दादर फूल मार्केट में आदिवासी पारधी समाज पर कार्रवाई रोकने की मांग

Aanchalik Khabre
2 Min Read
दादर फूल मार्केट

दादर फूल मार्केट में आदिवासी पारधी समाज की चिंता

दादर फूल मार्केट पिछले चार दशकों से आदिवासी पारधी समाज का रोजगार का मुख्य स्रोत रहा है। यह समाज फूल बेचकर अपने परिवार का भरण-पोषण करता है। हाल ही में, मुंबई मनपा और पुलिस की संयुक्त कार्रवाई के कारण इस समाज के लोगों के रोज़गार पर संकट उत्पन्न हो गया है।

आदिवासी पारधी महासंघ के मुंबई और नवी मुंबई अध्यक्ष संतोष एकनाथ पवार एवं मानखुर्द शाखा अध्यक्ष सोमनाथ रावसाहेब पवार ने दादर के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक से मुलाकात कर इस कार्रवाई को रोकने की मांग की। महासंघ ने बताया कि पिछले 30–40 वर्षों से यह समाज त्यौहारों के समय दिन-रात मेहनत कर फूलों की लटें और मालाएँ बनाकर जीविका कमाता रहा है।


शिक्षा और पहचान की कमी से बढ़ती मुश्किलें

आदिवासी पारधी समाज के अधिकांश लोग शिक्षा से वंचित हैं और उन्हें अन्य रोजगार उपलब्ध नहीं हो पाते। कुछ के पास आधार कार्ड भी नहीं हैं। इस वजह से मनपा और पुलिस की कार्रवाई उनके लिए और मुश्किलें खड़ी कर रही है। महासंघ ने वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक को ज्ञापन सौंपकर कहा कि मेहनत और मजदूरी से अपने परिवार का जीवन यापन करने वाले लोगों पर कार्यवाही बंद की जाए।

संतोष पवार ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि आजादी के बाद से यह समाज मुख्य विकास धारा से दूर रहा है। सरकार और राजनेताओं की ओर से इस समाज के उत्थान के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।

Also Read This-नवी मुंबई हवाई अड्डा पर पहली निजी जेट विमान की ऐतिहासिक लैंडिंग

Share This Article
Leave a Comment