वरिष्ठ भाजपा नेता एवं मुंबई के पूर्व उप महापौर श्री बाबूभाई भवानजी ने नेपाल में चल रहे भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलनों को भारत के लिए एक सामयिक चेतावनी बताया है। उन्होंने कहा कि भारत के भ्रष्ट अधिकारियों और राजनेताओं को इस घटना से सबक लेना चाहिए।
भारत में भ्रष्टाचार की स्थिति पर चिंता
श्री भवानजी ने एक बयान जारी कर कहा, “भारत के अधिकांश सरकारी कार्यालयों में बिना लेन-देन के कोई कार्य संपन्न नहीं होता। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने का पूर्ण प्रयास कर रहे हैं, किंतु सरकारी तंत्र में व्याप्त भ्रष्टाचार की मानसिकता में परिवर्तन नहीं आया है।”
कठोर कार्रवाई की अपील
उन्होंने मांग की कि प्रधानमंत्री को अब अन्य कार्यों को छोड़कर भ्रष्टाचार के खिलाफ निर्णायक अभियान चलाना चाहिए। श्री भवानजी ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा हाल की भर्तियों में दिखाई गई पारदर्शिता को एक आदर्श उदाहरण बताया।
कर सुधारों का सुझाव
उन्होंने कर चोरी रोकने के लिए सीधे टर्नओवर पर कर लगाने का सुझाव दिया, जिससे कर संग्रहण प्रणाली में पारदर्शिता बढ़े और गड़बड़ियों पर स्वत: अंकुश लगे।
नेपाल की स्थिति: एक चेतावनी
नेपाल में भ्रष्टाचार और बेरोजगारी के विरुद्ध चल रहे व्यापक विरोध प्रदर्शनों ने वहाँ की सरकार को हिलाकर रख दिया है। युवाओं का क्रोध सरकारी अक्षमता और राजनेताओं के संतानों की विलासितापूर्ण जीवनशैली के विरुद्ध है। #नेपोकिड्स के तहत सोशल मीडिया पर आम युवाओं की गरीबी और नेपाली राजनेताओं के बच्चों की विलासिता का तीखा विरोध हो रहा है।
ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल के अनुसार, नेपाल लगातार एशिया के सबसे भ्रष्ट देशों में शामिल रहा है। हाल की घटनाएँ दर्शाती हैं कि जनता का धैर्य अब टूट रहा है और वह सड़कों पर उतर रही है।
भारत के लिए निहितार्थ
श्री भवानजी ने चेतावनी दी कि यदि भारत में भ्रष्टाचार पर तत्काल नियंत्रण नहीं किया गया, तो नेपाल जैसी स्थिति उत्पन्न होना असंभव नहीं है। उन्होंने कहा कि “जनता का धैर्य सीमित होता है और भ्रष्टाचार के विरुद्ध उनका क्रोध किसी भी सरकार को बदल सकता है।”
यह बयान एक ऐसे समय में आया है जब भारत सरकार भ्रष्टाचार विरोधी उपायों को मजबूत करने पर विशेष बल दे रही है। नेपाल की घटनाएँ भारत सहित सभी लोकतांत्रिक देशों के लिए एक गंभीर सबक प्रस्तुत करती हैं।
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