अवैध कच्ची शराब के खिलाफ महिलाओं का गुस्सा, गांव दयावली खालसा में किया जोरदार विरोध प्रदर्शन

Aanchalik Khabre
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अवैध कच्ची शराब

दयावली खालसा गांव में कच्ची शराब के खिलाफ महिलाओं की मुहिम

हसनपुर कोतवाली क्षेत्र के गांव दयावली खालसा में अवैध कच्ची शराब के कारोबार के खिलाफ महिलाओं ने मोर्चा खोल दिया है। गांव में लंबे समय से चल रहे इस गोरखधंधे से तंग आकर ग्रामीण महिलाओं ने रविवार को एकजुट होकर प्रदर्शन किया। महिलाओं ने आरोप लगाया कि गांव में आधा दर्जन से ज्यादा लोग खुलेआम कच्ची शराब बना और बेच रहे हैं, जिससे युवाओं और समाज का भविष्य बर्बाद हो रहा है।

महिलाओं ने पकड़े कच्ची शराब बनाने के उपकरण

प्रदर्शन के दौरान महिलाओं ने शराब बनाने वालों के घर जाकर कच्ची शराब और उसके उपकरण जब्त कर लिए। ग्रामीणों के अनुसार, महिलाएं जब इन घरों में पहुंचीं तो वहां शराब बनाने के लिए ड्रम, देगची और अन्य उपकरण मिले। महिलाओं ने सबूत के तौर पर पूरे घटनाक्रम का वीडियो बनाया और उसे सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया, ताकि प्रशासन पर दबाव बने और कार्रवाई की जा सके।

पुलिस पर मिलीभगत का आरोप

महिलाओं का गुस्सा सिर्फ शराब बनाने वालों पर ही नहीं, बल्कि पुलिस प्रशासन पर भी फूटा। महिलाओं का आरोप है कि स्थानीय पुलिस सबकुछ जानते हुए भी कार्रवाई नहीं करती। ग्रामीणों का कहना है कि पुलिस और शराब कारोबारियों की मिलीभगत के कारण ही यह अवैध धंधा लगातार फल-फूल रहा है। महिलाओं ने प्रशासन को चेतावनी दी है कि अगर जल्द कार्रवाई नहीं हुई तो वे सड़कों पर उतरकर बड़ा आंदोलन करेंगी।

गांव में बढ़ रही समस्याएं

ग्रामीणों का कहना है कि अवैध कच्ची शराब के कारण गांव का माहौल खराब हो रहा है। शराब पीकर लोग झगड़े करते हैं, जिससे शांति भंग होती है। इसके अलावा, कई युवा इस लत में पड़कर अपने भविष्य को बर्बाद कर रहे हैं। महिलाओं ने बताया कि कच्ची शराब पीने से कई बार गंभीर बीमारियां और मौत तक हो चुकी है।

सोशल मीडिया पर वायरल हुआ वीडियो

महिलाओं का बनाया गया वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। इसमें साफ दिख रहा है कि महिलाएं किस तरह से शराब के उपकरण जब्त कर रही हैं और पूरे गोरखधंधे का खुलासा कर रही हैं। वीडियो वायरल होने के बाद से गांव और आसपास के इलाके में इस मुद्दे पर चर्चा तेज हो गई है।

ग्रामीणों की मांग

गांव की महिलाओं और अन्य ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि इस अवैध कारोबार को तुरंत बंद कराया जाए। साथ ही इसमें शामिल लोगों पर सख्त कार्रवाई हो। ग्रामीणों का कहना है कि अगर सरकार और प्रशासन सच में शराबबंदी को सफल बनाना चाहते हैं तो गांव स्तर पर चल रहे इस तरह के धंधों पर नकेल कसना जरूरी है।

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