आगरा में ‘दृश्यम’ जैसी वारदात: बेटी का वीडियो बनाने वाले रिश्तेदार की हत्या, 18 महीने बाद राज़ खुला

Aanchalik Khabre
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आगरा

आगरा के मलपुरा क्षेत्र में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जिसने लोगों को बॉलीवुड की फिल्म ‘दृश्यम’ की याद दिला दी। यहाँ एक पिता ने अपनी नाबालिग बेटी का नहाते हुए वीडियो बनाने और ब्लैकमेल करने वाले रिश्तेदार को मौत के घाट उतार दिया। हत्या के बाद आरोपी ने शव को ड्रम में डालकर खेत में जला दिया। करीब 18 महीने तक यह राज़ दफन रहा, लेकिन डीएनए रिपोर्ट और डिजिटल साक्ष्यों ने पूरे मामले को उजागर कर दिया।

घटना का पृष्ठभूमि

साल 2023 में एक 17 वर्षीय किशोर, जो शादी-ब्याह के कार्यक्रमों में वीडियो बनाने का काम करता था, मलपुरा के एक गांव में अपने रिश्तेदार हलवाई के घर आया। इसी दौरान उसने हलवाई की 16 वर्षीय बेटी का नहाते हुए वीडियो बना लिया और उसे ब्लैकमेल कर पैसे और संबंध बनाने के लिए मजबूर करने लगा।

किशोरी ने पिता को यह बात बताई। पिता ने पहले आरोपी किशोर को समझाने की कोशिश की, यहां तक कि मामला थाने भी पहुंचा, लेकिन गलती स्वीकारने और समझौता होने के कारण मामला रुक गया।

हत्याकांड की योजना और अंजाम

फरवरी 2024 में आरोपी पिता ने किशोर को अपनी दुकान पर बुलाया। फेसबुक मैसेंजर पर बातचीत के जरिए उसे फंसाया गया। मौका पाकर पिता ने पहले मफलर से और फिर लोहे के तार से उसका गला दबाकर हत्या कर दी। इसके बाद अपने भतीजे की मदद से शव को ड्रम में भरकर सैंया क्षेत्र के सुनसान खेत में ले गए और पेट्रोल डालकर जला दिया।

किशोर के मोबाइल फोन को खारी नदी में फेंक दिया गया और बाइक को वहीं छोड़ दिया गया। हत्या के बाद आरोपी दिल्ली चला गया और साउथ अफ्रीका जाने की तैयारी करने लगा।

जांच और साक्ष्य

मामले के खुलासे में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका डिजिटल सबूत और डीएनए रिपोर्ट ने निभाई। फेसबुक मैसेंजर की चैट, कॉल डिटेल रिकॉर्ड और लोकेशन डेटा के आधार पर पुलिस को आरोपी तक पहुँचने में सफलता मिली।

एसीपी सैंया डॉ. सुकन्या शर्मा ने बताया कि एसएसआई इजहार अहमद की विवेचना में जुटाए गए साक्ष्यों ने केस को सुलझाया। खेत में मिले अधजले शव के डीएनए को मृतक के माता-पिता से मिलाया गया, जिससे किशोर की पहचान पक्की हुई।

पुलिस की कार्रवाई

पुलिस ने आरोपी हलवाई को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में उसने अपना अपराध कबूल किया। पुलिस ने हत्या में प्रयुक्त तार बरामद कर लिया जबकि मफलर आरोपी ने जला दिया था। हत्या के बाद आरोपी ने साउथ अफ्रीका जाने के लिए वीज़ा भी बनवा लिया था, लेकिन मुकदमा दर्ज होने पर उसका वीज़ा निरस्त कर दिया गया।

मामले से सीख

यह घटना बताती है कि साइबर ब्लैकमेल और नाबालिगों के खिलाफ अपराध किस हद तक घातक हो सकते हैं। यह मामला न सिर्फ पुलिस की जाँच क्षमता को दर्शाता है, बल्कि डिजिटल साक्ष्यों के महत्व को भी रेखांकित करता है।

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