समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने एक बार फिर योगी सरकार पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने उत्तर प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था और सामाजिक मुद्दों को लेकर सरकार को घेरा और कहा कि राज्य में शिक्षा से ज़्यादा शराब को बढ़ावा दिया जा रहा है।
अखिलेश ने तंज कसते हुए कहा, “यूपी में न्यूयॉर्क से ज्यादा शराब की दुकानें हैं, लेकिन स्कूल अब भी बंद पड़े हैं। सरकार चाहती ही नहीं कि लोग पढ़ाई करें।”

"शिक्षा बंद, शराब चालू?"
अखिलेश यादव ने यह बयान एक प्रेस कांफ्रेंस में दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने जो स्कूल बंद किए थे, वो अब तक दोबारा नहीं खुले। वहीं, शराब की दुकानें तेजी से खोली जा रही हैं।
उन्होंने कहा, “यह सरकार शिक्षा को दबा रही है और नशे को बढ़ावा दे रही है। पढ़ाई बंद, लेकिन शराब चालू – यही इनका मॉडल है।”
पीडीए पाठशाला और शिक्षक भर्ती का मुद्दा
अखिलेश यादव ने पीडीए पाठशालाओं का जिक्र करते हुए कहा कि वहां पढ़ाने वाले शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने तुलना करते हुए कहा, “अंग्रेजों ने भी पाठशाला वालों पर इतना अत्याचार नहीं किया था, जितना आज की सरकार कर रही है।“
साथ ही उन्होंने 69000 शिक्षक भर्ती के अभ्यर्थियों की बात भी उठाई, जो आरक्षण की अनदेखी के खिलाफ विरोध कर रहे हैं। अखिलेश ने कहा कि पिछड़े वर्गों का हक छीना जा रहा है, और सरकार इन आवाज़ों को अनसुना कर रही है।
"डबल इंजन सरकार ने छीने अच्छे दिन"
उन्होंने भाजपा की डबल इंजन सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, “इन लोगों ने अच्छे दिन लाने का वादा किया था, लेकिन हकीकत ये है कि इन्होंने पिछड़ों का सम्मान और अधिकार तक छीन लिया।”
अखिलेश यादव के बयान एक बार फिर यह दिखाते हैं कि यूपी में शिक्षा बनाम शराब का मुद्दा राजनीतिक बहस का केंद्र बनता जा रहा है। जहां विपक्ष इसे युवाओं के भविष्य से जोड़कर देख रहा है, वहीं सरकार की ओर से अब तक इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
आगे देखना होगा कि सरकार इन आरोपों पर क्या सफाई देती है और क्या वाकई शिक्षा और रोजगार के मुद्दों पर कोई ठोस कदम उठाए जाते हैं।
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