बाबा भोलेनाथ के गाने पर जमकर ठुमके लगाए, शिव भक्त कांवड़िया।
ब्यूरो रिपोर्ट, भागलपुर बरुण कुमार
भागलपुर सुलतानगंज के अजगैबीनाथ धाम में श्रावणी मेला को लेकर शिव भक्त कांवड़िया का उत्तरवाहिनी गंगा घाट पर दिन प्रति दिन भीड़ उमड़ रही हैं। वहीं बिहार सरकार के पर्यटन विभाग के द्वारा एक से एक संस्कृति कार्यक्रम का आयोजन हो रहा है इसी को लेकर भजन सम्राट पंडित सुनील मिश्रा एवं पंडित सुनील मिश्रा के पुत्री अलका मिश्रा ने, भोलेनाथ के भक्ति भजन के माध्यम से शिव भक्तों को झूमने पर मजबूर कर दिया। एक से एक भजन बाबा भोलेनाथ के गाने के प्रसूति किए, वहीं शिव भक्तों ने जमकर ठुमके लगाते नजर आए। पंडित सुनील मिश्रा ने बताया कि बिहार सरकार के द्वारा बहुत ही अच्छी पहल है। पर्यटन विभाग ने शिव भक्त कांवड़िया के लिए, अजगैबीनाथ धाम से लेकर बाबा बैद्यनाथ धाम तक, कांवड़ियों के लिए हर सुख सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। मेरा 32 वां कांवड़ यात्रा है। वैसे भी सावन में तीन जिलों में मेरा भजन संध्या कार्यक्रम कर चुके हैं। मेरा भजन 61 देशों में भजन के माध्यम से सुनते हैं। ऐसा कार्यक्रम के लिए, जातें भी है। मुझे कई बार फिल्मों में काम करने का मौका मिला, दें भी रहे थे। बड़े बड़े अभिनेता,सब को ठुकराते हुए, मेंने भजन की राह को अपने जीवन को समर्पित कर दिया। कई भाषाओं में भजन गाए।आज मेरी पहचान मिला है।वह है भजन,जब पहली बार, टीसीरीज कंपनी में मौका मिला।
पंडित सुनील मिश्रा ने यह भी कहा, श्रावणी मेला के उद्घाटन समारोह के दौरान,4 जुलाई को बिहार को लेकर जो विवादित बयान दिऐ है, बालीवुड के मशहूर गायक पद्म श्री से सम्मानित कैलाश खेर ने दिए, ऐसा नहीं करना चाहिए था। सब कुछ रौडें पर चलता हैं।
बहुत ही शर्मनाक बात है। ऐसा बयान नहीं देना चाहिए, अजगैबीनाथ धाम विश्व प्रसिद्ध श्रावणी मेला है यह देश विदेश से लाखों शिव भक्त,यह पहुंचते हैं।
लोक गायिका ,भजन सम्राट अलका मिश्रा ने कही, अभी तक तीन जिला में प्रोग्राम किया हूं।शिव भक्तों को भजन संध्या में, कांवड़ियों को भजन के माध्यम से, सेवा कर रही हूं। वैसे भी बिहार से लेकर भारत के हर राज्य में भक्ति भजन कई भाषा में गाऐ है। मेरा मकसद भजन,गायण है।भजन संध्या में अपने पिता पंडित सुनील मिश्रा के साथ बराबर जाते थे। और बहुत ही आनंद आता था।भजन सुनने पर,आज मेरी पहचान भक्ति भजन से मिला है।मेरे गुरुदेव, मेरे पिता जी पंडित सुनील मिश्रा है।इस मुकाम तक पहुंचाने की उपलब्धियां।मेरे पिता जी को जाते हैं। जिस तरह से मेरे भजन पर शिव भक्त, कांवड़िया बाबा भोलेनाथ के गाने पर झुमते नजर आए। बहुत ही गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं।