3,000 करोड़ के लोन में खेल! ED की रेड से हिल गया अनिल अंबानी का साम्राज्य

Aanchalik Khabre
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अनिल अंबानी रेड

3,000 करोड़ के लोन में खेल! ED की रेड से हिल गया अनिल अंबानी का साम्राज्य, यस बैंक के प्रमोटरों पर भी शिकंजा”
गुरुवार की सुबह जब ‘अनिल अंबानी रेड’ की खबर आई, देशभर में कॉरपोरेट हलकों में हड़कंप मच गया। इस ‘अनिल अंबानी रेड’ में ED ने दिल्ली और मुंबई में 35 से अधिक ठिकानों पर छापेमारी की। इस ‘अनिल अंबानी रेड’ के दौरान रिलायंस ग्रुप से जुड़े ठिकानों पर दस्तावेज खंगाले गए, कई कंपनियों में घुसकर रिकॉर्ड कब्जे में लिए गए।

यह ‘अनिल अंबानी रेड’ क्यों हुई? इसका सीधा संबंध यस बैंक से 2017-19 के बीच दिए गए 3,000 करोड़ रुपये के लोन से है। इस पूरे ‘अनिल अंबानी रेड’ केस में आरोप है कि अनिल अंबानी की कंपनियों ने यस बैंक के प्रमोटरों और अधिकारियों को निजी लाभ देकर लोन अप्रूव करवाया।

क्या है अनिल अंबानी रेड में ED को मिला?

अनिल अंबानी रेड’ के दौरान ED ने पाया कि लोन अप्रूवल से पहले यस बैंक के प्रमोटरों को शेल कंपनियों के जरिए बड़ी रकम ट्रांसफर की गई। दस्तावेजों की कमी, कागजों को पीछे की तारीख में बनाना, आर्थिक रूप से कमजोर कंपनियों को लोन देना, और फंड को शेल कंपनियों में घुमाना, इस ‘अनिल अंबानी रेड’ की जांच में सामने आया।

अनिल अंबानी रेड: निवेशकों और बैंकों को चूना?

इस ‘अनिल अंबानी रेड’ का सबसे गंभीर आरोप यही है कि अनिल अंबानी ग्रुप ने निवेशकों और बैंकों को धोखा देकर फंड हड़प लिए। ED ने साफ कहा कि यस बैंक के प्रमोटरों और वरिष्ठ अधिकारियों ने ‘क्विड प्रो को’ यानी रिश्वत लेकर लोन अप्रूव किए।

“रिलायंस पावर और इन्फ्रा के शेयर गिरे”

‘अनिल अंबानी रेड’ की खबर लगते ही रिलायंस पावर और रिलायंस इन्फ्रा के शेयर औंधे मुंह गिर पड़े। इस ‘अनिल अंबानी रेड’ से बाजार में डर का माहौल बना, निवेशक शेयर बेचने लगे और शेयर 5% गिरकर क्रमशः 59.77 रुपये और 360 रुपये पर आ गए।

SEBI और NHB की रिपोर्ट से शुरू हुई अनिल अंबानी रेड

यह ‘अनिल अंबानी रेड’ यूं ही नहीं हुई। SEBI और NHB ने रिलायंस ग्रुप की कंपनियों में गड़बड़ियों की रिपोर्ट दी थी। सेबी ने बताया कि रिलायंस होम फाइनेंस का कॉरपोरेट लोन पोर्टफोलियो 3,742 करोड़ से 8,670 करोड़ रुपये हो गया था, जिसमें नियमों का उल्लंघन हुआ। इसी रिपोर्ट ने ‘अनिल अंबानी रेड’ की नींव रखी।

अनिल अंबानी रेड में क्यों फंसा यस बैंक?

यस बैंक के पतन के बाद 2020 में ED ने यस बैंक द्वारा दिए गए लोन की जांच शुरू की थी। इसी जांच में ‘अनिल अंबानी रेड’ तक मामला पहुंचा। यस बैंक पर आरोप है कि उसने बिना जांच के लोन दिए। यह पूरा मामला अब यस बैंक लोन घोटाला के रूप में देशभर में चर्चा में है।

अनिल अंबानी रेड और SBI का फ्रॉड डिक्लेरेशन

अनिल अंबानी रेड’ में एक और बड़ा एंगल SBI का है जिसने पहले ही रिलायंस कम्युनिकेशंस और अनिल अंबानी को फ्रॉड घोषित कर रखा था। अब वही मामला ‘अनिल अंबानी रेड’ के रूप में फिर से चर्चा में है।

अनिल अंबानी रेड: ED का अगला कदम क्या?”

इस ‘अनिल अंबानी रेड’ के बाद ED अब सबूतों के आधार पर चार्जशीट दाखिल कर सकती है। अगर ED को पर्याप्त सबूत मिले, तो अनिल अंबानी की गिरफ्तारी भी हो सकती है।

“अनिल अंबानी रेड पर अनिल अंबानी का बयान”

‘अनिल अंबानी रेड’ पर अनिल अंबानी ने कहा कि उन्होंने कोई गलत काम नहीं किया। उनका कहना है कि लोन सुरक्षित थे और उन्होंने किसी को रिश्वत नहीं दी।

“अनिल अंबानी रेड: बैंकिंग सिस्टम के लिए सबक”

‘अनिल अंबानी रेड’ ने देश के बैंकिंग सिस्टम की कमियों को उजागर कर दिया है। बिना जांच के बड़े लोन, दस्तावेजों में हेरफेर और फंड डायवर्शन जैसी समस्याएं सामने आई हैं।

“देशभर की नजर अनिल अंबानी रेड पर”

इस समय पूरे देश की नजर ‘अनिल अंबानी रेड’ पर है। यह देखना दिलचस्प होगा कि ED इस केस में क्या कार्रवाई करती है और क्या अनिल अंबानी को कानूनी सजा मिलती है।

निष्कर्ष: अनिल अंबानी रेड ने मचा दी हलचल

‘अनिल अंबानी रेड’ ने साबित कर दिया कि कोई भी कानून से ऊपर नहीं है। यह केस भारतीय बैंकिंग और कॉरपोरेट सिस्टम में पारदर्शिता की कमी और अनियमितताओं को उजागर करता है। ED की प्रवर्तन निदेशालय कार्रवाई ने रिलायंस ग्रुप में हड़कंप मचा दिया है।

क्या अनिल अंबानी रेड उनके साम्राज्य के अंत की शुरुआत है? या क्या वह खुद को निर्दोष साबित कर पाएंगे? इस सवाल का जवाब देश देख रहा है।

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