थाथरी इलाके में मची तबाही
जम्मू-कश्मीर के डोडा जिले के थाथरी इलाके में मंगलवार सुबह बादल फटने की घटना सामने आई। तेज बारिश के साथ अचानक इतना ज्यादा पानी और मलबा आया कि गांव में तबाही मच गई। देखते ही देखते 10 से ज्यादा घर पूरी तरह से टूट गए और कई लोग बेघर हो गए।
लोगों को नहीं था कोई अंदाजा
स्थानीय लोगों के मुताबिक सुबह से ही मौसम खराब था, लेकिन किसी को ये अंदाजा नहीं था कि इतनी बड़ी घटना होने वाली है। बादल फटते ही पानी और मलबा पहाड़ियों से नीचे की ओर बहा और जो भी रास्ते में आया, सबकुछ उजड़ गया।

सड़कें बंद, भूस्खलन और मलबा हर तरफ
बादल फटने के बाद डोडा जिले में कई जगह भूस्खलन और पत्थर गिरने की घटनाएं भी हुईं। मिट्टी धंसने से कई रास्ते पूरी तरह बंद हो गए हैं। राष्ट्रीय राजमार्ग के कई हिस्सों पर मलबा जमा हो गया है, जिससे ट्रैफिक रुक गया है और आने-जाने में भारी परेशानी हो रही है।
राहत और बचाव कार्य जारी
घटना के तुरंत बाद प्रशासन की टीमें मौके पर पहुंच गईं और राहत-बचाव का काम शुरू कर दिया गया। फंसे हुए लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया गया है। अब तक किसी के हताहत होने की खबर नहीं है, जो राहत की बात है। प्रशासन ने कुछ जगहों पर अस्थाई राहत शिविर भी लगाए हैं।
बारिश का अलर्ट, लोगों को सतर्क रहने की सलाह
मौसम विभाग ने आने वाले दिनों में और बारिश का अलर्ट जारी किया है। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे सावधान रहें, नदियों और ढलानों के पास न जाएं, और जरूरी ना हो तो घरों से बाहर न निकलें।
पहाड़ी इलाकों में बढ़ते खतरे
पिछले कुछ सालों में डोडा, किश्तवाड़, अनंतनाग जैसे कई पहाड़ी इलाकों में बादल फटने की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं। जानकार मानते हैं कि ये ग्लोबल वॉर्मिंग और बदलते मौसम का असर हो सकता है। बारिश पहले से ज्यादा अनियंत्रित और खतरनाक हो गई है।
जरूरत है मजबूत तैयारी की
ऐसे हादसे अचानक होते हैं और नुकसान बहुत बड़ा होता है। इसीलिए जरूरी है कि सरकार और स्थानीय प्रशासन पहाड़ी इलाकों में और ज्यादा मजबूत तैयारी करें ताकि वक्त रहते लोगों की जान और माल बचाया जा सके।