गर्मी सिर्फ थकान, पसीना या चक्कर आने तक ही सीमित नहीं है। यह आपके दिल के लिए भी चुनौती बन सकती है। जब तापमान बढ़ता है, तो दिल को शरीर को ठंडा रखने के लिए ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है। यही अतिरिक्त दबाव कभी-कभी दिल की सेहत पर बुरा असर डाल सकता है।
क्यों बढ़ता है दिल पर दबाव?
गर्मी में शरीर खुद को ठंडा करने के लिए ज्यादा खून त्वचा तक भेजता है। इससे दिल को तेजी से पंप करना पड़ता है।
पानी की कमी (डिहाइड्रेशन) खून को गाढ़ा कर देती है, जिससे दिल पर और दबाव बढ़ जाता है।
दिल की बीमारी वाले लोगों के लिए यह स्थिति हार्ट अटैक या हार्ट वॉल्व फेल्योर जैसी गंभीर दिक्कतें पैदा कर सकती है।
किन लोगों को ज्यादा ध्यान रखना चाहिए?
बुजुर्ग और हार्ट के मरीज
कम साधनों या सीमित स्वास्थ्य सुविधाओं वाले लोग
ब्लड प्रेशर, डायबिटीज़ या मोटापे से जूझ रहे लोग
वैज्ञानिक शोध बताते हैं कि जिन लोगों के पास स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी होती है, उन्हें गर्मी के मौसम में दिल की बीमारी का खतरा ज्यादा रहता है।
विशेषज्ञ की राय
कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. नड्डी बी. मराह के अनुसार:
“गर्मी दिल पर तात्कालिक और लंबे समय दोनों के लिए असर डाल सकती है। यह कार्डियोवैस्कुलर सिस्टम पर अतिरिक्त तनाव पैदा करती है।”
गर्मी में दिल की सेहत के आसान टिप्स
पानी पिएं – दिनभर पर्याप्त पानी, नारियल पानी या नींबू पानी लें।
हल्के कपड़े पहनें – ढीले और कॉटन के कपड़े शरीर को ठंडक देते हैं।
धूप से बचें – खासकर दोपहर 12 से 3 बजे तक बाहर निकलने से परहेज़ करें।
कैफीन और ज्यादा नमक से बचें – ये डिहाइड्रेशन बढ़ा सकते हैं।
दवाइयां समय पर लें – डॉक्टर की सलाह के बिना दवा बंद न करें।
लक्षण पहचानें – चक्कर आना, पसीना आना, तेज धड़कन या सांस फूलना दिखे तो तुरंत ठंडे स्थान पर जाएं और डॉक्टर से सलाह लें।
गर्मी सिर्फ मौसम का बदलता रूप नहीं है, बल्कि यह हमारे दिल की मजबूती की भी परीक्षा लेती है। अगर हम थोड़ी सावधानी बरतें, तो दिल को सुरक्षित रखा जा सकता है।
अगली बार जब तापमान तेज़ हो, तो याद रखें – ठंडा शरीर, ठंडा दिमाग और खुश दिल ही सबसे अच्छा समर टिप है

