मीरजापुर। शेमफोर्ड स्कूल, बसही, मीरजापुर में शनिवार को ग्रैंड पेरेंट्स डे का एक भव्य और भावनात्मक आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम पारिवारिक मूल्यों, श्रद्धा और आनंद के अद्भुत संगम के रूप में सामने आया, जिसने बुजुर्गों के सम्मान और उनके अमूल्य योगदान को केंद्र में रखा।
कार्यक्रम का शुभारंभ और स्वागत
कार्यक्रम की शुरुआत परंपरागत गणेश वंदना के साथ हुई। प्रधानाचार्य शैलेश कुमार पांडेय ने मुख्य अतिथि डॉ. दिलशाद खान का स्मृति-चिह्न और अंगवस्त्र भेंट कर स्वागत किया। इस अवसर पर स्कूल के निदेशक विवेक बरनवाल और निदेशिका शिप्रा बरनवाल सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।
छात्रों की विशेष प्रस्तुतियाँ
छात्रों ने इस अवसर पर दादा-दादी और नाना-नानी के महत्व को उजागर करते हुए कई मनमोहक प्रस्तुतियाँ दीं। इनमें हृदयस्पर्शी गीत, शिक्षाप्रद नाटिकाएँ और रंगारंग नृत्य शामिल थे, जिन्होंने सभी को भावविभोर कर दिया।
बुजुर्गों की सक्रिय भागीदारी
कार्यक्रम का सबसे आनंददायक पल तब आया जब बुजुर्गों ने विभिन्न खेल गतिविधियों में उत्साहपूर्वक भाग लिया। इससे पूरा वातावरण हँसी और खुशी से गूंज उठा और पीढ़ियों के बीच की डोर और मजबूत हुई।
विशेष अतिथियों के संदेश
मुख्य अतिथि डॉ. दिलशाद खान ने अपने संबोधन में कहा, “बुजुर्गों को सम्मान और सुख देना ही जीवन की सार्थकता है।” वहीं निदेशक विवेक बरनवाल और निदेशिका शिप्रा बरनवाल ने बुजुर्गों को “परिवार की जड़ें और संस्कारों के स्रोत” बताया।
समापन और संदेश
कार्यक्रम का समापन वरिष्ठ समन्वयक संगीता शर्मा के धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ। इस समारोह ने यह महत्वपूर्ण संदेश दिया कि बुजुर्ग हमारे परिवार और संस्कृति के जीवंत प्रतीक हैं और उनका सम्मान समाज की मजबूती की नींव है।
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