दीपक कैतके ने सरकार से तात्कालिक कार्रवाई की मांग की
मुंबई में मेट्रो यात्रा के दौरान दिव्यांग यात्रियों के साथ हो रहे भेदभाव को लेकर रोष की लहर उठी है। मेट्रो की लाइन 2A और लाइन 7 पर जहां दिव्यांग यात्रियों को किराए में छूट दी जा रही है, वहीं पास की ही लाइन 3 (अक्वा लाइन) पर यह सुविधा अब तक लागू नहीं की गई है। इस असमान नीति के कारण दिव्यांग यात्रियों को रोजाना आर्थिक और मानसिक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री को भेजा गया पत्र
स्वास्थ्य और दिव्यांग प्रतिनिधि दीपक कैतके ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को पत्र लिखकर इस भेदभाव पर तत्काल कार्रवाई की मांग की है।
कैतके ने कहा — “एक रूट पर छूट और दूसरे पर नहीं — यह साफ तौर पर भेदभाव है। यह दिव्यांगों के अधिकारों पर सीधा हमला है।”
तकनीकी और नीतिगत असमानता बनी मुख्य वजह
इस असमानता के पीछे मेट्रो ऑपरेटरों की अलग-अलग नीतियां, स्मार्ट कार्ड सिस्टम की तकनीकी दिक्कतें और शासन में समन्वय की कमी को प्रमुख कारण बताया जा रहा है।
सामाजिक संगठन और अधिकार संरक्षण संस्थाओं ने भी इस भेदभाव पर कड़ी आपत्ति जताई है। उनका कहना है कि दिव्यांग यात्रियों को किराए में छूट देना कोई “सुविधा नहीं बल्कि कानूनी अधिकार” है।
कानूनी दृष्टि से सरकार की जिम्मेदारी स्पष्ट
Persons with Disabilities Act, 1995 और Rights of Persons with Disabilities Act, 2016 के अनुसार, राज्य और केंद्र सरकार दोनों पर यह जिम्मेदारी है कि वे दिव्यांगों के लिए सार्वजनिक परिवहन में रियायतें सुनिश्चित करें। कुछ मेट्रो लाइनों पर छूट देकर और कुछ पर नहीं देना इस कानूनी दायित्व का उल्लंघन माना जा रहा है।
“अगर सुधार नहीं हुआ, तो आंदोलन तय” — कैतके
दीपक कैतके ने चेतावनी दी है कि — “अगर तुरंत सुधार नहीं किया गया, तो हम इस मुद्दे पर जोरदार आंदोलन करेंगे और सरकार को जिम्मेदार ठहराएंगे।”
विशेषज्ञों की राय: सामाजिक न्याय का सवाल
विशेषज्ञों का मानना है कि मुंबई जैसे महानगर में सभी मेट्रो लाइनों पर समान छूट लागू करना न केवल कानूनी दायित्व, बल्कि सामाजिक न्याय की भी आवश्यकता है।
सरकार, मेट्रो ऑपरेटर और सामाजिक संगठनों के बीच समन्वय बनाकर इस भेदभाव को जल्द से जल्द समाप्त किया जाना चाहिए — यही यात्रियों और समाज की मांग है।
Also Read This- दीपावली पर एसआरए की सौगात — दो पात्र लाभार्थियों को मिला अपने सपनों का घर

