अमृतपाल सिंह कौन है? (Amritpal Singh Kaun Hai)
अमृतपाल सिंह एक पंजाबी सिख नेता, प्रचारक और खालिस्तान समर्थक विचारधारा के प्रतिनिधि माने जाते हैं। उनका जन्म 17 जनवरी 1993 को पंजाब के अमृतसर जिले के जल्लूपुर खेड़ा गांव में हुआ। उन्होंने प्रारंभिक शिक्षा पंजाब में पूरी की, लेकिन उच्च शिक्षा अधूरी रह गई। आज के समय में जब लोग “अमृतपाल सिंह कौन है” यह जानना चाहते हैं, तो वे सिर्फ एक धार्मिक प्रचारक नहीं, बल्कि राजनीतिक ताकत बन चुके हैं।
शिक्षा और योग्यता (Shiksha Aur Yogyata)
अमृतपाल सिंह ने प्रारंभिक शिक्षा अपने गांव जल्लूपुर खेड़ा के सरकारी स्कूल से प्राप्त की। पढ़ाई के शुरुआती वर्षों में वे एक औसत छात्र माने जाते थे। इसके बाद उन्होंने इंजीनियरिंग (बी.टेक) में दाख़िला लिया, लेकिन कुछ व्यक्तिगत कारणों और पढ़ाई में रुचि की कमी के चलते उन्होंने यह डिग्री अधूरी छोड़ दी। इसके बाद उन्होंने अपने करियर की शुरुआत के लिए दुबई का रुख किया |
पारिवारिक पृष्ठभूमि (Parivarik Prishthbhoomi)
अमृतपाल सिंह का परिवार एक साधारण कृषि पृष्ठभूमि से आता है। उनके पिता का नाम तरसेम सिंह है, जो एक किसान हैं, और माता का नाम बलविंदर कौर है। अमृतपाल अपने परिवार में सबसे छोटे हैं और उन्हें बचपन से ही धार्मिक और सांस्कृतिक मूल्यों की सीख दी गई। उनका परिवार गुरुद्वारा और स्थानीय धार्मिक गतिविधियों में सक्रिय रहता है, जिसका प्रभाव अमृतपाल के विचारों और जीवनशैली पर भी स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है।
दुबई में नौकरी और जीवन (Dubai Mein Job Aur Jeevan)
साल 2012 में अमृतपाल सिंह अपने चाचा के पास दुबई चले गए। वहां उन्होंने एक निजी ट्रांसपोर्ट कंपनी Sandhu Cargo Transport LLC में ऑपरेशंस मैनेजर के रूप में काम किया।
अमृतपाल सिंह दुबई में लगभग 10 वर्षों तक रहे। वहीं से उन्होंने सिख समाज की समस्याओं पर ध्यान देना शुरू किया। सोशल मीडिया के माध्यम से वे पंजाब के युवाओं से जुड़ते गए। यही वह समय था जब “अमृतपाल सिंह जेल में क्यों है” जैसे सवालों की जड़ें बननी शुरू हुईं।
भारत वापसी और ‘वारिस पंजाब दे’ से जुड़ाव (Bharat Wapasi Aur Waris Punjab De)
2021 में अभिनेता और कार्यकर्ता दीप सिद्धू ने ‘वारिस पंजाब दे’ नामक संगठन की स्थापना की। सिद्धू की फरवरी 2022 में मृत्यु के बाद अमृतपाल सिंह ने सितंबर 2022 में दुबई से भारत लौटकर संगठन की बागडोर संभाली।
अमृतपाल सिंह ने भारत आने का फैसला इसलिए किया क्योंकि वे पंजाब में नशाखोरी, बेरोजगारी और सिख धर्म के पतन से चिंतित थे। “अमृतपाल सिंह की पार्टी” का बीज इसी समय पड़ा था।
धार्मिक और राजनीतिक गतिविधियाँ (Dharmik Aur Rajneetik Gatividhiyan)
भारत लौटते ही अमृतपाल सिंह ने पारंपरिक सिख जीवनशैली को अपनाया और अमृतधारी बन गए। उन्होंने गुरुद्वारों से भाषण देना शुरू किया, जिनमें वे सिखों को खालसा पंथ में लौटने, नशा छोड़ने और आत्म-सम्मान से जीने की प्रेरणा देते थे।
उनकी विचारधारा और भाषण तेजी से वायरल हुए, जिससे वे पूरे पंजाब में चर्चा का विषय बन गए। इसी दौरान “अमृतपाल सिंह कौन है” यह गूगल पर सबसे ज़्यादा सर्च किया जाने वाला सवाल बन गया।
अजनाला कांड और गिरफ्तारी (Ajnala Kand Aur Girftari)
फरवरी 2023 में, अमृतपाल सिंह और उनके समर्थकों ने अजनाला थाने पर तलवारें और बंदूकें लेकर हमला किया। उन्होंने अपने साथी लवप्रीत सिंह ‘तूफान’ की रिहाई की मांग की।
इसके बाद अमृतपाल सिंह पर NSA के तहत कार्रवाई हुई और 23 अप्रैल 2023 को उन्हें असम की डिब्रूगढ़ जेल में भेजा गया। “अमृतपाल जेल में क्यों है” इस सवाल का जवाब इस घटना में छुपा है।
जेल से चुनाव लड़ना और जीत (Jail Se Chunav Aur Jeet)
हालांकि अमृतपाल सिंह जेल में थे, फिर भी उन्होंने 2024 लोकसभा चुनाव में खादूर साहिब सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा। उन्होंने लगभग 1.97 लाख वोटों के अंतर से जीत हासिल की।
यह दिखाता है कि अमृतपाल सिंह का जनाधार केवल धार्मिक नहीं, बल्कि राजनीतिक भी है। उनकी पार्टी को लोगों का समर्थन जेल में होने के बावजूद मिला।
अपनी राजनीतिक पार्टी की स्थापना (Apni Party Ki Sthapna)
जनवरी 2025 में अमृतपाल सिंह के समर्थकों ने “अकाली दल (वारिस पंजाब दे)” नामक राजनीतिक दल की स्थापना की। इस पार्टी को “अमृतपाल की पार्टी” के रूप में भी जाना जाता है। जेल से ही उन्होंने पार्टी की नींव रखी और अध्यक्ष नियुक्त हुए।
अमृतपाल सिंह की पार्टी का मुख्य उद्देश्य पंजाब को नशामुक्त बनाना, सिख पहचान को संरक्षित करना और किसानों तथा युवाओं को सशक्त बनाना है।
वर्तमान स्थिति और चुनावी रणनीति (Vartaman Sthiti Aur Chunavi Yojna)
अमृतपाल सिंह फिलहाल डिब्रूगढ़ जेल में बंद हैं और उन पर NSA की मियाद जुलाई 2026 तक बढ़ा दी गई है। “अमृतपाल जेल में क्यों है” का विषय अभी भी राजनीतिक बहस का मुद्दा बना हुआ है।
उनकी पार्टी अब तरनतारण विधानसभा उपचुनाव की तैयारी कर रही है और इसे अमृतपाल सिंह के जनाधार की अगली परीक्षा माना जा रहा है।
समर्थन और विरोध (Samarthan Aur Virodh)
सिख संगठनों और पंजाब की जनता में अमृतपाल सिंह को लेकर मिलाजुला रुख है। कुछ उन्हें सिख समाज की आवाज़ मानते हैं, जबकि अन्य उन्हें अतिवादी करार देते हैं।
सोशल मीडिया और ग्रामीण क्षेत्रों में “अमृतपाल सिंह कौन है” और “अमृतपाल की पार्टी” जैसे कीवर्ड्स ट्रेंड कर चुके हैं।
निष्कर्ष: क्या अमृतपाल सिंह भविष्य के नेता बन सकते हैं? (Nishkarsh)
अमृतपाल सिंह का सफर दुबई से लेकर पंजाब की जेल और फिर संसद तक का रहा है। चाहे विवाद हों या समर्थन, वे आज पंजाब के सबसे चर्चित नामों में से एक हैं।
“अमृतपाल सिंह कौन है” यह सवाल अब राजनीति और धार्मिक विमर्श दोनों का हिस्सा बन चुका है। अगर वे अपनी पार्टी और विचारधारा को सही दिशा दे सके, तो वे आने वाले समय में पंजाब की राजनीति के एक मजबूत स्तंभ बन सकते हैं।