नई दिल्ली, 4 सितंबर 2025
GST काउंसिल की हालिया बैठक ने फैशन और टेक्सटाइल सेक्टर में हलचल मचा दी है। सरकार ने कपड़ों और फुटवियर पर टैक्स स्ट्रक्चर में बड़ा बदलाव किया है। इसका सीधा असर आम उपभोक्ताओं और ब्रांडेड कंपनियों दोनों पर पड़ेगा।
₹2,500 तक के कपड़े और जूते होंगे सस्ते
पहले केवल ₹1,000 तक के कपड़ों पर 5% GST लगता था। अब इस सीमा को बढ़ाकर ₹2,500 कर दिया गया है। इसका मतलब है कि ₹2,500 तक के कपड़े और जूते सस्ते होंगे और ग्राहक इन्हें कम दाम पर खरीद पाएंगे।
यह फैसला खासकर मिडिल क्लास और छोटे शहरों के उपभोक्ताओं के लिए राहत की खबर है। त्योहार और शादी के सीजन में लोग बजट-फ्रेंडली शॉपिंग कर पाएंगे।
₹2,500 से ऊपर वाले कपड़े होंगे महंगे
जहां एक ओर सस्ते कपड़े और जूते किफायती होंगे, वहीं ₹2,500 से ऊपर के ब्रांडेड कपड़ों पर GST 12% से बढ़ाकर 18% कर दिया गया है। यानी अब लक्ज़री ब्रांड्स जैसे ज़ारा, एचएंडएम, नाइकी या प्रीमियम भारतीय ब्रांड्स के कपड़े महंगे हो जाएंगे।
फैशन इंडस्ट्री के विशेषज्ञों का कहना है कि इस टैक्स बढ़ोतरी से उच्च वर्ग के ग्राहकों पर सीधा असर नहीं पड़ेगा, लेकिन मध्यम वर्ग का बड़ा हिस्सा महंगे ब्रांड्स से दूरी बना सकता है।
इंडस्ट्री का क्या कहना है?
टेक्सटाइल और गारमेंट इंडस्ट्री ने इस फैसले पर चिंता जताई है। क्लोदिंग मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (CMAI) का कहना है कि 18% GST से हाई-एंड फैशन इंडस्ट्री को झटका लग सकता है।
कंपनियों का तर्क है कि पहले से ही कपड़ों की कीमतें कच्चे माल और श्रम लागत बढ़ने के कारण ऊपर जा रही हैं, ऐसे में टैक्स बढ़ोतरी मांग को और घटा सकती है।
नया GST ढांचा: दो मुख्य स्लैब
GST काउंसिल ने टैक्स स्ट्रक्चर को सरल बनाने के लिए अब केवल दो मुख्य स्लैब तय किए हैं:
- 5% GST: सामान्य और किफायती वस्तुओं के लिए
- 18% GST: प्रीमियम और गैर-जरूरी वस्तुओं के लिए
इसके अलावा, लक्ज़री और “सिन गुड्स” जैसे अल्कोहल, महंगी कारें और पेट्रोल पर 40% टैक्स लागू होगा।
यह कदम लंबे समय से चली आ रही जटिल टैक्स व्यवस्था को सरल बनाने के लिए उठाया गया है।
उपभोक्ताओं पर सीधा असर
श्रेणी | प्रभाव |
₹2,500 तक के कपड़े/जूते | खरीदना होगा सस्ता, मिडिल क्लास को फायदा |
₹2,500 से ऊपर के ब्रांडेड कपड़े | कीमत बढ़ेगी, मांग घट सकती है |
MSME और छोटे व्यापारी | टैक्स स्ट्रक्चर सरल होने से अनुपालन आसान होगा |
त्योहारी सीजन पर असर
त्योहार और शादी का सीजन नजदीक है। ऐसे में बजट-फ्रेंडली कपड़ों की बिक्री बढ़ने की संभावना है। दूसरी ओर, प्रीमियम सेगमेंट की मांग थोड़ी धीमी हो सकती है।
विशेषज्ञों का मानना है कि घरेलू ब्रांड्स को इस फैसले से फायदा होगा क्योंकि ग्राहक महंगे विदेशी ब्रांड्स छोड़कर भारतीय विकल्पों की तरफ रुख कर सकते हैं।
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