देहरादून में बारिश का कहर : 10 नदियों की बाढ़ से तबाही, पुल और घर बह गए, जान-माल को भारी नुकसान

Aanchalik Khabre
3 Min Read
देहरादून में बारिश

देहरादून और आसपास के क्षेत्रों में भारी वर्षा ने विनाशकारी हालात पैदा कर दिए। सोमवार रात से मंगलवार सुबह तक हुई अतिवृष्टि ने कई इलाकों में तबाही मचा दी। सहस्रधारा, मालदेवता, प्रेमनगर, झाझरा और टपकेश्वर मंदिर क्षेत्र सबसे अधिक प्रभावित हुए। प्रशासन ने आधिकारिक रूप से 13 मौतों, 3 घायलों और 13 लोगों के लापता होने की पुष्टि की, जबकि स्थानीय लोगों का कहना है कि हताहतों की संख्या और भी अधिक हो सकती है।

सड़कों, पुलों और मंदिरों को गहरी चोट

लगातार मूसलाधार बारिश के कारण जिले की 11 नदियां उफान पर आ गईं। इस आपदा में 13 पुल टूट गए और 62 सड़कें पूरी तरह क्षतिग्रस्त होकर बंद हो गईं। सहस्रधारा में बादल फटने से कई मकान ढह गए। मालदेवता के फुलेट गांव में आठ लोग मलबे में दब गए। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें लगातार बचाव कार्य में लगी रहीं और शाम तक सैकड़ों लोगों को सुरक्षित निकाला गया।

टपकेश्वर और तमसा नदी का रौद्र रूप

प्रसिद्ध टपकेश्वर महादेव मंदिर में भीषण तबाही देखने को मिली। तमसा नदी का जलस्तर 30 फीट तक बढ़ गया, जिससे शिवलिंग और हनुमान जी की विशाल प्रतिमा तक डूब गई। मंदिर को जोड़ने वाला पुल भी तेज बहाव में बह गया। प्रशासन ने तुरंत अलर्ट जारी कर मंदिर में फंसे करीब 18 सेवादारों को रस्सी के सहारे सुरक्षित निकाला।

भट्टा फॉल का विकराल रूप

मसूरी के भट्टा फॉल ने भी रौद्र रूप धारण कर लिया। पानी और मलबा आसपास की सात से अधिक दुकानों में घुस गया, जिससे दुकानदारों को भारी नुकसान हुआ। स्थानीय लोगों ने बताया कि फॉल के इस उग्र रूप को देखकर क्षेत्र में भय का माहौल बन गया।

स्थानीय इलाकों में दहशत

रिस्पना, नून और बिंदाल जैसी नदियों ने भी आसपास की बस्तियों को नुकसान पहुंचाया। टौंस नदी पर बना पुल टूट गया, जबकि एकादश मुखी हनुमान मंदिर परिसर का बड़ा हिस्सा नून नदी में समा गया। लोगों को डर है कि बारिश जारी रही तो नुकसान और बढ़ सकता है।

प्रकृति के प्रकोप से सबक

देहरादून की सूखी पड़ी नदियां वर्षों बाद पहली बार इतनी भीषण बाढ़ में बहती दिखीं। यह घटना बताती है कि जलवायु परिवर्तन और अनियंत्रित शहरीकरण से प्राकृतिक आपदाएं कितनी भयावह हो सकती हैं। प्रशासन के साथ-साथ नागरिकों को भी आपदा प्रबंधन और सुरक्षित निर्माण पर ध्यान देने की जरूरत है।

Also Read This-उत्तराखंड प्राकृतिक आपदा: देहरादून में बादल फटने से भारी तबाही, बचाव अभियान जारी

Share This Article
Leave a Comment