नई दिल्ली, 9 सितंबर 2025
संसद भवन में आज उपराष्ट्रपति पद के लिए मतदान हो रहा है। यह चुनाव केवल संवैधानिक दृष्टि से नहीं बल्कि राजनीतिक समीकरणों के लिहाज से भी काफी अहम माना जा रहा है।
चुनाव क्यों हो रहा है?
पिछले उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने जुलाई 2025 में स्वास्थ्य कारणों से इस्तीफा दे दिया था। उनके पद छोड़ने के बाद यह चुनाव आवश्यक हो गया। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 67 और 68 के अनुसार उपराष्ट्रपति पद रिक्त होने पर छह महीने के भीतर नया चुनाव कराया जाना अनिवार्य है।
मुख्य उम्मीदवार कौन हैं?
इस चुनाव में दो प्रमुख उम्मीदवार आमने-सामने हैं:
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सी. पी. राधाकृष्णन – एनडीए के उम्मीदवार, वर्तमान में महाराष्ट्र के राज्यपाल और भाजपा के वरिष्ठ नेता। दक्षिण भारत में पार्टी के विस्तार में इनकी अहम भूमिका रही है।
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बी. सुदर्शन रेड्डी – विपक्षी INDIA गठबंधन के उम्मीदवार और सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश। न्यायपालिका में अपने सख्त फैसलों और निष्पक्ष छवि के लिए पहचाने जाते हैं।
चुनाव प्रक्रिया
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मतदान सुबह 10 बजे से शुरू होकर शाम 5 बजे तक चलेगा।
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गुप्त मतपत्र (secret ballot) प्रणाली अपनाई गई है, जिसमें सांसद अपनी प्राथमिकता अंकित करते हैं।
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वोटों की गिनती शाम को होगी और परिणाम आज ही घोषित होने की संभावना है।
राजनीतिक समीकरण
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एनडीए के पास संसद में स्पष्ट बहुमत है और लगभग 425 सांसदों का समर्थन प्राप्त है।
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INDIA गठबंधन के पास लगभग 320 सांसद हैं।
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कुछ क्षेत्रीय दल जैसे बीजेडी और बीआरएस ने मतदान से दूरी बनाने का फैसला किया है।
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विपक्ष ने मतदाताओं को प्रशिक्षण देने के लिए “मॉक वोटिंग” भी कराई ताकि कोई वोट अमान्य न हो।
किसके जीतने की संभावना अधिक?
राजनीतिक विश्लेषकों के अनुसार, संख्याबल की वजह से सी. पी. राधाकृष्णन की जीत लगभग तय मानी जा रही है। हालांकि विपक्ष ने इस चुनाव को “संविधान की रक्षा की लड़ाई” बताकर इसे एक वैचारिक संघर्ष का रूप दिया है।
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