कानपुर : नाबालिग सहित कई लड़कियों का यौन शोषण, आरोपी प्रेम जाल में फंसाकर बनाता था अश्लील वीडियो

Aanchalik Khabre
6 Min Read
नाबालिग सहित कई लड़कियों का यौन शोषण

भरोसे के रिश्ते को किया शर्मसार

प्यार को दुनिया का सबसे पवित्र रिश्ता माना जाता है, लेकिन जब कोई शख्स इसी रिश्ते की आड़ लेकर हवस का खेल खेले, तो समाज की नींव तक हिल जाती है। उत्तर प्रदेश के कानपुर से सामने आई एक घटना ने इंसानियत को झकझोर कर रख दिया है। यहां एक निजी अस्पताल में काम करने वाले आरोपी ने न सिर्फ लड़कियों को प्रेम जाल में फंसाया, बल्कि उनका यौन शोषण कर अश्लील वीडियो बनाकर उन्हें ब्लैकमेल भी करता रहा। चौंकाने वाली बात यह है कि इस हवस का शिकार एक 8वीं कक्षा की नाबालिग छात्रा भी बनी।


नाबालिग छात्रा ने किया खुलासा

मामला तब सामने आया जब पीड़िता ने हिम्मत जुटाकर अपने पिता को बताया कि एक शख्स लंबे समय से उसे परेशान कर रहा है। लड़की के पिता ने आरोपी को रंगे हाथ पकड़कर उसकी पिटाई की। इसी दौरान आरोपी का मोबाइल फोन जमीन पर गिर गया। जब मोबाइल की जांच की गई, तो उसमें से 20 से अधिक लड़कियों और महिलाओं के अश्लील वीडियो और चैट्स बरामद हुए।

यह खुलासा होते ही सबके पैरों तले जमीन खिसक गई। आरोपी न केवल नाबालिग बल्कि कॉलेज जाने वाली युवतियों और विवाहित महिलाओं तक को अपने जाल में फंसा चुका था।


आरोपी का तरीका: पहले दोस्ती, फिर प्यार और फिर ब्लैकमेल

पुलिस जांच में सामने आया कि आरोपी पहले लड़कियों से दोस्ती करता था, फिर धीरे-धीरे उन्हें प्रेम जाल में फंसा लेता था। उसके बाद वह उनकी निजी तस्वीरें और वीडियो बनाकर उन्हें धमकाता और ब्लैकमेल करता था।

कुछ मामलों में आरोपी ने लड़कियों को सेक्स रैकेट में धकेलने तक की कोशिश की। यानी मासूमियत का फायदा उठाकर उसने न सिर्फ विश्वास तोड़ा बल्कि कई जिंदगियों को तबाह कर दिया।


पिता की बहादुरी से बची नाबालिग

यह मामला उजागर इसलिए हो सका क्योंकि नाबालिग छात्रा ने साहस दिखाया और अपने पिता को सब कुछ बता दिया। अगर वह चुप रहती तो शायद आरोपी और अधिक लड़कियों को अपनी हवस का शिकार बनाता।

पीड़िता के पिता ने तुरंत पुलिस को सूचना दी। थाना नौबस्ता पुलिस ने मौके पर पहुंचकर एफआईआर दर्ज की।


पुलिस की कार्रवाई

पुलिस ने आरोपी के मोबाइल फोन को कब्जे में ले लिया है, जिसमें बड़ी संख्या में अश्लील वीडियो, चैट और तस्वीरें पाई गईं।

थाना नौबस्ता पुलिस ने मामले की पुष्टि करते हुए कहा—

“छेड़खानी और पॉक्सो एक्ट की धाराओं में अभियोग दर्ज कर लिया गया है। आरोपी का मोबाइल जब्त कर लिया गया है, जिसकी जांच की जा रही है। शीघ्र गिरफ्तारी के लिए चार टीमें गठित की गई हैं। अभियुक्त के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।”


आरोपी अब तक फरार

खुलासे के बाद से आरोपी फरार बताया जा रहा है। पुलिस ने दावा किया है कि जल्द ही उसे पकड़कर सलाखों के पीछे भेज दिया जाएगा। पुलिस टीम लगातार छापेमारी कर रही है और उसके संपर्कों की जांच भी की जा रही है।


समाज के लिए चेतावनी

यह घटना केवल एक परिवार की त्रासदी नहीं, बल्कि पूरे समाज के लिए चेतावनी है। सवाल यह है कि जब स्कूल जाने वाली बेटियाँ और कॉलेज की छात्राएँ अपने आसपास ऐसे दरिंदों से घिरी हों, तो उनकी सुरक्षा कैसे सुनिश्चित की जाएगी?

इस मामले ने एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि क्या सिर्फ सख्त कानून और कठोर सजा ही ऐसे अपराधों पर लगाम लगा सकते हैं, या समाज को भी जागरूक होकर इन अपराधियों के खिलाफ खड़ा होना होगा।


कानून क्या कहता है?

इस मामले में आरोपी के खिलाफ पॉक्सो एक्ट (Protection of Children from Sexual Offences Act) और छेड़खानी की धाराएं लगाई गई हैं। पॉक्सो एक्ट बच्चों की सुरक्षा के लिए बनाए गए सख्त कानूनों में से एक है। इसके तहत नाबालिग के साथ यौन शोषण करने वाले को कड़ी सजा और लंबे कारावास की सजा दी जाती है।


परिवार और समाज की भूमिका

ऐसे मामलों को रोकने के लिए परिवारों को चाहिए कि वे बच्चों को खुला माहौल दें ताकि वे अपनी समस्याएँ बताने में डरें नहीं। साथ ही स्कूल और कॉलेज स्तर पर भी जागरूकता अभियान चलाना जरूरी है, ताकि लड़कियाँ समझ सकें कि कैसे वे सोशल मीडिया और व्यक्तिगत संबंधों में सुरक्षित रह सकती हैं।


नतीजा

कानपुर की यह घटना समाज के लिए एक आईना है। यह बताती है कि हवस के सौदागर किस तरह भरोसे का फायदा उठाकर मासूम जिंदगियों को बर्बाद कर सकते हैं। नाबालिग छात्रा की बहादुरी ने कई और लड़कियों को बचा लिया, लेकिन सवाल अब भी वही है—
क्या समाज ऐसे दरिंदों के खिलाफ समय रहते खड़ा होगा?
क्या सख्त सजा इन्हें रोकने का एकमात्र तरीका है?

Also Read This – मथुरा-वृंदावन में यमुना की बाढ़ का कहर

Share This Article
Leave a Comment