राजनाथ सिंह ने तोड़ा ट्रंप के दावे का भ्रम: भारत-पाक संघर्ष में किसी तीसरे पक्ष का हस्तक्षेप नहीं

Aanchalik Khabre
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राजनाथ सिंह

हैदराबाद में आयोजित एक कार्यक्रम में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने दो टूक शब्दों में कहा कि भारत-पाकिस्तान के बीच हुए संघर्ष में किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता नहीं हुई। उन्होंने बिना नाम लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर निशाना साधा और कहा कि कुछ लोग इस संघर्ष को रोकने का श्रेय लेने का दावा करते हैं, लेकिन सच्चाई इससे बिल्कुल अलग है।

इशाक डार के बयान से खुली पोल

पाकिस्तान के उप-प्रधानमंत्री इशाक डार ने भी इस मामले में स्पष्ट कर दिया कि भारत ने हमेशा तीसरे पक्ष की मध्यस्थता को अस्वीकार किया है। उन्होंने बताया कि मई 2025 में हुए सैन्य तनाव के दौरान अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने उनसे संपर्क किया, लेकिन भारत ने यह साफ कर दिया कि यह मुद्दा द्विपक्षीय है और किसी भी अन्य देश के हस्तक्षेप की गुंजाइश नहीं है।

आतंकवाद पर भारत की सख्त नीति

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि आतंकवादियों के खिलाफ चल रहे अभियान को किसी बाहरी दबाव के कारण कभी नहीं रोका गया। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि भविष्य में कोई बड़ा आतंकी हमला होता है तो ‘ऑपरेशन सिंदूर’ जैसे अभियान फिर से शुरू किए जाएंगे। यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उस स्पष्ट नीति को दर्शाता है, जिसमें कहा गया है कि भारत की सुरक्षा और संप्रभुता पर किसी भी तरह का समझौता नहीं होगा।

रजाकारों और पहलगाम हमले पर प्रतिक्रिया

रजाकारों और पहलगाम हमले को जोड़ते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि जैसे अतीत में रजाकारों ने समाज को विभाजित करने की कोशिश की थी, वैसे ही पहलगाम हमला भी भारत की सामाजिक एकता और सद्भाव पर करारा प्रहार था। उन्होंने यह भी कहा कि आज का भारत न केवल सीमा पर, बल्कि हर मोर्चे पर दुश्मन को आंख में आंख डालकर जवाब देने की क्षमता रखता है।

यह बयान न केवल भारत की विदेश नीति और सुरक्षा दृष्टिकोण को स्पष्ट करता है, बल्कि यह संदेश भी देता है कि भारत अपने मुद्दों का समाधान स्वयं कर सकता है और किसी भी बाहरी दबाव को स्वीकार नहीं करता।

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