नवी मुंबई, १४ सितंबर २०२५
नवी मुंबई अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे का नामकरण स्वर्गीय लोकनेता डी.बी. पाटिल के नाम पर किए जाने की मांग को लेकर रविवार, १४ सितंबर को एक विशाल कार रैली का आयोजन किया गया। यह रैली सुबह ९ बजे भिवंडी के मनकोली क्षेत्र से प्रारंभ हुई और नवी मुंबई स्थित जसई गाँव में समाप्त हुई, जहाँ डी.बी. पाटिल को श्रद्धांजलि अर्पित की गई।
एक ऐतिहासिक मांग, एकजुट समर्थन
इस रैली में दो हज़ार से अधिक वाहनों ने भाग लिया, जो इस मांग के प्रति समाज के गहरे जुड़ाव और एकजुटता को प्रदर्शित करता है। आयोजकों ने बताया कि यह आंदोलन पूरी तरह से शांतिपूर्ण और अनुशासित रहा। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह अब केवल एक मांग नहीं, बल्कि न्याय की लड़ाई बन गई है और तब तक जारी रहेगी जब तक उनकी मांग पूरी नहीं हो जाती।
सांसद म्हात्रे का केंद्र सरकार को स्पष्ट चेतावनी
एनसीपी (एसपी) के भिवंडी लोकसभा सांसद श्री सुरेश म्हात्रे (भल्या मामा) ने एक प्रेस वार्ता में केंद्र सरकार को स्पष्ट चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार, कई राजनीतिक दलों, संगठनों और स्थानीय भूमिपुत्रों के समर्थन के बावजूद, केंद्र सरकार जानबूझकर इस मांग को नजरअंदाज कर रही है और टालमटोल की रणनीति अपना रही है।
म्हात्रे ने जोर देकर कहा, “जब तक नवी मुंबई अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे का नाम आधिकारिक तौर पर डी.बी. पाटिल के नाम पर नहीं रखा जाता, तब तक इसका उद्घाटन नहीं होने दिया जाएगा। इसके परिणामों की पूरी जिम्मेदारी केंद्र सरकार की होगी।”
डी.बी. पाटिल: एक राष्ट्रीय विरासत
श्री म्हात्रे ने डी.बी. पाटिल के योगदान को याद करते हुए कहा कि वे सिर्फ एक क्षेत्रीय नेता नहीं, बल्कि एक राष्ट्रीय चिंतक और महान समाज सुधारक थे। उन्होंने आरोप लगाया कि एक संकीर्ण राजनीतिक दृष्टिकोण ने उनकी इस विरासत को केवल ठाणे और रायगढ़ जिलों तक सीमित करने का प्रयास किया है, जबकि उनका प्रभाव और योगदान इससे कहीं अधिक व्यापक था। उन्होंने इसे “भूमिपुत्रों की भावनात्मक और जायज मांग” बताया।
Also Read This-आरोन में सड़क सुरक्षा एवं अपराध नियंत्रण हेतु विशेष वाहन जांच अभियान तेज