मिर्जापुर/छानबे।
गंगा नदी के बढ़ते जलस्तर ने एक बार फिर जनजीवन को प्रभावित कर दिया है। छानबे क्षेत्र के गईपूरा-लालगंज मार्ग पर स्थित कठवैया पुल पूरी तरह पानी में डूब चुका है, जिसके चलते आवागमन पूरी तरह ठप हो गया है। पुल के दोनों तरफ ग्रामीणों की भीड़ है, लेकिन रास्ता अब केवल एक ही बचा है – नाव।
राज्य सरकार ने स्थिति को गंभीरता से लेते हुए नि:शुल्क नाव सेवा शुरू की है ताकि ग्रामीणों की जरूरतें पूरी हो सकें और किसी प्रकार की जानमाल की हानि न हो।
पुलिस तैनात, सुरक्षा पुख्ता
स्थिति की संवेदनशीलता को देखते हुए स्थानीय पुलिस बल को भी कठवैया पुल के पास तैनात किया गया है। विंध्याचल थाना प्रभारी और चौकी प्रभारी उपनिरीक्षक संजय सिंह स्वयं मौके पर निगरानी कर रहे हैं। किसी भी व्यक्ति को पुल पार करने की अनुमति नहीं दी जा रही है।
चौकी प्रभारी संजय सिंह ने कहा –
“पुल पर जलभराव खतरनाक स्थिति में है। यदि कोई व्यक्ति बाइक या अन्य वाहन लेकर पुल पार करता है तो उसके साइलेंसर में पानी भर सकता है, जिससे इंजन खराब हो जाएगा। ऐसे में दुर्घटना का खतरा बढ़ जाता है।”
नाव ही अब जीवन रेखा
स्थानीय प्रशासन द्वारा उपलब्ध कराई गई नावों के ज़रिए अब ग्रामीणों को सुरक्षित ढंग से एक किनारे से दूसरे किनारे तक पहुंचाया जा रहा है। यह सेवा पूरी तरह निःशुल्क है और इसे सरकारी मदद से चलाया जा रहा है। पुलिसकर्मी खुद नाव चढ़ने में बुजुर्गों और महिलाओं की मदद कर रहे हैं।
फोटो और रील बनाने से मना
गंभीर स्थिति के बावजूद कुछ लोग पुल पर चढ़कर सेल्फी या रील बनाने की कोशिश कर रहे हैं, जिससे हादसे की संभावना और बढ़ जाती है। इस पर सख्त रुख अपनाते हुए प्रशासन ने स्पष्ट चेतावनी जारी की है।
चौकी प्रभारी ने अपील की –
“कृपया पुल पर चढ़कर फोटो या रील न बनाएं। यह जान जोखिम में डालने जैसा है। गंगा नदी का जल कब बढ़ जाए, इसका अंदाज़ा किसी को नहीं। दूर से फोटो लें, लेकिन अपनी और दूसरों की सुरक्षा का ध्यान रखें।”
स्थानीयों में चिंता, लेकिन प्रशासन पर भरोसा
गांव वालों में जहां एक ओर बाढ़ के चलते भय है, वहीं प्रशासन द्वारा की जा रही व्यवस्थाओं से कुछ हद तक संतोष भी दिखाई देता है। नाव की उपलब्धता और पुलिस की मुस्तैदी लोगों को राहत दे रही है।
गईपूरा निवासी रामबचन यादव कहते हैं –
“पुल से रोज़ आना-जाना होता था। अब नाव का सहारा है, लेकिन पुलिस की सतर्कता अच्छी है। अगर प्रशासन सख्ती न करे तो कई लोग जान जोखिम में डाल दें।”
भविष्य की आशंका और तैयारियाँ
जलस्तर में अभी और वृद्धि की आशंका है। प्रशासन लगातार जल आयोग और मौसम विभाग के संपर्क में है और स्थिति की 24×7 मॉनिटरिंग की जा रही है। आशंका है कि यदि बारिश इसी तरह जारी रही तो आसपास के गांवों में भी जलभराव की स्थिति उत्पन्न हो सकती है।
निष्कर्ष: सतर्क रहें, सुरक्षित रहें
गंगा का उफान कोई नई बात नहीं, लेकिन इसे हल्के में लेना घातक हो सकता है। कठवैया पुल जैसी जगहों पर लोग जितनी सतर्कता बरतेंगे, प्रशासन को उतनी ही राहत मिलेगी। जरूरी है कि सरकारी दिशा-निर्देशों का पालन किया जाए, और नाव सेवा का सही इस्तेमाल किया जाए।
गंगा की रफ्तार को हम नहीं रोक सकते, लेकिन उसकी लहरों में बहने से खुद को जरूर बचा सकते हैं।
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