उत्तर प्रदेश के अमरोहा जनपद से रविवार सुबह एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। नगर कोतवाली क्षेत्र के मोहल्ला कि छेवड़ा में एक घर में गैस सिलेंडर फटने से भीषण आग लग गई। यह हादसा उस समय हुआ जब नरेश नामक व्यक्ति के घर में खाना बनाया जा रहा था। खाना बनाते समय सिलेंडर में आग लग गई, और कुछ ही पलों में उसने भयावह रूप ले लिया। देखते ही देखते आग ने पूरे मकान को चपेट में ले लिया। आग की लपटों में एक युवक झुलस गया, जबकि घर का सारा सामान जलकर राख हो गया। फायर ब्रिगेड की टीम ने काफी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया।
कैसे आया युवक आग की चपेट में ? कैसे हुआ हादसा?
Gas cylinder blast in a house in Amroha: हादसा सुबह 10 बजे के करीब हुआ, जब नरेश के घर में उनके बच्चे खाना बना रहे थे। तभी अचानक गैस सिलेंडर से गैस रिसाव होने लगा और फिर आग की एक तेज लपट उठी। आग की वजह से रसोई में रखा सिलेंडर फट गया। धमाके की आवाज़ इतनी जोरदार थी कि पूरे मोहल्ले में सनसनी फैल गई। मोहल्लेवासी दौड़कर बाहर निकल आए और भगदड़ जैसी स्थिति बन गई।
सिलेंडर फटने के बाद पूरे घर में आग फैल गई और स्थिति इतनी भयावह हो गई कि आस-पड़ोस के लोग भी दहशत में आ गए।
आग में झुलसे युवक की हालत गंभीर
इस हादसे में नरेश का बेटा कपिल (उम्र 25 वर्ष) बुरी तरह झुलस गया। आग लगने के बाद वह भागने की कोशिश कर रहा था लेकिन तेज लपटों ने उसे चारों ओर से घेर लिया। मोहल्ले के लोगों ने किसी तरह उसे बाहर निकाला और तत्काल जिला अस्पताल पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने उसे भर्ती कर लिया। डॉक्टरों के अनुसार कपिल करीब 40% तक झुलस चुका है और उसकी हालत गंभीर बनी हुई है।
दमकल की गाड़ियों ने पाया आग पर काबू
जैसे ही घटना की जानकारी स्थानीय लोगों ने दमकल विभाग को दी, दो फायर ब्रिगेड गाड़ियां तुरंत मौके पर पहुंचीं। आग इतनी भयानक थी कि उसे काबू में करने में दमकल कर्मियों को करीब एक घंटे तक मशक्कत करनी पड़ी। हालांकि, इस दौरान पूरा मकान जल चुका था और कुछ भी बचाया नहीं जा सका।
दमकल अधिकारी ने जानकारी दी कि गैस सिलेंडर विस्फोट के बाद पूरे मकान में तेजी से आग फैली। अगर सूचना देर से मिलती, तो यह आग आसपास के मकानों तक पहुंच सकती थी, जिससे बड़ा हादसा हो सकता था।
पूरा घर हुआ राख, लाखों का नुकसान
नरेश ने बताया कि आग की वजह से उनका पूरा घर खाक हो गया। घर में रखे फर्नीचर, बर्तन, कपड़े, जरूरी कागजात, इलेक्ट्रॉनिक्स उपकरण, नगदी—all जलकर राख हो गए। उन्होंने कहा कि इस हादसे में उन्हें करीब 6 से 7 लाख रुपये का नुकसान हुआ है।
“बच्चे सिर्फ खाना बना रहे थे, किसी को क्या पता था कि यह उनका खाना बनाना, पूरे घर को तबाह कर देगा। पूरा घर खत्म हो गया। अब तो सिर छुपाने को छत भी नहीं बची,” — नरेश (पीड़ित)
घटनास्थल पर अफरा-तफरी और भगदड़
सिलेंडर विस्फोट की तेज आवाज सुनकर आसपास के लोग सहम उठे। कुछ ही मिनटों में लोग घरों से बाहर निकल आए और आग को देख भगदड़ की स्थिति बन गई। मोहल्ले की संकरी गलियों में लोग इधर-उधर भागते नजर आए। कई महिलाएं बच्चों को गोद में लेकर सुरक्षित स्थानों की ओर भागीं। आसपास के लोगों ने दमकल विभाग और पुलिस को सूचना दी, और साथ ही घायल को बाहर निकालने में भी मदद की।
प्रशासन और पुलिस की त्वरित प्रतिक्रिया
सूचना मिलते ही नगर कोतवाली पुलिस मौके पर पहुंची और स्थिति को संभाला। पुलिस ने दमकल विभाग के साथ समन्वय स्थापित कर रास्ता खाली कराया और लोगों को सुरक्षित किया। इसके बाद अमरोहा के उपजिलाधिकारी (SDM) भी मौके पर पहुंचे और पीड़ित परिवार को हरसंभव मदद देने का भरोसा दिलाया।
SDM ने मीडिया से बातचीत में कहा:
“यह हादसा अत्यंत दुखद है। प्रशासन की ओर से पीड़ित परिवार को राहत दी जाएगी। तहसील और नगर निगम की टीम नुकसान का आकलन कर रही है। परिवार को सरकारी योजनाओं के तहत सहायता दी जाएगी।”
जन-सुरक्षा पर बड़ा सवाल
इस हादसे के बाद सवाल उठने लगे हैं कि क्या लोगों को रसोई सुरक्षा की पर्याप्त जानकारी है? क्या गैस एजेंसियां समय-समय पर सिलेंडर और रेगुलेटर की जांच कराती हैं? यह पहला मौका नहीं है जब गैस सिलेंडर फटने से हादसा हुआ हो। इससे पहले भी प्रदेश के कई जिलों में ऐसे हादसे हो चुके हैं।
विशेषज्ञों की राय के अनुसार, ज्यादातर दुर्घटनाएं गैस रिसाव, लापरवाही और पैनिक के कारण होती हैं। अगर लोगों को सिलेंडर के सही इस्तेमाल और आग लगने की स्थिति में क्या करना चाहिए—यह सिखाया जाए, तो कई जानें बचाई जा सकती हैं।
- गैस सिलेंडर इस्तेमाल करते समय रखें ये सावधानियां:
- सिलेंडर में गंध आने पर तुरंत रेगुलेटर बंद करें और खिड़की-दरवाज़े खोल दें।
- रसोई में कभी भी मोबाइल चार्जर, हीटर या अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरण न चलाएं।
- गैस पाइप हर 6 महीने में चेक कराएं और 2 साल में बदलें।
- घर में प्राथमिक अग्निशमन यंत्र (फायर एक्सटिंग्विशर) रखें।
- खाना बनाते समय गैस के पास बच्चों को न जाने दें।
स्थानीय लोगों ने दिखाई मानवता की मिसाल
इस घटना में जहां एक ओर एक परिवार का सब कुछ जलकर खाक हो गया, वहीं मोहल्ले के लोगों ने इंसानियत की मिसाल पेश की। किसी ने कपड़े दिए, किसी ने पानी, तो किसी ने अस्थायी रूप से आश्रय दिया। मोहल्ले के एक युवक ने बताया कि
हम सब मिलकर कपिल को बाहर निकाल लाए, वो बेहोश हो रहा था। अगर दो मिनट और देर हो जाती, तो कुछ भी हो सकता था।”
इस दर्दनाक हादसे से एक बार फिर यह साबित हो गया कि रसोई गैस का उपयोग करते समय थोड़ी भी लापरवाही जानलेवा साबित हो सकती है। सरकार को चाहिए कि पूरे राज्य में गैस सुरक्षा को लेकर जागरूकता अभियान चलाया जाए।
हर घर में अग्निशमन उपकरण अनिवार्य किए जाएं और गैस एजेंसियों को हर तीन महीने में सुरक्षा जांच करने का निर्देश दिया जाए। केवल सरकारी सहायता से नहीं, बल्कि जन-जागरूकता से ही ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकी जा सकती है।
अमरोहा उत्तर प्रदेश से संजय कुमार की रिपोर्ट देखते रहिये आपका अपना चैनल आंचलिक खबरे अपनों की खबर आप तक
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