अमरोहा तेंदुआ: बांसखेड़ी गांव में दहशत, सीसीटीवी में कैद हुआ जंगली मेहमान

Aanchalik Khabre
8 Min Read
अमरोहा तेंदुआ

अमरोहा (उत्तर प्रदेश), जुलाई 2025:

उत्तर प्रदेश के अमरोहा जिले में एक बार फिर “अमरोहा तेंदुआ” चर्चा का विषय बन गया है। इस बार यह तेंदुआ बांसखेड़ी गांव में देखा गया, जहां इसकी मौजूदगी ने स्थानीय लोगों के बीच दहशत फैला दी है। तेंदुआ सीसीटीवी फुटेज में कैद हो गया है, जिससे यह पुष्टि हुई है कि यह कोई अफवाह नहीं बल्कि वास्तविक खतरा है।

 

सीसीटीवी में कैद हुआ अमरोहा तेंदुआ:-

एक घर के बाहर लगे सीसीटीवी कैमरे में अमरोहा तेंदुआ स्पष्ट रूप से चलते हुए दिखाई दिया। वीडियो में वह रात के अंधेरे में सड़क पार करता हुआ नजर आता है। यह तेंदुआ कैमरे में कैद होने के बाद सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिससे जिले में अफरा-तफरी मच गई।

 

लोकेसन अमरोहा:-

एंकर-उत्तर प्रदेश जनपद अमरोहा के गांव बांसखेड़ी में सीसीटीवी कैमरे में कैद हुई तेंदुए की तस्वीरें छेत्र में फैली सनसनी वन विभाग की टीम हुई सक्रिय

नौगांव सादात क्षेत्र में फिर से तेंदुआ दिखाई दिया है घर के बाहर टहलते हुए  तेंदुए की तस्वीर सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई ग्रामीणों जंगल में तेंदुए की तलाश भी थी लेकिन सफलता नहीं मिली उन्होंने वन विभाग से पिंजरा लगवाने की मांग की है यह मामला थाना क्षेत्र के गांव बांसखेड़ी का है यहां पर अनवर हुसैन का परिवार रहता है उनका मकान गांव के बाहरी छोड़ पर भट्टे की तरफ है उनके घर के बाहर सीसीटीवी लगे हैं रविवार रात वह स्वजन के साथ घर में मौजूद थे पास में ही उनके भाई शाह आलम का मकान है शाही आलम बेंगलुरु में नौकरी करते हैं घर पर उनकी पत्नी व उनके बच्चे थे रात लगभग 10:00 बजे रूही की नजर सीसीटीवी की स्क्रीन पर पड़ी तो तेंदुआ घर के बाहर दिखा

 

तेंदुआ जंगल से गांव कैसे पहुंचा?

वन विभाग के अधिकारियों का मानना है कि यह तेंदुआ जंगल से गांव की ओर भटक कर आया होगा। अमरोहा में तेंदुआ देखा गया यह कोई पहली घटना नहीं है, लेकिन इस बार यह मानव बस्तियों के और भी करीब पहुंच गया है। खेतों और बागों में उसका मूवमेंट देखे जाने के बाद, ग्रामीणों में डर की लहर दौड़ गई है।

 

गांव में दहशत का माहौल:-

बांसखेड़ी गांव तेंदुआ के चलते पूरी तरह सतर्क हो गया है। अभिभावक बच्चों को स्कूल भेजने में हिचकिचा रहे हैं। किसान खेतों में अकेले जाने से बच रहे हैं और गांव में रात के समय आवाजाही पर रोक लगाई जा रही है। अमरोहा तेंदुआ की गतिविधियों ने पूरे क्षेत्र की नींद उड़ा दी है।

 

वन विभाग की सतर्कता:-

वन विभाग की टीम अमरोहा तेंदुआ को पकड़ने के लिए सक्रिय हो गई है। इलाके में पिंजरे लगाए गए हैं और तेंदुए के पंजों के निशान की जांच की जा रही है। अधिकारियों ने ग्रामीणों से अपील की है कि वे सतर्क रहें लेकिन घबराएं नहीं। तेंदुआ उत्तर प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में पहले भी दिखाई दे चुका है, लेकिन इस बार वह बेहद सक्रिय नजर आ रहा है।

 

सोशल मीडिया पर चर्चा:-

अमरोहा तेंदुआ की खबर सोशल मीडिया पर आग की तरह फैल रही है। वीडियो को हजारों बार शेयर किया जा चुका है और लोग इसे लेकर तरह-तरह की अटकलें लगा रहे हैं। कुछ इसे दुर्लभ वन्यजीव की मौजूदगी के संकेत मान रहे हैं, तो कुछ इसे वन विभाग की विफलता का परिणाम कह रहे हैं।

 

पर्यावरणीय संकेत और सवाल:-

अमरोहा तेंदुआ की लगातार शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में उपस्थिति यह सवाल खड़ा कर रही है कि क्या वन्य जीवों का प्राकृतिक आवास सिकुड़ रहा है? शहरीकरण, जंगलों की कटाई और जल स्रोतों का सूखना जैसे कारण तेंदुओं को अपने आवास छोड़कर नए इलाकों में भटकने पर मजबूर कर रहे हैं।

 

तेंदुआ संरक्षण बनाम मानव सुरक्षा:-

हालांकि तेंदुआ एक संरक्षित प्रजाति है, लेकिन जब अमरोहा तेंदुआ जैसी घटनाएं बार-बार होती हैं, तो मानव सुरक्षा और वन्यजीव संरक्षण के बीच टकराव उत्पन्न हो जाता है। वन विभाग को चाहिए कि वह इन घटनाओं से सीख ले और निवारक कदम उठाए।

 

ग्रामीणों की मांगें:-

ग्रामीणों का कहना है कि जब तक अमरोहा तेंदुआ को पकड़ा नहीं जाता, तब तक उन्हें सुरक्षा मुहैया कराई जाए। उन्होंने प्रशासन से गांव में रात्रि गश्त, सायरन सिस्टम और स्कूल बसों की सुरक्षा की मांग की है।

 

तेंदुआ की गतिविधियों पर नजर:-

ड्रोन कैमरों, ट्रैकिंग सिस्टम और नाइट विजन उपकरणों से अमरोहा तेंदुआ की गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है। वन विभाग उम्मीद कर रहा है कि जल्द ही तेंदुआ किसी पिंजरे में फंस जाएगा और उसे सुरक्षित जंगल में छोड़ा जा सकेगा।

 

पहले भी सामने आए मामले:-

यह पहला मौका नहीं है जब अमरोहा तेंदुआ लोगों के बीच आया है। पिछले वर्षों में भी इसी क्षेत्र में तेंदुआ दिखाई दिया था। हालांकि पहले वह खेतों तक सीमित रहता था, लेकिन अब बस्तियों में आना गंभीर चिंता का विषय है।

 

पर्यावरण विशेषज्ञों की राय:-

पर्यावरणविद् मानते हैं कि तेंदुए का इस तरह से इंसानी क्षेत्रों में आना वन्यजीव-मानव संघर्ष का बढ़ता संकेत है। अमरोहा तेंदुआ की घटना बताती है कि अब वन विभाग को पारिस्थितिक तंत्र की बहाली की दिशा में ठोस कदम उठाने की ज़रूरत है।

 

बच्चों और बुजुर्गों की सुरक्षा:-

अधिकांश परिवार अमरोहा तेंदुआ की आशंका से बच्चों को स्कूल भेजने से हिचक रहे हैं। बुजुर्ग घरों से बाहर नहीं निकल रहे और शाम होते ही गांव में सन्नाटा पसर जाता है। यह स्थिति सामान्य जनजीवन को प्रभावित कर रही है।

 

प्रशासन की अपील:-

प्रशासन ने ग्रामीणों से अपील की है कि वे किसी भी स्थिति में अमरोहा तेंदुआ को परेशान न करें और तुरंत वन विभाग को सूचित करें। किसी भी अफवाह से बचने के लिए प्रमाणिक जानकारी का ही आदान-प्रदान करें।

 

निष्कर्ष:

अमरोहा तेंदुआ सिर्फ एक जानवर नहीं, बल्कि एक चेतावनी है कि मानव और वन्य जीवन के बीच संतुलन बिगड़ रहा है। बांसखेड़ी गांव तेंदुआ जैसी घटनाएं दिखाती हैं कि अब सरकार, प्रशासन और आम जनता को मिलकर स्थायी समाधान की दिशा में काम करना होगा। तेंदुए को उसके सुरक्षित पर्यावरण में वापस पहुंचाना जरूरी है, लेकिन उससे भी ज्यादा जरूरी है उसके प्राकृतिक घर की रक्षा करना।

Source Video-

Also Read This – वरुणा नदी में चार आंखों वाली मछली! रहस्य या विज्ञान?

 

Share This Article
Leave a Comment