मुंबई विश्वविद्यालय में भदंत विमांसा पर हमला – केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले ने की कड़ी निंदा

Aanchalik Khabre
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मुंबई विश्वविद्यालय में भदंत विमांसा पर हमले के विरोध में रामदास आठवले

मुंबई विश्वविद्यालय में भदंत विमांसा पर हमला की घटना ने पूरे शैक्षणिक जगत और सामाजिक संगठनों में आक्रोश पैदा कर दिया है। पाली विभाग को वित्तीय सहयोग, अलग दर्जा और भवन उपलब्ध कराने की मांग को लेकर पिछले 33 दिनों से भूख हड़ताल कर रहे बौद्ध भिक्षु भदंत विमांसा के साथ मारपीट और अपमानजनक व्यवहार की जानकारी सामने आई है।

भदंत विमांसा 14 अगस्त 2025 से लगातार भूख हड़ताल पर हैं। उनकी प्रमुख मांगों में न केवल पाली भाषा विभाग को वित्त पोषित करना और अलग भवन उपलब्ध कराना शामिल है, बल्कि विश्वविद्यालय के छात्रावास में अनुसूचित जाति और जनजाति विभाग के लिए आरक्षित स्थान सुनिश्चित करना भी शामिल है।

रामदास आठवले ने किया विरोध प्रदर्शन को समर्थन

सूत्रों के मुताबिक, जब केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू मुंबई विश्वविद्यालय पहुंचे तो भदंत विमांसा ने शांतिपूर्वक उन्हें ज्ञापन देने की कोशिश की। आरोप है कि इस दौरान विश्वविद्यालय के सुरक्षा कर्मियों ने उन्हें धक्का दिया, उनकी कमीज फाड़ दी और मारपीट की। इतना ही नहीं, भिक्षु के खिलाफ गलत एफआईआर भी दर्ज की गई।

घटना से क्षुब्ध होकर भदंत विमांसा ने विश्वविद्यालय गेट पर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। इस आंदोलन को समर्थन देने के लिए रिपब्लिकन पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय सामाजिक न्याय राज्य मंत्री रामदास आठवले स्वयं वहां पहुंचे। उन्होंने न केवल इस घटना की कड़ी निंदा की, बल्कि मुंबई विश्वविद्यालय प्रशासन और पुलिस अधिकारियों से सुरक्षा गार्डों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की।

SC-ST छात्रों के अधिकारों पर जोर

रामदास आठवले ने कहा कि विश्वविद्यालय परिसर में एक शांतिपूर्ण आंदोलनकारी के साथ हिंसक व्यवहार लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ है। उन्होंने आश्वासन दिया कि पाली विभाग और अनुसूचित जाति-जनजाति छात्रों के अधिकारों की रक्षा के लिए सरकार और उनका दल पूरी तरह से भदंत विमांसा के साथ खड़ा है।

उनके बयान ने स्पष्ट किया कि यह केवल भदंत विमांसा का संघर्ष नहीं, बल्कि शिक्षा में समानता, सामाजिक न्याय और अल्पसंख्यक समुदायों के अधिकारों की लड़ाई है। यह घटना विश्वविद्यालयों में आंदोलनकारियों के प्रति सुरक्षा और सम्मान की आवश्यकता को भी रेखांकित करती है।

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