एनएमएमसी संपत्ति कर छूट में देरी: नागरिकों को न मिल सका लाभ, अनुचित जुर्माने पर बढ़ा विवाद

Aanchalik Khabre
2 Min Read
एनएमएमसी संपत्ति कर बिल की देरी और नागरिकों का विरोध

एनएमएमसी संपत्ति कर छूट में देरी: नागरिकों का बढ़ता आक्रोश

एनएमएमसी संपत्ति कर छूट से जुड़ी यह समस्या नवी मुंबई के हजारों करदाताओं के लिए चिंता का विषय बन गई है। जून 2025 तक बकाया भुगतान करने वालों को 10% छूट देने की घोषणा की गई थी, लेकिन बिल वितरण में महीनों की देरी ने नागरिकों को इस राहत से वंचित कर दिया।

हिसाब समय पर नहीं, नागरिकों को जुर्माना

2025-26 वित्तीय वर्ष के लिए एनएमएमसी के संपत्ति कर बिल अप्रैल के बजाय सितंबर में वितरित किए गए। परिणामस्वरूप, नागरिक समय पर भुगतान नहीं कर सके और उन्हें अनुचित जुर्माने का सामना करना पड़ा। सजग नागरिक मंच के अनिल पवार का कहना है कि प्रशासन अपनी जिम्मेदारियों को पूरा किए बिना नागरिकों से समय पर भुगतान की उम्मीद नहीं कर सकता।

कानूनी और प्रशासनिक पहलू

महाराष्ट्र नगर निगम अधिनियम, 1949 के तहत नगर निकायों को कर निर्धारण और वसूली पारदर्शी व समय पर करनी होती है। कार्यकर्ताओं का आरोप है कि यह देरी संपत्ति कर विभाग और बिल वितरण के लिए जिम्मेदार निजी ठेकेदारों, दोनों की लापरवाही को दर्शाती है।

क्यूआर कोड सुविधा, लेकिन मुख्य समस्या बरकरार

एनएमएमसी ने हाल ही में क्यूआर कोड के माध्यम से भुगतान सुविधा शुरू की है, जिससे डिजिटल भुगतान आसान हुआ है। हालांकि कार्यकर्ताओं का कहना है कि जब तक बिल समय पर वितरित नहीं किए जाते, तब तक छूट और जुर्माने की समस्या बनी रहेगी।

नागरिक समूहों की मुख्य मांगें

  • हर साल अप्रैल माह के भीतर सभी संपत्ति कर बिल वितरित किए जाएं।

  • देरी के लिए जिम्मेदार अधिकारियों और ठेकेदारों पर सख्त कार्रवाई हो।

  • बिल की देरी से डिलीवरी के कारण लगाए गए जुर्माने को रद्द किया जाए।

अनिल पवार ने जोर देते हुए कहा, “यदि प्रशासन नागरिकों को दंडित करने का साहस करता है, तो उसे अपने लापरवाह अधिकारियों और ठेकेदारों को भी दंडित करना चाहिए।

Also Read This-आईआईएम मुंबई का विस्तार: नवी मुंबई और पुणे में नए केंद्र खोलने की योजना

Share This Article
Leave a Comment