कृषि विभाग ने फ्लैग मार्च निकालकर किया फसल अवशेषों में आग लगाने वालों को सतर्क किया और प्रचार वाहन ने गांव-गांव पहुंचकर फसल अवशेष प्रबंधन पर जागरुक किया

कृषि विभाग ने फ्लैग मार्च निकालकर किया फसल अवशेषों में आग लगाने वालों को सतर्क:सुरेंद्र
कृषि विभाग द्वारा ब्लॉक स्तरीय जागरुकता कार्यक्रमों में किसानों व आमजन को किया जागरुक, प्रचार वाहन ने गांव-गांव पहुंचकर फसल अवशेष प्रबंधन पर किया जागरुक, फसल अवशेषों का प्रबंधन कर किसान प्राप्त करें आर्थिक लाभ
कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के उपनिदेशक डा. सुरेंद्र मलिक ने कहा कि किसान फसल अवशेषों का प्रबंधन करके व उनमें आग न लगाकार किसान पर्यावरण को प्रदूषित होने से बचा सकते है। इसके साथ-साथ फसलों के अवशेषों में आग न लगाकर बल्कि फसल अवशेषों को मशीनों के माध्यम से जमीन में मिलाकर भूमि की उपजाऊ शक्ति को भी बढ़ाया जा सकता है।
कृषि विभाग द्वारा जिले में सीआरएम स्कीम के माध्यम से विभिन्न कार्यक्रमों व शिविरों का आयोजन करके आमजन को फसल अवशेष प्रबंधन करने व फसल अवशेषों में आग ना लगाने के प्रति जागरुक किया जा रहा है। इसी कड़ी में विभाग के द्वारा पुलिस विभाग के साथ मिलकर फ्लैग मार्च निकाला गया और किसानों को फसल अवशेषों में आग लगाने वालों को चेतावनी देकर सचेत किया।
डीडीए डा. सुरेंद्र मलिक ने कहा कि किसान फसल अवशेष प्रबंधन करके जहां पर्यावरण को प्रदूषित होने से बचा सकते है

डीडीए डा. सुरेंद्र मलिक ने कहा कि विभाग द्वारा जागरुकता शिविरों के माध्यम से आमजन को फसल अवशेषों में आग ना लगाने, फसल अवशेषों का उचित प्रबंधन करके आर्थिक लाभ उठाने, फसल अवशेषों में आग लगाने से पर्यावरण पर पडऩे वाले दुष्प्रभावों के बारे में स्लोगनों, पोस्टरों आदि के माध्यम से जागरुक किया जा रहा है। इन शिविरों में कृषि विभाग के अधिकारी आमजन को कृषि विभाग की विभिन्न कृषि स्कीमों की जानकारी प्रदान करने का काम कर रहे है।
किसान फसल अवशेष प्रबंधन करके जहां पर्यावरण को प्रदूषित होने से बचा सकते है, वहीं प्रति एकड़ 1 हजार रुपए की प्रोत्साहन राशि का आर्थिक लाभ भी उठा सकते है। फसल अवशेषों में आग ना लगाने के प्रति सावधान करने और ऐसा करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए पुलिस व विभाग के वाहनों के माध्यम से फ्लैग मार्च भी निकाले जा रहे है।
विभाग द्वारा जागरुकता वाहन के माध्यम से व आमजन को फसल अवशेष प्रबंधन बारे विस्तार से जानकारी प्रदान की जा रही है।

उन्होंने कहा कि किसान फसल अवशेषों को अपनी जमीन में दबाकर भूमि की उपजाऊ शक्ति बढ़ा सकते है। जिस किसान ने पराली के बंडल बनवाए है, उसे सीआरएम पोर्टल पर जाकर ऑनलाइन पंजीकरण करवाना होगा ताकि उन्हें 1 हजार रुपए प्रति एकड़ की अनुदान राशि प्रदान की जा सके।
फसल अवशेषों को जलाने से पर्यावरण प्रदूषित होता है और भूमि में उपस्थित किसान मित्र कीट मर जाते है, जिससे भूमि का बंजर होने का खतरा बढ़ जाता है। फसल अवशेषों को जलाने से निकलने वाला धुआं बुजुर्ग व बच्चों के स्वास्थ्य पर भी बहुत बुरा असर डालता है।
किसान फसल अवशेष प्रबंधन करके सरकार और प्रशासन का सहयोग कर सकते है तथा आर्थिक लाभ भी प्राप्त कर सकते है। सुप्रीम कोर्ट व एनजीटी के आदेशानुसार फसल अवशेषों को जलाना कानूनन जुर्म है तथा दोष साबित होने पर प्रति एकड़ 2500 रुपए जुर्माना लगाने का भी प्रावधान है।