राजेंद्र राठौर
झाबुआ, चंद्रशेखर आज़ाद स्मृति व्याख्यान माला के प्रथम सोपान का गरिमामय आयोजन शासकीय आदर्श महाविद्यालय झाबुआ के प्राचार्य सुरेश जैन की अध्यक्षता में संपन्न हुआ। आज की इस व्याख्यान माला में मानस मर्मज्ञ पंडित श्यामस्वरुप मनावत द्वारा वसुधैव कुटुंबकम् एवम भारतीय कुटुंब व्यवस्था पर पौराणिक संदर्भों के साथ अत्यंत ही सरल भाषा में व्यख्यान दिया गया जिससे उपस्थित समाजजन भावविभोर हो उठे। उन्होंने अपनी बात की शुरुआत भवन के मंगल भवन बनने से करते हुए कहा की दीवारों से भवन तो बन सकता है किंतु मंगल भवन उसमे रहने वालो के आचरण से बनता है। रामायण के एक प्रसंग का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा की हनुमान जी जब लंका में सीता मैया की जानकारी लेने पहुंचे तो असुरों की अट्टालिकाओं पर वे मच्छर के रूप में भ्रमण करते रहे लेकिन जैसे ही वे विभीषण के आवास के नजदीक पहुंचे तो वे अपने आपको ब्राह्मण के रूप में उसके आवास में जाने से नही रोक सके। आजकी भोगी संस्कृति पर कटाक्ष करते उन्होंने कहा की घर में समान नही अपितु संबंध महत्वपूर्ण होते है, सुविधाओ की अपेक्षा संवेदनाओं से घर का विस्तार होता है। घर केवल साथ रहने की जगह मात्र नही है बल्कि वह साथ जीने का तरीका है। उन्होंने जननी और मां में अंतर बताते हुए कहा की जननी होना मात्र एक शारीरिक घटना है किंतु मां होना एक सांस्कृतिक घटना है। कैकई और गांधारी के दृष्टांत देते हुए उन्होंने कहा की इन दोनो नारियों ने कुल की परंपराओं पर अपने पुत्रों को प्राथमिकता दी और यही कारण है की आज भी अपने समाज में अपनी बहन बेटियों का नामकरण इन नामो पर नहीं किया जाता। रामायण के ही एक और प्रसंग का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा की इन्द्र जीत मेघनाद की मृत्यु इंद्रियजीत लक्ष्मण के हाथो हुई जबकि दोनो की धर्मपत्नी सुलोचना और उर्मिला सतीत्व का स्तर बिलकुल समान था, अर्थात चरित्र की शक्ति ही सर्वोपरि होती है। वर्तमान की आपाधापी के कारण जनित समस्याओं के निदान के लिए उन्होंने कहा की हमारा भोजन सात्विक हो, भाषा शालीन हो, भवन मंगल हो और भेषज स्वदेशी हो तो हमारा जीवन निश्चित ही सफल हो जायेगा। आज के व्याख्यान में नगर के 500 से अधिक बुधीजन सम्मिलित हुए। आज की इस व्याख्यान माला का सफल संचालन अनिल कोठारी एवम वंदना जोशी द्वारा किया गया। कार्यक्रम में शुभम राव द्वारा एकल गीत की प्रस्तुति दी गई। शारदा विद्या मंदिर के छात्रों द्वारा दीप मंत्र की सुमधुर प्रस्तुति दी गई। कार्यक्रम के अंत में केशव इंटरनेशनल के विद्यार्थियों ने वंदे मातरम् की मनमोहक प्रस्तुति दी। समिति की तरफ से सचिव डॉक्टर वैभव सुराना ने आभार प्रकट किया।