5 अगस्त 2025 को, भारतीय सेना की ईस्टर्न कमांड ने एक ऐतिहासिक अख़बार की क्लिप साझा की, जो 5 अगस्त 1971 की है। इसमें बताया गया है कि 1954 से 1971 तक लगभग $2 बिलियन (वर्तमान समय के लिहाज़ से बहुत अधिक) की अमेरिकी हथियार सीमा पाकिस्तान को मुहैया कराई गई थी ।
सेना ने कैप्शन में लिखा: “This Day That Year – Build Up of War – 05 Aug 1971”, और टैग किया #KnowFacts#, #LiberationOfBangladesh, इत्यादि।
पोस्ट का उद्देश्य न केवल इतिहास के तथ्यों को याद करना था, बल्कि समय‑समय पर अमेरिका‑पाकिस्तान संबंधों और अमेरिकी रणनीतिक निर्णयों की भी समीक्षा करना था।
ऐतिहासिक पृष्ठभूमि: 1971 युद्ध और अमेरिकी भूमिका
बीस सालों में पाकिस्तान को अमेरिकी रक्षा सामग्री की सप्लाई का अंदाज़ा $2 बिलियन से अधिक है, जिसमें फाइटर जेट, तोप‑गन, मिसाइलें, आदि शामिल थे।
इस क्लिप के ज़रिये यह याद दिलाया गया कि तत्कालीन अमेरिका का रुख पाकिस्तान‑साबूत था, जबकि सोवियत Union और फ्रांस ने supplying में दूरी बनाए रखी थी।
इसका संदर्भ 1971 के भारत‑पाक युद्ध के पूर्व के दौर से है, जिसमें पूर्वी पाकिस्तान (अब बांग्लादेश) की मुक्ति के लिए भारत ने सैन्य हस्तक्षेप किया।
ट्रंप की ताज़ा टिप्पणी: भारत‑यूएस तनाव की पृष्ठभूमि
जुलाई 2025 में, डोनाल्ड ट्रंप (पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति) ने भारत पर 25 % आयात शुल्क (टैरिफ) लगाने की धमकी दी, विशेष रूप से भारत के रूस से तेल आयात को लेकर।
ट्रंप ने यह भी कहा कि भारत अमेरिका‑रोस व्यापार में “dead economy” जैसा रहा है, वहीं पाकिस्तान के साथ एक तेल विकास समझौता की घोषणा की, जिसमें अमेरिका पाकिस्तान की तेल संपत्तियों को विकसित करने में मदद करेगा।
साथ ही उन्होंने दावा किया कि उनके प्रशासन ने भारत‑पाक के बीच पूरी और त्वरित युद्धविराम समझौता कराया था, और यह भारत‑पाक तनाव को रोकने में अमेरिकी “व्यापारिक रणनीति” कारगर रही|
पोस्ट और ट्रंप की टिप्पणी का आपसी संबंध
भारतीय सेना का ऐतिहासिक पोस्ट सीधी टिप्पणी है अमेरिका और पाकिस्तान के पुराने संबंधों पर, खासकर उस समय जब अमेरिका ने पाकिस्तान को हथियार सप्लाई की थी।
यह पोस्ट ट्रंप द्वारा भारत पर टैरिफ और तेल‑संबंधी दबावों के संदर्भ में एक तरह की राजनीतिक प्रतिक्रिया और इतिहास अनुस्मरण है, ताकि दर्शाया जा सके कि भारत‑यूएस संबंधों की पठार‑चढ़ाव भरी कहानी में कई पुराने संदर्भ हैं।
खासकर जब ट्रंप पाकिस्तान को तरजीही व्यापार संबंध दे रहे हैं, उस समय यह पोस्ट अमेरिका‑पाक रिश्ते की पुरानी नींव और भारत की ऐतिहासिक संवेदनशीलता को रेखांकित करता है।
वर्तमान भू‑राजनीतिक स्थिति (2025 में)
🇺🇸 अमेरिका‑भारत संबंध:
ट्रंप की “25 % टैरिफ” धमकी और रूस से ऊर्जा आयात को लेकर बढ़ते तनाव से भारत‑यूएस आर्थिक साझेदारी में जटिलता उत्पन्न हो रही है।
भारत निर्यात—विशेषकर iPhone और तकनीकी उत्पादन—की संभावना से खतरा महसूस कर रहा है, क्योंकि अमेरिका भारत के साथ लंबे समय से व्यापार समझौते का समाधान नहीं कर पाया है ।
🇵🇰 अमेरिका‑पाकिस्तान दृष्टिकोण:
अमेरिका ने पाकिस्तान के साथ विशेष तेल/ऊर्जा भागीदारी की घोषणा की है, जिसके तहत पाकिस्तान को लाभदायक टैरिफ दरें और निवेश आकर्षक प्रस्ताव मिलेंगी ।
पाकिस्तान के सेना प्रमुख आसीम मुनिर ने हाल ही में वाशिंगटन दौरा किया, जहाँ उन्होंने अमेरिकी नेतृत्व के साथ मिलकर ऊर्जा, निवेश और रक्षा सहयोग बढ़ाने की योजनाएं साझा कीं ।
विश्लेषण: भारत के लिए संदेश
इतिहास की याद: भारतीय सेना ने यह पोस्ट समाज को यह जताने के उद्देश्य से साझा किया कि अमेरिका ने एक समय पाकिस्तान को हथियारों से मजबूत किया था, जो एक सैन्य गठजोड़ था।
राजनीतिक संकेत: यह वर्तमान समय में अमेरिकी नीति परिवर्तन—जिसमें अमेरिका पाकिस्तान को आगे बढ़ा रहा है और भारत को टैरिफ से दबाव में डाल रहा है—उससे एक सशक्त राजनीतिक संदेश है।
डिप्लोमैटिक संतुलन: भारत यह प्रियांत करता है कि उसका रक्षा और रणनीतिक संतुलन रूस, अमेरिका और अन्य ताकतों से संबंधों के बीच सावधानीपूर्ण होना चाहिए|
निष्कर्ष:
- भारतीय सेना का “Throwback Tuesday” पोस्ट एक सिद्ध तथ्य पर आधारित है: 1971 से पहले अमेरिका पाकिस्तान को भारी मात्रा में हथियार भेजता रहा।
- इसे वर्तमान समय में ट्रंप‑भारत आर्थिक और राजनयिक तनाव की पृष्ठभूमि में राजनीतिक टिप्पणी के रूप में पढ़ा जा सकता है।
- ट्रंप का भारत‑रूस तेल खरीदने पर टैरिफ धमकी देना और पाकिस्तान के साथ ऊर्जा समझौता बनाना—दोनों तत्व भारत‑अमेरिका संबंधों में नई चुनौतियाँ ला रहे हैं।
- भारतीय सेना ने पुराने रिकॉर्ड को उजागर कर यह संकेत दिया कि अमेरिकी नीति में परिवर्तनशीलता और सामरिक प्राथमिकता लंबे समय से चली आ रही श्रृंखला है।
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