उमरिया जिले में रेत के अवैध उत्खनन एवं परिवहन को लेकर वन विभाग एक्टिव मोड पर है, बीती रात वन विभाग ने बड़ेरी बीट से रेत से भरे दो ट्रैक्टर पकड़े हैं

वन विभाग ने देर रात बड़ेरी से दो ट्रैक्टर पकड़े रेत माफिया सक्रिय ठेका खत्म होते ही खनिज माफिया सक्रिय हो गये हैं, Madhya Pradesh उमरिया जिले में रेत के अवैध उत्खनन एवं परिवहन को लेकर वन विभाग भी एक्टिव मोड पर है बीती रात वन विभाग ने बड़ेरी बीट से रेत से भरे दो ट्रैक्टर जिसका नंबर एमपी 54 ए 3798 एवं एमपी 54 ए 7567 जप्त किया है।
इस मामले में वन विभाग ने ट्रैक्टर चालक फूलचंद पिता विश्राम बैग निवासी तखतपुर दूसरा विनीत पिता महेंद्र सिंह निवासी बडेरी के विरुद्ध वन संरक्षण अधिनियम के तहत कार्यवाही भी की है खनिज संपदा रेट के अवैध उत्खनन में जिस तरह खनिज पुलिस और वन विभाग की अलग-अलग कार्यवाही की जा रही है।
उसे यह तो साफ है कि इन दोनों नदियों की छाती छलनी करने खनिज माफिया फिर एक बार अक्टूबर के शुरुआती हफ्ते से सकरी हो गए हैं हालांकि इससे उल्टा एक बड़ा सवाल यह भी है की रेत की अनुपलब्धि से आवास योजना पूर्णता प्रभावित है वहीं सरकारी और गैर सरकारी सिविल कार्य भी पूर्णतः बंद है दरअसल जिले में पिछले तीन सालों से आईएसआई रेत ठेकेदारी रही है एक्सटेंशन के बाद सितंबर से उनका ठेका पूर्णता खत्म हो गया इसी मां 5 अक्टूबर से 25 अक्टूबर के बीच रिटेंडर होने हैं।
रेत ठेका खत्म होने के बाद रेत निकासी को लेकर कोई नीति नहीं बनाई गई
जिनके बाद जिले में रेत की बैध निकासी प्रारंभ हो सकती है इस बीच करीब एक माह का टाइम है खनिज माफिया इसी एक महीने में रेत के अवैध उत्खनन और परिवहन से मोटी रकम बनाना चाह रहे हैं इसके अलावा यह भी बड़ा सवाल है की रेत ठेका खत्म होने के बाद रेत निकासी को लेकर कोई नीति क्यों नहीं बनाई गई, शायद बनाई होती तो रेट ठेका से पूर्व जिले में अवैध उत्खनन नहीं हो पता वहीं भारी भरकम राजस्व की क्षति भी नहीं होती