विश्व स्ट्रोक दिवस (World Brain Stroke Day 2023)

News Desk
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Brain Stroke विनिता झा
विनिता झा

Brain Stroke मरीज तेजी से बढ़े हैं

Brain stroke को लकवा भी कहा जाता है, यह समस्या अधिकतर 50 वर्ष की आयु के बाद लोगों में देखने को मिलती हैं, परंतु पिछले कुछ समय से 30 से 35 वर्ष की आयु में भी Brain stroke के मरीज तेजी से बढ़े हैं। सर्दी के मौसम में ब्रेन स्ट्रोक का खतरा अधिक रहता है। इस समय इस बीमारी के बढ़ने को लेकर चिंताजनक स्थिति दिख रही है और इसीलिए इसको लेकर जागरूकता के उद्देश्य से हर साल 29 अक्टूबर को वर्ल्ड स्ट्रोक डे मनाया जाता है। चलिए समझते हैं कि आखिरBrain stroke कैसे होता है, इसके लक्षण क्या है और क्या-क्या सावधानियां बरतनी चाहिए ?

स्ट्रोक कैसे होता है और कितने प्रकार का होता है इस पर बात करते हुए डॉ अमित श्रीवास्तव, सीनियर कंसल्टेंट- न्यूरोलॉजिस्ट, धर्मशाला नारायणा सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल, दिल्ली ने बताया कि:-

1- Brain stroke कैसे होता है?

स्ट्रोक तब होता है जब शरीर की रक्त वाहिकाओं में वसा एकत्रित हो जाती है और इस कारण सिर में खून का प्रवाह किसी एक या कुछ वाहिकाओं में रुकता है। जब सिर में खून का प्रवाह नहीं हो पाता तो ऑक्सीजन तत्व भी नहीं पहुंच पाते और इस कारण सिर के अंदर उपस्थित कोशिकाएं तुरंत मर जाती हैं। कई बार इसका दूसरा कारण सिर में ब्लीडिंग भी हो सकता है। स्ट्रोक दो तरह के होते हैं माइनर स्ट्रोक और मेजर स्ट्रोक। ‌

Brain Stroke

Brain stroke दो तरह का होता है

1:-इस्कीमिक स्ट्रोक- यह स्ट्रोक नसों में ब्लॉकेज के कारण होता है। जितने भी स्ट्रोक आते हैं उसमें लगभग 87% इस्कीमिक स्ट्रोक ही होते हैं।

2:-हेमोरेजिक स्ट्रोक- यह स्ट्रोक ब्लीडिंग यानी रक्तस्राव के कारण आते हैं। जितने भी स्ट्रोक आते हैं उसमें लगभग 13% हेमोरेजिक स्ट्रोक या रक्तस्रावी स्ट्रोक होते हैं।

स्ट्रोक के लक्षणों पर बात करते हुए डॉ. रजत चोपड़ा, कंसलटेंट न्यूरोलॉजी, नारायणा सुपरस्पेशियलिटी हॉस्पिटल, गुरुग्राम बताते हैं:-

लक्षण-

स्ट्रोक के लक्षणों को समझना और तुरंत डॉक्टर के पास पहुंचना बहुत आवश्यक है, इसलिए कुछ ऐसे लक्षण होते हैं जो साफ़ तौर पर यह संदेश देते हैं कि मरीज स्ट्रोक के घेरे में है।

1-मरीज को बोलने और समझने में बहुत कठिनाई होती है-

स्ट्रोक के लक्षणों में यह भी एक प्रकार की समस्या है जिसमें मरीज को बोलने और समझने में बहुत कठिनाई होती है वह अचानक से किसी वाक्य को बोलने में सक्षम नहीं हो पाता उसे यदि कोई भी संवाद करने को कहा जाए तो वह उसमें असफल होता है उसे कुछ समझ में भी नहीं आता, उस दरमियान ऐसे में मरीज को शांत रहने के लिए कहें और तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

2-शरीर के कुछ हिस्सों में कमजोरी आ जाती है या फिर वहां पर सुन्न पड़ जाता है-

इसमें व्यक्ति के किसी एक हिस्से में जैसे हाथ या पैर में सुन्न पड़ जाने की समस्या होती है। अधिकतर मामलों में यह शरीर के किसी भी एक हिस्से में ही होता है पूरे शरीर में नहीं होता। इसे पहचानने के लिए मरीज को अपने हाथ और पैर को उठाने या फिर मुस्कुराने के लिए कहा जाता है क्योंकि उसके चेहरे के भी एक हिस्से में सुन्न पड़ने की समस्या हो सकती है।

3-चलने और बैठने में मुश्किल होना-

इस प्रकार के लक्षणों में व्यक्ति अपना संतुलन खो देता है और वह चलने बैठने में खुद को सक्षम नहीं पाता, उसे चक्कर आने की भी दिक्कत हो सकती है और वह शारीरिक रूप से खुद को कमजोर महसूस करता है।

4-गंभीर सिरदर्द

मरीज को बगैर किसी बीमारी के सिर में तेज दर्द होता है। अचानक से उठे इस तेज दर्द को गंभीर संकेत मानना चाहिए और तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।

5-आंखों की रोशनी चली जाती है

इसमें रेटिनल आर्टरी ऑक्लूजन की वजह से आंखों में खून का थक्का बन जाता है और इस कारण आंखों की रोशनी भी चली जाती है, मरीज को कुछ भी दिखाई नहीं देता, यह एक आंख या फिर दोनों आंखों में भी हो सकता है। कई बार कुछ मामलों में आंखों की रोशनी वापस आ सकती है परंतु यह एक गंभीर समस्या है बाद में मरीज अंधापन का भी शिकार हो सकता है, इसलिए ऐसे लक्षणों में तुरंत डॉक्टर के पास पहुंचे।

डॉक्टर प्रशांत चौधरी, सीनियर कंसल्टेंट, न्यूरो सर्जरी, श्री बालाजी एक्शन मेडिकल इंस्टिट्यूट, कारण व सावधानियों को लेकर बताते हैं:-

Brain stroke के कारण

आजकल की अनियमित जीवन शैली, अस्वस्थ आहार, तनाव व शराब, सिगरेट और गुटखा के अत्यधिक सेवन इत्यादि के चलते व्यक्ति को हाई ब्लड प्रेशर, डायबिटीज, दिल की बीमारी उत्पन्न होती है जिसके कारण स्ट्रोक आने की संभावना बनी रहती है।

Brain stroke से कैसे बचें?

इस समस्या से बचने के लिए आपको अपनी जीवन शैली को सही करना होगा पोषण युक्त आहार को अपने जीवन में शामिल करना होगा। सैचुरेटेड फैट, नमक, ट्रांस फैट और हाई कोलेस्ट्रॉल वाली चीजों से बचें, फल और सब्जियां भरपूर मात्रा में खाएं। इसके अलावा व्यायाम योगाभ्यास को भी अपने जीवन शैली में सम्मिलित करना होगा। शराब का सेवन व तंबाकू इत्यादि के सेवन से दूर रहें, तनाव मुक्त जीवन जियें और स्वस्थ रहें।

 

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