राजनाथ सिंह ने SCO समिट के दस्तावेज पर नहीं किए साइन चीन और पाकिस्तान को दिखाया आईना

Anchal Sharma
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राजनाथ

राजनाथ सिंह ने क्यों जाफर एक्सप्रेस हमले का जिक्र किया लेकिन पहलगाम का नहीं

SCO Summit 2025: चीन में हुए शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के रक्षा मंत्रियों के सम्मेलन में भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह चीन के बंदरगाह शहर किंगदाओ में भाग लेने पहुंचे थे। इस दौरान राजनाथ सिंह ने अपने चीनी समकश रक्षा मंत्री एडमिरल डोंग जू से भेंट की। जहां दोनों रक्षा मंत्रियों के बीच द्विपक्षीय मुद्दों पर बातचीत हुई। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने चीनी रक्षा मंत्री को बिहार के मधुबनी की पेंटिंग भेंट की। इस बीच राजनाथ सिंह ने एससीओ के साझा बयान पर दस्तखत करने से इनकार कर दिया है। क्योंकि बयान में पाकिस्तान के जाफर एक्सप्रेस ट्रेन हमलें का जिक्र था लेकिन पहलगाम आतंकी हमलें का कोई जिक्र नहीं था। राजनाथ के इस कदम की तारीफ भारत के विपक्षी नेता भी कर रहे हैं।

राजनाथ ने चीन और पाकिस्तान को जमकर धोया

एससीओ की बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पाकिस्तान और चीन का नाम लिए बगैर खूब सुनाया। राजनाथ ने कहा कि कुछ देश अपनी नीतियों के जरिए सीमापार आतंकवाद को एक हथियार के राय में इस्तेमाल करते हैं। वो आतंकियों से लड़ने के बजाय उन्हें पनाह देते है। उनकी मदद करते हैं। सबकुछ जानते हुए भी आंख पर पट्टी बांध लेते है। और दुनिया के सामने झूठ फैलाते हैं। ऐसे दोहरे मापदंड को खत्म करना बहुत जरूरी है। राजनाथ ने आगे कहा कि एससीओ एक बड़ा वैश्विक मैच है। इस मंच से ऐसी ताकतों को खुलेआम आलोचना करने चाहिए। बैठक में शामिल सभी सदस्यों को आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता दिखानी चाहिए। आतंकवाद को फंडिंग देने वाले, उसे अंजाम देने वाले और आतंकवाद को बढ़ावा देने वालों को बख्शा नही जाना चाहिए। फिर वो चाहे सीमापार से हो या किसी अन्य जगह से हो। ऐसे लोगों को वैश्विक मंच पर बेनकाब करना चाहिए।

ऑपरेशन सिंदूर को लेकर SCO समिट में बोले राजनाथ

राजनाथ सिंह ने गुरुवार को चीन के किंगदाओ में शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के रक्षा मंत्रियों के सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि भारत ने पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में आतंकवाद से बचाव और सीमापार से होने वाले हमलों को रोकने के अपने अधिकार का इस्तेमाल करते हुए ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया था। पहलगाम आतंकी हमले के दौरान निर्दोष लोगों को उनकी धार्मिक पहचान के आधार पर गोली मारी गई थी। संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित आतंकी समूह लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) से जुड़े ‘दरेजिस्टेंस फ्रंट’ ने हमले की जिम्मेदारी ली थी। पहलगाम आतंकी हमले का तरीका भारत में एलईटी के पिछले आतंकी हमलों से मेल खाता है। रक्षा मंत्री ने कहा भारती आतंकवाद के प्रति रुख साफ है। भारत ना तो आतंकवाद को बर्दास्त करेगा और ना ही आतंकवाद को पनाह देने वालों को बर्दास्त करेगा। भारत और भारतीय सेना इसका जवाब देना जानती है। हम दोनों को निशाना बनाने में बिल्कुल संकोच नहीं करेंगे। हमारी बहादुर सेना ने 6 और 7 मई की रात को ऐसा कर भी दिखाया था। उन्होंने सीमापर 9 आतंकी ठिकानों को तबाह करके भारत की ताकत का अहसास भी कराया था।

राजनाथ सिंह ने SCO दस्तावेजों पर नहीं किए हस्ताक्षर

चीन के शहर किंगदाओ में गुरुवार को संघाई सहयोग संगठन (SCO) के रक्षा मंत्रियों की बैठक में साझा बयान पारित नहीं हो सका। भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जैसवाल ने बताया कि भारत ने एससीओ दस्तावेज में आतंकवाद को लेकर अपनी कुछ चिंताओं को शामिल करने की मांग की थी। जिसमें एससीओ के एक सदस्य को स्वीकार नहीं था। एससीओ दस्तावेज में पाकिस्तान में हुए जाफर एक्सप्रेस ट्रेन हमलें का जिक्र तो था लेकिन 22 अप्रैल को हुए पहलगाम आतंकी हमलें को दस्तावेज से अलग रखा था। इसलिए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने SCO समिट के दस्तावेज पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया। जबकि राजनाथ सिंह ने बैठक में आतंकवाद का मुद्दा उठाया था। बता दें कि चीन के संघाई सहयोग संगठन यानी एससीओ में चीन द्वारा आयोजित बैठक में चीन के अलावा भारत, पाकिस्तान, ईरान, रुस, बेलारूस, किर्गिस्तान, कजाकिस्तान, तजाकिस्तान और उज़्बेकिस्तान के रक्षा मंत्रियों ने हिस्सा लिया था।

भारत – चीन के रक्षा मंत्रियों के बीच क्या बात हुई

चीन के किंगदाओ शहर में आयोजित संघाई सहयोग संगठन की बैठक में भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और चीनी रक्षा मंत्री एडमिरल डोंग जू से मुलाकात हुई। मुलाकात के दौरान दोनों देशों के रक्षा मंत्रियों ने द्विपक्षीय संबंधों से संबंधित मुद्दों पर रचनात्मक और दूरदर्शी विचारों का पर बात की। लगभग 6 वर्षो से बंद कैलाश मानसरोवर यात्रा को शुरू करने पर सहमति बनी। साझा बैठक में दोनों नेताओं ने कहा कि दोनों देशों के लिए आवश्यक है कि सकारात्मक गति को बनाएं रखें। साथ ही संबंधों में नई जटिलताओं को जोड़ने से बचें। राजनाथ सिंह ने चीनी रक्षा मंत्री को बिहार की मधुबनी की पेंटिंग भेंट की। बिहार के मिथिला क्षेत्र में बनी की खासियत चमकीले रंग, विरिधाभासों या पैटर्न से भरे रेखा चित्र है। जो इसे ख़ास बनाती है।

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