सीएमएचओ ने बताए शीत लहर से बचाव के उपाय
जानलेवा बताते हुए इससे बचाव के उपाय बताए हैं। उन्होंने बताया कि 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों और वृद्धजनों को अधिक खतरा रहता है। ऐसे में बीमार लोगों के साथ दिव्यांगजनों को विशेष सतर्कता बरतना चाहिए। मौसम वैज्ञानिकों के पूर्वानुमान का पालन, गर्म वस्त्र पहनना, नाक, कान बहना, नाक बंद होने और नाक से खून आने पर तत्काल डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। इसके साथ विटामिन सी युक्त फल-सब्जियों के साथ गरम और तरल पदार्थों का सेवन करना चाहिए। बंद कमरे में हीटर या आग जलाने से बचना चाहिए।जिला अस्पताल की ओपीडी और आईपीडी भी घटी
इस सीजन की रिकार्ड तोड़ ठंड का असर जिला अस्पताल में भी देखने को मिला। सामान्य दिनों में 12 से 15 सौ के बीच रहने वाली ओपीडी घटकर 6 से 7 सौ तक आ गई है। आईपीडी यानी भर्ती की संख्या भी लगातार घट रही है। अस्पताल सूत्रों की मानें तो 400 बिस्तर के जिला अस्पताल में सामान्य दिनों में 5 से 6 सौ मरीज भर्ती रहते हैं। लेकिन मंगलवार को भर्ती मरीजों की संख्या आधी रही। डाइट रिकार्ड में सिर्फ 289 पेशेन्ट भर्ती रहे। जिन वार्डों में पैर रखने की जगह नहीं होती थी, वहां बड़ी संख्या में बेड खाली पड़े हैं। बताया गया है कि गायनिक छोड़ अन्य सभी वार्डों में क्षमता से कम पेशेन्ट भर्ती हैं। डॉक्टर बताते हैं कि ठंड का सीजन हेल्दी शीत लहर को सीजन माना जाता है, लिहाजा ओपीडी आईपीडी कम हो जाती है।
सीएमएचओ डा. एलके तिवारी ने शीत लहर को सीजन माना-आंचलिक ख़बरें-मनीष गर्ग

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