्रंप ने आगे कहा कि मुझे उम्मीद है कि ईरान के साथ परमाणु समझौता निकट है।

इजराइल – साउदी अरब भी बना रहे दबाव

इजराइल और साउदी अरब की नजदीकियां अमेरिका से ज्यादा हैं। ईरान के परमाणु कार्यक्रम ने इजराइल और साउदी अरब दोनों की मुश्किलें बढ़ा दी है। इन्हें पता है कि ईरान परमाणु हथियार संपन्न देश हो जाता है तो मिडिल ईस्ट से इजराइल और साउदी अरब दोनों की बादशाहत खतरे में पड जायेगी। ईरान एक शिया मुल्क है। और साउदी अरब एक सुन्नी देश है। ईरान खुद को इस्लाम का खलीफा भी देखना चाहता है। ईरान को पता है कि उसका परमाणु शक्ति देश बनना बहुत जरूरी है। इसलिए ईरान ने स्पष्ट कर दिया कि वो वह यूरेनियम एनरिचमेंट से समझौता नहीं करेगा। ईरान कह चुका है कि परमाणु हथियार सिर्फ सिविल यूज के लिए है। हालांकि माना जा रहा है कि ईरान और अमेरिका जून के महीने में बातचीत कर सकते हैं। ये बातचीत ओमान में हो सकती है। लेकिन अभी आधिकारिक तौर पर पुष्टी नहीं हुई है

पिता वीरेंद्र सिंह ने लोगों से अपील की। वो अंकिता को इंसाफ दिलाने के लिए खड़े रहें। आरोपियों को मौत की सजा मिले|

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