कर्तव्य भवन 3 के उद्घाटन की तैयारी पूरी, बदल रहा है दिल्ली का प्रशासनिक परिदृश्य

Aanchalik Khabre
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कर्तव्य भवन 3

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जल्द ही कर्तव्य भवन 3 का उद्घाटन करने वाले हैं, जो कि सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास परियोजना के तहत विकसित हो रहे केंद्रीय सचिवालय परिसर (Central Secretariat Complex – CCS)  का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह परियोजना न केवल दिल्ली के सत्ता गलियारों को आधुनिक स्वरूप दे रही है, बल्कि सरकार के विभिन्न मंत्रालयों को एक छत के नीचे लाकर प्रशासनिक दक्षता बढ़ाने की दिशा में भी अहम कदम है।

 

कुछ भवन रहेंगे यथावत

हालांकि अधिकांश मंत्रालयों को CCS परिसर में स्थानांतरित किया जाएगा, लेकिन कुछ महत्वपूर्ण भवनों को यथावत रखा जाएगा। इनमें प्रमुख हैं —

  • वाणिज्य भवन (Vanijya Bhawan), जहां वाणिज्य मंत्रालय कार्यरत है,
  • जवाहरलाल नेहरू भवन, जिसमें विदेश मंत्रालय का कार्यालय है,
  • राष्ट्रीय संग्रहालय (National Museum) और
  • अंबेडकर ऑडिटोरियम।

इन भवनों को बनाए रखने का कारण यह है कि ये हाल के वर्षों में ही निर्मित हुए हैं और पूरी तरह आधुनिक सुविधाओं से युक्त हैं।

 

आधुनिक तकनीक और हरित निर्माण की मिसाल

CCS परिसर के नए भवनों, खासकर कर्तव्य भवन 3 में, कई हरित विशेषताएं (green features) शामिल की गई हैं। इनमें डबल ग्लेज़्ड कांच की खिड़कियां, ऊर्जा की खपत कम करने वाले एलईडी लाइट्स, और डे लाइट व ऑक्यूपेंसी सेंसर शामिल हैं। इन उपायों से करीब 30 प्रतिशत ऊर्जा की बचत का लक्ष्य रखा गया है।

भवन का बाहरी हिस्सा विशेष थर्मल इंसुलेशन प्रदान करेगा, जिससे गर्मी और ध्वनि को कम किया जा सकेगा, और साथ ही नमी का संक्षेपण भी घटेगा। यह निर्माण पर्यावरण के अनुकूल और टिकाऊ विकास की दिशा में एक कदम माना जा रहा है।

 

सुरक्षा और निगरानी में नई व्यवस्था

कर्तव्य भवन 3 में प्रवेश पूरी तरह ID कार्ड आधारित एक्सेस कंट्रोल सिस्टम के माध्यम से होगा, चाहे वह अधिकारी हों या आगंतुक। इसके साथ ही बाउंड्री वॉल पर पावर फेंसिंग की गई है, जिससे परिधि सुरक्षा मजबूत की जा सके।

सबसे खास बात यह है कि सेंट्रल विस्टा क्षेत्र की निगरानी के लिए एकीकृत कमांड एंड कंट्रोल सेंटर (Integrated Command & Control Centre) की भी स्थापना की गई है, जहां से पूरे क्षेत्र की गतिविधियों पर नजर रखी जाएगी।

 

आधुनिकता और परंपरा का संगम

CCS परिसर न केवल प्रशासनिक कार्यक्षमता बढ़ाने वाला केंद्र बनेगा, बल्कि यह भारत की आधुनिकता और सांस्कृतिक विरासत का भी प्रतीक होगा। जहां एक ओर पुरानी ऐतिहासिक इमारतें संरक्षित रहेंगी, वहीं दूसरी ओर नए भवन भविष्य की जरूरतों के अनुरूप तकनीकी रूप से सुसज्जित होंगे।

प्रधानमंत्री मोदी का यह उद्घाटन भारत की राजधानी के नए शासकीय युग की शुरुआत के तौर पर देखा जा रहा है – जहां नवाचार, सुरक्षा, पर्यावरण और प्रशासनिक सुगमता साथ-साथ चलेंगे।

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